{"_id":"689218987067deca79094dad","slug":"tariff-war-government-will-create-a-special-fund-of-20-thousand-crores-2025-08-05","type":"story","status":"publish","title_hn":"Tariff War: 20 हजार करोड़ का स्पेशल फंड बनाएगी सरकार, ट्रंप के टैरिफ वॉर से निर्यातकों को बचाने की तैयारी","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Tariff War: 20 हजार करोड़ का स्पेशल फंड बनाएगी सरकार, ट्रंप के टैरिफ वॉर से निर्यातकों को बचाने की तैयारी
डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Tue, 05 Aug 2025 08:13 PM IST
विज्ञापन

पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रंप
- फोटो : ANI
विज्ञापन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो 'टैरिफ वॉर' शुरू किया है, वह यदि जमीन पर उतरता है तो इससे देश के लाखों हथकरघा कारीगरों को भारी नुकसान होगा। भारत के हथकरघा उत्पादों का सबसे बड़ा खरीदार अमेरिका है। यदि अमेरिका इन उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाता है तो इससे अमेरिका को होने वाला निर्यात प्रभावित होगा। इससे इस सेक्टर में काम कर रहे लोगों के सामने बेरोजगारी का बड़ा खतरा भी बन सकता है।
लेकिन केंद्र सरकार ने भारतीय निर्यातकों को ऐसे झटकों से बचाने की योजना तैयार कर ली है। केंद्र सरकार 20 हजार करोड़ रुपये का विशेष फंड बनाने जा रही है जिससे भारतीय उत्पादकों, निर्यातकों को ऐसे अंतरराष्ट्रीय झटकों से बचाया जा सके। आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैें कि केंद्र सरकार के दखल से अमेरिकी टैरिफ वॉर के नुकसान को कम किया जा सकता है।
एक अनुमान के अनुसार, भारत का इंटीरियर डिज़ाइन मार्केट 2024 में 36.4 बिलियन डॉलर का है। इसमें वार्षिक 14.3 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज की जा रही है। देश का इंटीरियर डिज़ाइन मार्केट 2033 तक दोगुना होकर 71 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इन उत्पादों का बड़ा निर्यात बाजार अमेरिका है जो भारत से भारी मात्रा में इन वस्तुओं का आयात करता है। लेकिन टैरिफ वॉर से इस पर बुरा असर पड़ने की संभावना है।
विशेषज्ञ ने कहा- बचाव संभव
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (एफआईसीओ) के एससी रहलान ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ से भारतीय एक्सपोर्टर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि चीन के बाद अमेरिका हमारा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। इस बीच सरकार निर्यातकों को बचाने के लिए एक बड़ी योजना बना रही है। यह योजना लगभग 20,000 करोड़ की होगी। सरकार का लक्ष्य है कि सितंबर तक इस योजना को शुरू कर दिया जाए। इसका उद्देश्य दुनिया भर के उतार-चढ़ावों से भारतीय निर्यातकों को बचाया जा सके।
यशोभूमि में होगा आयोजन
देश के इंटीरियर मार्केट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बाजार और तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से आईएमएम इंडिया का गठन किया गया है। अगले वर्ष 11-14 मार्च को दिल्ली के यशोभूमि में इसके अंतर्गत एक बड़ा कार्यक्रम कर देश के इंटीरियर बाजार के व्यापारियों और विशेषज्ञों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।

Trending Videos
लेकिन केंद्र सरकार ने भारतीय निर्यातकों को ऐसे झटकों से बचाने की योजना तैयार कर ली है। केंद्र सरकार 20 हजार करोड़ रुपये का विशेष फंड बनाने जा रही है जिससे भारतीय उत्पादकों, निर्यातकों को ऐसे अंतरराष्ट्रीय झटकों से बचाया जा सके। आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैें कि केंद्र सरकार के दखल से अमेरिकी टैरिफ वॉर के नुकसान को कम किया जा सकता है।
विज्ञापन
विज्ञापन
एक अनुमान के अनुसार, भारत का इंटीरियर डिज़ाइन मार्केट 2024 में 36.4 बिलियन डॉलर का है। इसमें वार्षिक 14.3 फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज की जा रही है। देश का इंटीरियर डिज़ाइन मार्केट 2033 तक दोगुना होकर 71 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इन उत्पादों का बड़ा निर्यात बाजार अमेरिका है जो भारत से भारी मात्रा में इन वस्तुओं का आयात करता है। लेकिन टैरिफ वॉर से इस पर बुरा असर पड़ने की संभावना है।
विशेषज्ञ ने कहा- बचाव संभव
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (एफआईसीओ) के एससी रहलान ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ से भारतीय एक्सपोर्टर्स की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि चीन के बाद अमेरिका हमारा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। इस बीच सरकार निर्यातकों को बचाने के लिए एक बड़ी योजना बना रही है। यह योजना लगभग 20,000 करोड़ की होगी। सरकार का लक्ष्य है कि सितंबर तक इस योजना को शुरू कर दिया जाए। इसका उद्देश्य दुनिया भर के उतार-चढ़ावों से भारतीय निर्यातकों को बचाया जा सके।
यशोभूमि में होगा आयोजन
देश के इंटीरियर मार्केट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बाजार और तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से आईएमएम इंडिया का गठन किया गया है। अगले वर्ष 11-14 मार्च को दिल्ली के यशोभूमि में इसके अंतर्गत एक बड़ा कार्यक्रम कर देश के इंटीरियर बाजार के व्यापारियों और विशेषज्ञों को अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।