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Supreme Court: फॉर्मूला ई रेस मामले में केटीआर को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर के खिलाफ याचिका की खारिज

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: बशु जैन Updated Wed, 15 Jan 2025 03:20 PM IST
सार

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने फॉर्मूला ई रेस से जुड़े मामले दर्ज मुकदमे को रद्द की मांग वाली केटीआर की याचिका खारिज कर दी है। पीठ ने कहा कि वह हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है।  इसके बाद केटी रामा राव के वकील ने मामले को वापस ले लिया।

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supreme court updates Shock to KTR in Formula E race case, SC rejects petition against FIR
सुप्रीम कोर्ट - फोटो : एएनआई (फाइल)
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विस्तार
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फॉर्मूला ई रेस से जुड़े मामले में आरोपी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने फॉर्मूला ई रेस से जुड़े मामले दर्ज मुकदमे को रद्द की मांग वाली केटीआर की याचिका खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है।

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सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और प्रसन्ना बी वराले की पीठ ने याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद केटी रामा राव के वकील ने मामले को वापस ले लिया। इससे पहले सात जनवरी को तेलंगाना हाईकोर्ट ने केटी रामा राव की याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर लगाई रोक भी हटा दी थी। 31 दिसंबर को हाईकोर्ट ने केटीआर की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। 
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हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आरोपों से पता चलता है कि राव ने राज्य मंत्रिमंडल या वित्त विभाग से किसी भी मंजूरी लिए बिना हैदराबाद महानगर विकास प्राधिकरण (एचएमडीए) को एक विदेशी कंपनी को भारी रकम का भुगतान करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा था कि क्या याचिकाकर्ता ने खुद को या तीसरे पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए बेईमानी से उक्त भुगतान का निर्देश दिया था, इसकी जांच की जानी चाहिए। प्रथम दृष्टया एचएमडीए के धन के दुरुपयोग और गलत काम का मामला बनता है। इसलिए जांच एजेंसी को जांच करने और सबूत इकट्ठा करने का उचित अवसर मिलना चाहिए, और अदालत जांच में बाधा नहीं डाल सकती।

क्या है पूरा मामला
दिसंबर 2024 में एसीबी ने पिछले बीआरएस शासन के दौरान 2023 में रेस आयोजित करने के लिए केटीआर और दो अन्य के खिलाफ कथित भुगतान पर मामला दर्ज किया था, इसमें से अधिकांश विदेशी मुद्रा में बिना मंजूरी के थे। यह हैदराबाद में फरवरी 2023 में आयोजित फॉर्मूला-ई रेस के दौरान किए गए कथित भुगतान में अनियमितताओं से जुड़ा है। इस मामले में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष 16 जनवरी को पेश होना है।

ईडी की प्राथमिकी में पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) के बेटे केटीआर आरोपी संख्या-1 के रूप में नामित किया गया गया है। इसके अलावा, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी अरविंद कुमार को आरोपी संख्या-2 और सेवानिवृत्त अधिकारी बीएलएन रेड्डी को आरोपी संख्या-3 के रूप में नामित किया गया गया है। सूत्रों के मुताबिक, मामला करीब 55 करोड़ रुपये के भुगतान से जुड़ा है, जिसमें से कुछ भुगतान बिना अनुमोदन (अप्रूवल) विदेशी मुद्रा में किए गए थे और यह भुगतान फॉर्मूल-ई रेस के आयोजन के लिए किया गया था। बता दें कि पिछले बीआरएस शासन के दौरान 2023 नगरपालिका प्रशासन मंत्री थे। 

पूरे भारत में वाहनों के लिए रंग-कोडेड स्टिकर अनिवार्य बनाने पर विचार-विमर्श 
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को देश भर में वाहनों के लिए होलोग्राम-आधारित रंग-कोडित स्टिकर को अनिवार्य बनाने के लिए मंथन किया। साथ ही प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्र मानदंडों के प्रभावी कार्यान्वयन पर भी जोर दिया। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ इस मामले में सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि वह मोटर वाहन (उच्च सुरक्षा पंजीकरण प्लेट) आदेश, 2018 में संशोधन करने के लिए केंद्र को निर्देश जारी करेगी।
इस दौरान पीठ ने मामले में केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाली अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से पूछा कि क्या GRAP-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू है क्योंकि AQI 480 के करीब पहुंच रहा है। इस पर भाटी ने कहा कि इस बारे में जवाब दाखिल किया जाएगा। 

वहीं, वाहनों के लिए होलोग्राम-आधारित रंग-कोडेट स्टिकर से संबंधित मुद्दे पर सुनवाई के दौरान वकील ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) राज्यों में भी, सभी पुराने वाहनों को तीसरा पंजीकरण चिह्न प्रदान नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में काम बहुत धीमे हो रहा है।  

 बढ़ते साइबर अपराध पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने देश में साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन सर्विस को लागू करने के लिए दूर संचार नियाम प्राधिकरण ट्राई को निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है।

यह याचिका बंगलुरू के गौरीशंकर एस ने दाखिल की है। इस याचिका में साइबर अपराध के बढ़ते खतरे और अनचाहे कॉल की समस्या का जिक्र किया गया है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए कहा कि हम जानते हैं कि साइबर अपराध बड़ा मुद्दा है। केंद्र को जवाब देना चाहिए।

एम एम लॉरेंस की बेटियों की याचिका खारिज 
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वरिष्ठ वाम नेता एम एम लॉरेंस की बेटियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने पिता के पार्थिव शरीर को सरकारी अस्पताल के बजाय उन्हें सौंपे जाने का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने सुनवाई करते हुए केरल हाईकोर्ट के 18 दिसंबर, 2024 के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

केरल हाईकोर्ट ने दिवंगत नेता की बेटियों आशा लॉरेंस और सुजाता बोबन की उस अपील को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने पिता के पार्थिव शरीर को मेडिकल कॉलेज को सौंपने के एकल न्यायाधीश के फैसले को चुनौती दी थी।

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