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Politics: 'कुछ विपक्षी दल एसआईआर की बेवजह आलोचना कर रहे हैं', विरोधियों पर जमकर बरसे केंद्रीय मंत्री ललन सिंह
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता
Published by: पवन पांडेय
Updated Sat, 02 Aug 2025 05:16 PM IST
सार
Lalan Singh On Bihar SIR: केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ दल बेवजह एसआईआर की आलोचना कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि एसआईआर चुनाव आयोग की तरफ से किया जा रहा है, इसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
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राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, केंद्रीय मंत्री
- फोटो : ANI
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विस्तार
केंद्रीय मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने शनिवार को कहा कि मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) केंद्र सरकार की तरफ से नहीं, बल्कि पूरी तरह से चुनाव आयोग की तरफ से किया जा रहा है। कोलकाता में पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के मत्स्य अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों पर इस प्रक्रिया का राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगाया।
यह भी पढ़ें - Bihar: वोटर लिस्ट में तेजस्वी यादव को ढूंढ़कर ट्रोल कर रहे लोग, भाजपा ने किया शेयर; कहा था- मेरा नाम भी डिलीट
'SIR चुनाव आयोग की प्रक्रिया है'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'एसआईआर की शुरुआत केंद्र ने नहीं की है। यह चुनाव आयोग की प्रक्रिया है। आयोग केवल यह जांच रहा है कि देश के असली नागरिक कौन हैं। क्या जो लोग मर चुके हैं या देश छोड़ चुके हैं, उनके नाम वोटर लिस्ट में रहने चाहिए?' उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, 'दुर्भाग्य से कुछ विपक्षी दलों को मृत लोगों के नाम वोटर लिस्ट में चाहिए लगते हैं।'
नागरिकता साबित करने के लिए 11 विकल्प
उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने नागरिकता साबित करने के लिए 11 विकल्प दिए हैं। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा, 'मेरी वोटर लिस्ट में पहले से एंट्री थी और मैंने 2003 से पहले भी मतदान किया है। फिर भी मैंने फॉर्म भरा, क्योंकि मैं लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखता हूं। इसमें गलत क्या है?'
तेजस्वी यादव पर भी साधा निशाना
बिहार के नेता तेजस्वी यादव के नाम वोटर लिस्ट से बाहर होने के सवाल पर मंत्री ने जवाब दिया, 'क्या तेजस्वी जी 2003 के बाद पैदा हुए हैं? उन्हें फॉर्म भरना था, क्या उन्होंने भरा?' उन्होंने कहा कि ऑनलाइन फॉर्म में एक विकल्प आता है जिससे पता चलता है कि आपकी जानकारी 2003 से पहले की है या नहीं। उन्होंने दोबारा फॉर्म भरने को एक सामान्य प्रक्रिया बताया।
बंगाली प्रवासियों पर उत्पीड़न के आरोप खारिज
राजीव रंजन सिंह ने पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार की तरफ से लगाए गए बंगाली भाषी प्रवासियों के उत्पीड़न के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा, 'ऐसा कोई डराने-धमकाने का मामला सामने नहीं आया है। बंगाली भाषी नागरिक यह तय कर सकते हैं कि वे अपने मूल स्थान पर नाम दर्ज करवाना चाहते हैं या अपने कार्यस्थल पर। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद उन्हें अनुमति दी जाती है। कोई दुर्व्यवहार नहीं किया जा रहा है।'
यह भी पढ़ें - Politics: 'भारत को एक आवाज, एक पार्टी, एक विचारधारा वाला देश नहीं बनने देंगे', BJP पर अभिषेक मनु सिंघवी हमलावर
घुसपैठियों की पहचान जरूरी- ललन सिंह
उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह सत्यापन प्रक्रिया इसलिए भी जरूरी है ताकि बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की जा सके, जो फर्जी दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड के जरिए भारत में रह रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, 'क्या टीएमसी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करना चाहती?'
मनरेगा फंड और राहुल गांधी पर जवाब
पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा फंड रोके जाने के आरोपों पर उन्होंने कहा, 'मैं उस विभाग से नहीं हूं, लेकिन संसद में यह विषय उठा और संबंधित मंत्री ने इस पर ठोस तर्कों के साथ जवाब दिया। कोर्ट का आदेश ग्रामीण विकास मंत्रालय देख रहा है।' 'ऑपरेशन सिंदूर' और एसआईआर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए मंत्री बोले, 'देश राहुल गांधी की बातों से नहीं चलता।'
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'SIR चुनाव आयोग की प्रक्रिया है'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'एसआईआर की शुरुआत केंद्र ने नहीं की है। यह चुनाव आयोग की प्रक्रिया है। आयोग केवल यह जांच रहा है कि देश के असली नागरिक कौन हैं। क्या जो लोग मर चुके हैं या देश छोड़ चुके हैं, उनके नाम वोटर लिस्ट में रहने चाहिए?' उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, 'दुर्भाग्य से कुछ विपक्षी दलों को मृत लोगों के नाम वोटर लिस्ट में चाहिए लगते हैं।'
नागरिकता साबित करने के लिए 11 विकल्प
उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने नागरिकता साबित करने के लिए 11 विकल्प दिए हैं। उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा, 'मेरी वोटर लिस्ट में पहले से एंट्री थी और मैंने 2003 से पहले भी मतदान किया है। फिर भी मैंने फॉर्म भरा, क्योंकि मैं लोकतांत्रिक प्रक्रिया में विश्वास रखता हूं। इसमें गलत क्या है?'
तेजस्वी यादव पर भी साधा निशाना
बिहार के नेता तेजस्वी यादव के नाम वोटर लिस्ट से बाहर होने के सवाल पर मंत्री ने जवाब दिया, 'क्या तेजस्वी जी 2003 के बाद पैदा हुए हैं? उन्हें फॉर्म भरना था, क्या उन्होंने भरा?' उन्होंने कहा कि ऑनलाइन फॉर्म में एक विकल्प आता है जिससे पता चलता है कि आपकी जानकारी 2003 से पहले की है या नहीं। उन्होंने दोबारा फॉर्म भरने को एक सामान्य प्रक्रिया बताया।
बंगाली प्रवासियों पर उत्पीड़न के आरोप खारिज
राजीव रंजन सिंह ने पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार की तरफ से लगाए गए बंगाली भाषी प्रवासियों के उत्पीड़न के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा, 'ऐसा कोई डराने-धमकाने का मामला सामने नहीं आया है। बंगाली भाषी नागरिक यह तय कर सकते हैं कि वे अपने मूल स्थान पर नाम दर्ज करवाना चाहते हैं या अपने कार्यस्थल पर। दस्तावेजों के सत्यापन के बाद उन्हें अनुमति दी जाती है। कोई दुर्व्यवहार नहीं किया जा रहा है।'
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घुसपैठियों की पहचान जरूरी- ललन सिंह
उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह सत्यापन प्रक्रिया इसलिए भी जरूरी है ताकि बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान की जा सके, जो फर्जी दस्तावेजों जैसे आधार कार्ड के जरिए भारत में रह रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, 'क्या टीएमसी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करना चाहती?'
मनरेगा फंड और राहुल गांधी पर जवाब
पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा फंड रोके जाने के आरोपों पर उन्होंने कहा, 'मैं उस विभाग से नहीं हूं, लेकिन संसद में यह विषय उठा और संबंधित मंत्री ने इस पर ठोस तर्कों के साथ जवाब दिया। कोर्ट का आदेश ग्रामीण विकास मंत्रालय देख रहा है।' 'ऑपरेशन सिंदूर' और एसआईआर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए मंत्री बोले, 'देश राहुल गांधी की बातों से नहीं चलता।'