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Ditwah: 'भारत हमेशा श्रीलंका के साथ खड़ा मिलेगा...', पीएम मोदी ने दिसानायके को लिखा पत्र; मदद का आश्वासन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: निर्मल कांत
Updated Wed, 24 Dec 2025 06:52 AM IST
सार
Ditwah: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके को पत्र लिखकर चक्रवात दित्वाह के बाद भारत की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पड़ोसी देश के जीवन को पटरी पर लाने के लिए अगले चरण में भी श्रीलंका का भरोसेमंद साझेदार रहेगा और उसे 45 करोड़ डॉलर का सहायता पैकेज देगा।
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पीएम मोदी
- फोटो : एक्स/नरेंद्र मोदी
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विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने चक्रवात दित्वाह के बाद भारत की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत मिलकर श्रीलंका में जीवन को फिर से पटरी पर लाने और देश को मजबूत बनाने में सहयोग करेगा।
उन्होंने चक्रवात प्रभावित श्रीलंका की मदद के चलाए गए भारत के 'ऑपरेशन सागर बंधु' की भी सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राहत सामग्री, आपातकालीन सामान और खोज व बचाव कार्यों में जुटे भारतीय दलों ने चिकित्सा आपात स्थितियों से निपटने और संपर्क व संचार व्यवस्था बहाल करने में श्रीलंका की मदद की।
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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में लिखा कि 'पड़ोसी पहले' नीति और 'पहले प्रतिक्रिया देने' की प्रतिबद्धता के तहत भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया। इसके तहत भारतीय जहाजों, विमानों और हेलिकॉप्टर्स से राहत सामग्री और जरूरी सामान पहुंचाया गया। भारतीय दलों ने खोज और बचाव कार्यों में सहयोग किया और चिकित्सा आपात स्थितियों व महत्वपूर्ण संचार व्यवस्था को बहाल करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि इस अभियान ने श्रीलंका में कई लोगों की मदद की और इसे भारत-श्रीलंका के गहरे संबंधों का प्रतीक माना गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि अब जब श्रीलंका पुनर्निर्माण के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है, तो भारत एक भरोसेमंद साझेदार और सच्चे मित्र के रूप में हरसंभव सहायता देगा। उन्होंने कहा कि पहले की तरह भारत श्रीलंका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा और देश को फिर से मजबूत बनाने में सहयोग करेगा।
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पत्र में पीएम मोदी ने यह भी जानकारी दी कि भारत श्रीलंका को एक व्यापक सहायता पैकेज प्रदान करेगा। उन्होंने भरोसा जताया कि श्रीलंका पहले से ज्यादा मजबूत होकर उभरेगा और राष्ट्रीय विकास व प्रगति की इस यात्रा में उसे हमेशा भारत का साथ मिलेगा। इससे पहले मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोलंबो में बताया कि भारत ने चक्रवात दित्वाह के बाद श्रीलंका के पुनर्निर्माण के लिए 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर का सहायता पैकेज प्रस्तावित किया है।
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उन्होंने चक्रवात प्रभावित श्रीलंका की मदद के चलाए गए भारत के 'ऑपरेशन सागर बंधु' की भी सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राहत सामग्री, आपातकालीन सामान और खोज व बचाव कार्यों में जुटे भारतीय दलों ने चिकित्सा आपात स्थितियों से निपटने और संपर्क व संचार व्यवस्था बहाल करने में श्रीलंका की मदद की।
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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पत्र में लिखा कि 'पड़ोसी पहले' नीति और 'पहले प्रतिक्रिया देने' की प्रतिबद्धता के तहत भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया। इसके तहत भारतीय जहाजों, विमानों और हेलिकॉप्टर्स से राहत सामग्री और जरूरी सामान पहुंचाया गया। भारतीय दलों ने खोज और बचाव कार्यों में सहयोग किया और चिकित्सा आपात स्थितियों व महत्वपूर्ण संचार व्यवस्था को बहाल करने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि इस अभियान ने श्रीलंका में कई लोगों की मदद की और इसे भारत-श्रीलंका के गहरे संबंधों का प्रतीक माना गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि अब जब श्रीलंका पुनर्निर्माण के अगले चरण की ओर बढ़ रहा है, तो भारत एक भरोसेमंद साझेदार और सच्चे मित्र के रूप में हरसंभव सहायता देगा। उन्होंने कहा कि पहले की तरह भारत श्रीलंका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा और देश को फिर से मजबूत बनाने में सहयोग करेगा।
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पत्र में पीएम मोदी ने यह भी जानकारी दी कि भारत श्रीलंका को एक व्यापक सहायता पैकेज प्रदान करेगा। उन्होंने भरोसा जताया कि श्रीलंका पहले से ज्यादा मजबूत होकर उभरेगा और राष्ट्रीय विकास व प्रगति की इस यात्रा में उसे हमेशा भारत का साथ मिलेगा। इससे पहले मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोलंबो में बताया कि भारत ने चक्रवात दित्वाह के बाद श्रीलंका के पुनर्निर्माण के लिए 45 करोड़ अमेरिकी डॉलर का सहायता पैकेज प्रस्तावित किया है।