सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Supreme Court said It is important to tell the pregnant rape victim about her legal rights

सुप्रीम कोर्ट: गर्भवती दुष्कर्म पीड़िता को उसके कानूनी अधिकार के बारे में बताना जरूरी

एजेंसी, नई दिल्ली Published by: Kuldeep Singh Updated Sat, 13 Mar 2021 05:01 AM IST
विज्ञापन
Supreme Court said  It is important to tell the pregnant rape victim about her legal rights
supreme court - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुष्कर्म पीड़ित गर्भवती को उसके कानूनी अधिकारों के बारे में बताया जाना चाहिए। कोर्ट ने 20 सप्ताह से ज्यादा का अनचाहा गर्भ गिराने के मामलों में फैसला लेने के लिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मेडिकल बोर्ड गठित करने की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

Trending Videos


दरअसल, मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 की धारा 3 के तहत 20 सप्ताह के बाद गर्भ गिराने पर प्रतिबंध है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन


राज्यों में मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग पर चार सप्ताह में जवाब देेने को कहा
चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने 14 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता की याचिका पर सुनवाई की। पीड़िता के वकील वीके बीजू ने चिकित्सीय आधार पर 26 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति नहीं मांगने का फैसला किया, जिसके बाद पीठ ने हर राज्य में मेडिकल बोर्ड गठित करने के मुद्दे को उठाया।

इससे पहले, पीड़िता ने भ्रूण को गिराने की अनुमति मांगने के साथ ही हर राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में मेडिकल बोर्ड गठित करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की थी।

सुनवाई के दौरान बीजू ने कहा, हम भ्रूण को गिराने की अनुमति नहीं मांगेंगे, लेकिन मेडिकल बोर्ड गठित करने की मांग करते हैं क्योंकि याचिका दायर करते समय मैंने पीड़िता के दर्द को देखा था। इस पर पीठ ने कहा कि हम आपके दूसरे अनुरोध पर नोटिस जारी करेंगे।

पीठ ने केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि अगर स्थानीय बोर्ड ऐसे मामले देखेगा तो यह काफी मददगार होगा। यह एक अलग मामला है, जहां दुष्कर्म का केस दर्ज नहीं किया गया।

अगर केस दर्ज होता तो कुछ तंत्र होता, जहां आप पीड़िता से संपर्क करती कि क्या वह गर्भवती है और उसके कानूनी अधिकार क्या है। इस पर भाटी ने कहा कि वह मामले में हलफनामा दायर करेंगी। इससे पहले, कोर्ट ने दो मार्च को करनाल के सिविल अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से पीड़िता के अनुरोध पर रिपोर्ट मांगी थी।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed