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स्टार्टअप महाकुंभ में महाजंग: पीयूष गोयल की किस बात पर बवाल, दिग्गज उद्यमियों के निशाने पर क्यों आए मंत्री?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Sat, 05 Apr 2025 05:35 AM IST
सार

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में भारतीय स्टार्टअप को लेकर कुछ ऐसा कह दिया, जिस पर बवाल मच गया। उन्होंने कहा कि क्या भारत के लोग केवल कम वेतन वाले डिलीवरी बॉय या गर्ल बनकर ही रह जाएंगे, जबकि चीन लगातार एआई और इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में नए-नए काम कर रहा है। भारतीय स्टार्टअप को सोचना चाहिए कि वह क्या कर रहे हैं? इसे लेकर भारतीय उद्यमियों ने मोर्चा खोल दिया। आइए पूरे मामले को समझते हैं विस्तार से...

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Startup Maha Kumbh: What did Piyush Goyal say that caused ruckus why big entrepreneurs Slams Modi govt Updates
पीयूष गोयल - फोटो : amarujala.com
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विस्तार
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भारतीय स्टार्टअप तंत्र के मूल्य और नवाचार पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की ओर से उठाए गए सवाल से एक नया विवाद शुरू हो गया है। गोयल की टिप्पणी पर जेप्टो के सीईओ आदित पालीचा समेत कई दिग्गज उद्यमियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।

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वाणिज्य मंत्री ने स्टार्टअप महाकुंभ में कहा था, स्टार्टअप को अपना ध्यान किराना सामान की डिलीवरी और आइसक्रीम बनाने से हटाकर मशीन लर्निंग, सेमीकंडक्टर, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे प्रौद्योगिकी पर लगाना चाहिए। गोयल ने चीन के स्टार्टअप तंत्र से तुलना करते हुए कहा, भारत में हमने डिलीवरी एप्स बनाए हैं, जो बहुत तेजी से सामान पहुंचा रहे हैं। क्या हम डिलीवरी बॉय या गर्ल बनकर खुश रहेंगे? क्या यही भारत की नियति है? यह स्टार्टअप नहीं, उद्यमिता है। दूसरी तरफ (चीन में) क्या हो रहा है...रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, 3डी विनिर्माण, एआई और अगली पीढ़ी के कारखानों पर काम हो रहा है।
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मंत्री ने आगे कहा, युवाओं को सस्ते श्रमबल की ओर धकेला जा रहा है, ताकि अमीर लोगों को घर बैठे खाना मिल सके। गोयल की टिप्पणी पर जेप्टो के सीईओ ने कहा, भारतीय उपभोक्ता इंटरनेट स्टार्टअप की आलोचना आसान है। खासकर जब उनकी तुलना अमेरिका/चीन में विकसित की जा रही गहन प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता से करते हैं।



पीछे खींचने की जगह समर्थन करें
जेप्टो सीईओ ने कहा, स्टार्टअप्स केवल नौकरियां ही नहीं दे रहे, बल्कि नवाचार, तकनीक और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में भी योगदान दे रहे हैं। एक अरब डॉलर से अधिक एफडीआई लाना, भारत की बैकएंड आपूर्ति शृंखलाओं को व्यवस्थित करने में सैकड़ों करोड़ का निवेश, यह भारतीय नवाचार में चमत्कार नहीं तो क्या है?

पलीचा ने कहा, स्टार्टअप तंत्र, सरकार व भारतीय पूंजी के बड़े पूल के मालिकों को स्थानीय चैंपियन के निर्माण में समर्थन करना चाहिए। उन टीमों को पीछे नहीं हटाना चाहिए, जो वहां पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं।

यह भी पढ़ें- चीन की जवाबी कार्रवाई, सहमे शेयर बाजार; बड़ी गिरावट से बेपरवाह ट्रंप गोल्फ कोर्स पहुंचे

चीन से तुलना करना ठीक नहीं : पई
इन्फोसिस के पूर्व सीएफओ मोहनदास पई ने कहा, मंत्रियों को भरोसा बनाए रखना चाहिए। उच्च प्रौद्योगिकी वाले स्टार्टअप की मदद करने और मुश्किलों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। उद्योग अपने वादे पर खरा उतरेगा। उन्होंने कहा, चीन से तुलना सही नहीं है, क्योंकि भारत में भी ऐसे स्टार्टअप हैं। हालांकि, वे छोटे हैं।

विकास के लिए परिवेश की कमी : मित्तल
शादी डॉट कॉम के संस्थापक अनुपम मित्तल ने कहा, कुछ महीनों में कुछ उच्च प्रौद्योगिकी कंपनियों से मिला हूं, जिन्होंने चौंका दिया है। भारतीय उद्यमी एआई और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से लेकर मैटेरियल साइंस तक दुनिया को चुनौती देने के लिए तैयार हैं। लेकिन, विकास और व्यावसायीकरण के लिए पूंजी एवं परिवेश की भारी कमी है।

एक अन्य उद्यमी मुर्तजा अमीन ने सोशल मीडिया पर लिखा, मैं मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में 100 लोगों की एक सॉफ्टवेयर कंपनी चलाता हूं। मैं बुरहानपुर की अर्थव्यवस्था में हर साल करोड़ों डॉलर लाता हूं और वहां का सबसे बड़ा व्हाइट कॉलर नियोक्ता हूं। और आप इसे बारे में बात कर रहे हैं कि कैसे भारतीय स्टार्टअप नवाचार नहीं कर रहे हैं?

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