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Supreme Court: एल्गार परिषद मामले में ज्योति की जमानत पर आठ को होगी सुनवाई, भीमा-कोरेगांव हिंसा से जुड़ा केस
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Sat, 06 Sep 2025 04:49 PM IST
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सार
सुप्रीम कोर्ट आठ सितंबर को एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में गिरफ्तार एक्टिविस्ट ज्योति जगताप की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा। जगताप को 2020 में गिरफ्तार किया गया था और उन पर कबीर कला मंच के जरिए भड़काऊ नारे लगाने का आरोप है। एनआईए ने एक अन्य आरोपी महेश राऊत को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत को भी चुनौती दी है।

सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
सुप्रीम कोर्ट आगामी सोमवार को एक्टिविस्ट ज्योति जगताप की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा। जगताप को 2020 में एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में गिरफ्तार किया गया था। यह सुनवाई ऐसे समय हो रही है जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक अन्य आरोपी और एक्टिविस्ट महेश राऊत को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली जमानत को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अदालत इस याचिका पर भी सुनवाई करेगी।
हाईकोर्ट ने महेश राऊत को जमानत दी थी, लेकिन एनआईए ने इस आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। एनआईए का आरोप है कि ज्योति जगताप कबीर कला मंच की सक्रिय सदस्य थीं और उन्होंने 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में मंच से भड़काऊ और उत्तेजक नारे लगाए।
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कबीर कला मंच और माओवादी लिंक का आरोप
एनआईए के अनुसार, कबीर कला मंच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का फ्रंट संगठन है। जांच एजेंसी का दावा है कि जगताप और अन्य सदस्यों ने सम्मेलन में ऐसे गीत और नारे पेश किए, जिनसे जनता को भड़काया गया। अदालत ने भी माना था कि जगताप पर लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया गंभीर और आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े हैं।
कोरेगांव-भीमा हिंसा से जुड़ा मामला
एल्गार परिषद का यह सम्मेलन पुणे के शनिवारवाड़ा किले में हुआ था। आरोप है कि इस सम्मेलन में दिए गए भाषणों और नारों ने 1 जनवरी 2018 को पुणे के बाहरी इलाके कोरेगांव-भीमा में हुई हिंसा को भड़काने में अहम भूमिका निभाई। इस हिंसा में कई लोग घायल हुए थे और सामाजिक तनाव बढ़ गया था।
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गिरफ्तारी और जेल में बंदी
ज्योति जगताप, जो एक गायिका और एक्टिविस्ट भी हैं, को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था। फरवरी 2022 में विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने भी उनकी अपील खारिज कर दी थी। फिलहाल वह जेल में बंद हैं और सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई अहम
अब सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई होना बाकी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम. एम. सुंदरश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। इस सुनवाई से यह तय होगा कि ज्योति जगताप को जेल से राहत मिलेगी या नहीं।

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हाईकोर्ट ने महेश राऊत को जमानत दी थी, लेकिन एनआईए ने इस आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। एनआईए का आरोप है कि ज्योति जगताप कबीर कला मंच की सक्रिय सदस्य थीं और उन्होंने 31 दिसंबर 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में मंच से भड़काऊ और उत्तेजक नारे लगाए।
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कबीर कला मंच और माओवादी लिंक का आरोप
एनआईए के अनुसार, कबीर कला मंच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का फ्रंट संगठन है। जांच एजेंसी का दावा है कि जगताप और अन्य सदस्यों ने सम्मेलन में ऐसे गीत और नारे पेश किए, जिनसे जनता को भड़काया गया। अदालत ने भी माना था कि जगताप पर लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया गंभीर और आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े हैं।
कोरेगांव-भीमा हिंसा से जुड़ा मामला
एल्गार परिषद का यह सम्मेलन पुणे के शनिवारवाड़ा किले में हुआ था। आरोप है कि इस सम्मेलन में दिए गए भाषणों और नारों ने 1 जनवरी 2018 को पुणे के बाहरी इलाके कोरेगांव-भीमा में हुई हिंसा को भड़काने में अहम भूमिका निभाई। इस हिंसा में कई लोग घायल हुए थे और सामाजिक तनाव बढ़ गया था।
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गिरफ्तारी और जेल में बंदी
ज्योति जगताप, जो एक गायिका और एक्टिविस्ट भी हैं, को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था। फरवरी 2022 में विशेष अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने भी उनकी अपील खारिज कर दी थी। फिलहाल वह जेल में बंद हैं और सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई अहम
अब सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई होना बाकी है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम. एम. सुंदरश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। इस सुनवाई से यह तय होगा कि ज्योति जगताप को जेल से राहत मिलेगी या नहीं।
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