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Bengal: TMC का साथ देने वाले पुलिस अधिकारियों को शुभेंदु की चेतावनी, कहा- भाजपा उनकी हर गतिविधि पर रख रही नजर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: दीपक कुमार शर्मा
Updated Sat, 19 Jul 2025 11:22 PM IST
सार
भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि जो अधिकारी टीएमसी का साथ दे रहे हैं, उनकी हर गतिविधि पर भाजपा नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को चुनाव बाद हुई हिंसा में भाजपा कार्यकर्ता अविजित सरकार की हत्या की घटना को भूलना नहीं चाहिए।
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शुभेंदु अधिकारी, नेता विपक्ष और भाजपा विधायक
- फोटो : ANI
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विस्तार
पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी का साथ देने वाले पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा उनकी हर गतिविधि पर नजर रख रही है।
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अधिकारी ने एक प्रेस कॉन्फेंस को संबोधित करते हुए दावा किया कि 2021 के विधानसभा चुनावों के बाद हुई हिंसा में 57 भाजपा कार्यकर्ता मारे गए और 1,000 से ज्यादा घायल हुए। इतना ही नहीं लाखों लोग विस्थापित भी हुए।
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अविजित सरकार की हत्या मामले को नहीं भूलना चाहिए
अधिकारी ने कहा कि चुनाव बाद हुई हिंसा में नारकेलडांगा में भाजपा कार्यकर्ता अविजित सरकार की हत्या हुई थी। इस मामले में एक सेवानिवृत्त सहायक आयुक्त, एक निरीक्षक और एक होमगार्ड को जेल भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस घटना को नहीं भूलना चाहिए।
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अधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा, 'मैं उन कई आईपीएस अधिकारियों को आगाह कर रहा हूं जो सत्तारूढ़ टीएमसी के अवैध कार्यों, अनियमितताओं और अपराधों में सहायता और प्रोत्साहन देते रहते हैं। वे ऐसा करना बंद करें। आपकी हर गतिविधि पर ध्यान दिया जा रहा है। आपमें से किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। भाजपा देख रही है। नारकेलडांगा के तीन पुलिस अधिकारियों के साथ जो हुआ, उसे मत भूलना।'
भाजपा विधायक का आरोप- जबरन वसूली में शामिल अधिकारियों का एक वर्ग
भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों का एक वर्ग मवेशियों, रेत और कोयले की तस्करी और जबरन वसूली में शामिल है। उन्होंने दावा किया कि उनके पास उनके बारे में पुख्ता जानकारी है।
सरकार की हत्या मामले में सीबीआई ने 30 जून को दाखिल किया दूसरा आरोप-पत्र
विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद हुई सरकार की हत्या के मामले में, सीबीआई ने टीएमसी विधायक परेश पॉल और सत्तारूढ़ दल के दो पार्षदों के नाम भी आरोपपत्र में दर्ज किए थे, लेकिन उन्होंने कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने एजेंसी को 1 अगस्त तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया। सीबीआई ने 30 जून को इस मामले में अपना दूसरा पूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें 18 आरोपियों के नाम शामिल थे। इनमें नारकेलडांगा थाने के प्रभारी सुभाजीत सेन, हत्याकांड की जांच अधिकारी रत्ना सरकार और होमगार्ड दीपांकर देबनाथ शामिल थे।
अदालत ने 18 आरोपियों को किया था तलब, 15 पेश हुए
अदालत ने शुक्रवार को सभी 18 आरोपियों को तलब किया था, जिनमें से 15 पेश हुए। अंतरिम राहत पाने वाले विधायक और पार्षद नहीं आए। पेश हुए 15 आरोपियों में से 11 को जमानत मिल गई। तीन पुलिसकर्मियों और एक सह-आरोपी सुजाता डे सहित चार को जेल भेज दिया गया। सेन पिछले साल नवंबर में सहायक आयुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए, जबकि सरकार इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं, और देबनाथ होमगार्ड ही हैं।
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अदालत के निर्देशों का पालन कराने का होगा हर संभव प्रयास: आयुक्त
21 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस की शहीद दिवस रैली होनी है। इसे लेकर कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने शनिवार को तैयारियों की समीक्षा की। इसके बाद उन्होंने कहा कि रैली पर उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन कराने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने उस दिन यात्रा में आने-जाने में परेशानी का सामना करने वाले आम लोगों के लिए तीन हेल्पलाइन नंबर 1073, 9830811111 और 9830010000 भी शुरू किए हैं। वर्मा ने कहा कि इस संबंध में सभी अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। हम यातायात को सुचारू रूप से चलाने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों और नागरिक स्वयंसेवकों को तैनात करेंगे। उन्होंने शहर के विभिन्न चौराहों का दौरा किया और सत्तारूढ़ दल की वार्षिक रैली के लिए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।