सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Suvendu Adhikari flags surge in voter registrations in Bengal, alleges bid to legalise infiltrators

Bengal: मतदाता पंजीकरण में बढ़ोतरी पर भाजपा चिंतित, घुसपैठियों को निवास प्रमाण पत्र जारी करने का लगाया आरोप

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: राहुल कुमार Updated Mon, 28 Jul 2025 05:55 PM IST
सार

वरिष्ठ भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशियों सहित अवैध प्रवासियों को सामूहिक निवास प्रमाण पत्र जारी करके मतदाता का दर्जा दिलाने में मदद कर रही है।

विज्ञापन
Suvendu Adhikari flags surge in voter registrations in Bengal, alleges bid to legalise infiltrators
शुभेंदु अधिकारी, नेता विपक्ष और भाजपा विधायक - फोटो : ANI
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता और भाजपा विधाय शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल सरकार अवैध घुसपैठियों को बड़े पैमाने पर निवास प्रमाण पत्र जारी कर उन्हें मतदाता बनाने में मदद कर रही है। जिनमें रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशी शामिल हैं। उन्होंने कई संवेदनशील सीमावर्ती जिलों में नए मतदाता पंजीकरण में असामान्य वृद्धि को लेकर भी आरोप लगाए हैं।

Trending Videos


ममता सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया कि पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में एक परेशान करने वाला रुझान सामने आया है। पिछले सप्ताह औसतन 70000 से अधिक फॉर्म-6 आवेदन जमा किए गए हैं, जो सामान्य 20,000-25,000 से काफी अधिक है। खासकर कूचबिहार, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी, मालदा, उत्तरी दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, नादिया और उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना जिलों में ये बढ़ोतरी देखने को मिली है।
विज्ञापन
विज्ञापन


उन्होंने आगे लिखा कि यह उछाल और इसके साथ-साथ पश्चिम बंगाल प्रशासन द्वारा निवास प्रमाण पत्र जारी करने की खबरें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि राज्य सरकार रोहिंग्या मुसलमानों और अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को वैध मतदाता बनाने के लिए अनैतिक और अवैध प्रयास कर रही है, ताकि मतदाता सूची में हेरफेर किया जा सके।

चुनाव आयोग को लिखा पत्र
अधिकारी ने एक 26 जुलाई को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को भेजा गया पत्र भी संलग्न किया है। जिसमें उन्होंने मांग की है कि 25 जुलाई या उसके बाद जारी किए गए किसी भी निवास प्रमाण पत्र को मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान अमान्य माना जाए, अगर ऐसी प्रक्रिया राज्य में लागू की जाती है।

उन्होंने कहा, हमारे लोकतंत्र की अखंडता की रक्षा की जानी चाहिए और वोट बैंक की राजनीति के निहित स्वार्थों के लिए इसे कमजोर नहीं होने दिया जा सकता। जिला चुनाव अधिकारियों को यह याद रखना चाहिए कि उन्हें स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है, और उनकी निष्ठा देश के प्रति और देश के हितों की रक्षा के प्रति है।

ये भी पढ़ें: Bengal: बंगाली प्रवासियों पर हमलों के खिलाफ CM ममता का विरोध मार्च, कहा- बंगाल में नहीं लागू होगी एनआरसी

अधिकारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने मुर्शिदाबाद, मालदा, दिनाजपुर, नादिया, कूचबिहार और 24 परगना सहित कई संवेदनशील जिलों के जिलाधिकारियों और उप-मंडल अधिकारियों को बड़ी संख्या में निवास प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिए हैं।

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को राज्य की मतदाता सूचियों के अपेक्षित विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से पहले ही प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। यह प्रक्रिया पड़ोसी राज्य बिहार में पहले से ही चल रही है। हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक पश्चिम बंगाल में किसी भी एसआईआर अभ्यास की औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन टीएमसी को आशंका है कि राज्य को जल्द ही इसमें शामिल किया जा सकता है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed