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Owaisi vs Rahul: 'दूसरे पर उंगली उठाने से पहले खुद आइना देखें', कांग्रेस सांसद पर भड़के AIMIM सांसद की नसीहत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Published by: ज्योति भास्कर
Updated Sat, 18 Nov 2023 05:53 PM IST
सार
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। तेलंगाना में चुनावी सरगर्मियों के बीच हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राहुल को आड़े हाथ लिया। AIMIM सांसद ने उंगली उठाने से पहले खुद आइना देखने की नसीहत दे डाली।
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राहुल गांधी को ओवैसी की नसीहत, हैदराबाद आने की चुनौती भी दी (फाइल)
- फोटो : amar ujala
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विस्तार
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच राजधानी हैदराबाद से निर्वाचित सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने राहुल को "दूसरों पर उंगली उठाने से पहले खुद को आईने में देखने" की नसीहत भी दे डाली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला और लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन को लेकर भी तंज कसा।
राजधानी हैदराबाद के नामपल्ली विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार माजिद हुसैन के समर्थन में घर-घर अभियान के दौरान ओवैसी ने कहा, "राहुल गांधी की अध्यक्षता में, कांग्रेस ने 540 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा। फिर भी, 2019 के आम चुनावों में कांग्रेस केवल 50 सीटों पर सिमट कर रह गई। उन्होंने राहुल से सवाल किया कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से कितना पैसा लिया? कांग्रेस सांसद को नसीहत देने से पहले राहुल ने कहा, दूसरों पर उंगली उठाने से पहले उन्हें पहले खुद को आईने में देखना चाहिए।
ओवैसी ने कहा, कांग्रेस पार्टी शिवसेना (महाराष्ट्र में यूबीटी) के साथ गठबंधन में हैं। इस पार्टी का हाथ अयोध्या की बाबरी मस्जिद के विध्वंस में भी हाथ था। उन्होंने कहा, कांग्रेस की चिंता का कारण है कि एआईएमआईएम अल्पसंख्यकों और गरीबों की आवाज बनकर उभरी है। उन्होंने कहा कि हमारे पास राजनीतिक जनाधार है, पार्टी कांग्रेस से लड़ रही है और आगे भी ऐसा करना जारी रखेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक ओवैसी ने एक अन्य वक्तव्य में कांग्रेस सांसद राहुल को हैदराबाद में आकर सियासी ताकत आजमाने की चुनौती भी दी।
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस के घोषणापत्र पर निशाना साधते हुए, एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि उनकी चुनावी प्रतिज्ञा की सूची खोखले वादे हैं। ये केवल "कागज के टुकड़े पर स्याही" के समान हैं। ओवैसी के मुताबिक कांग्रेस के घोषणापत्र में कुछ भी नहीं है। उन्होंने एक वैवाहिक योजना का प्रस्ताव रखा है जिसके तहत गैर-मुसलमानों को बहुत सारे लाभ दिए जाएंगे और मुस्लिम महिलाओं को कुछ भी नहीं। यह फैसला उनके चयनात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान अभी समाप्त हुआ है। ओवैसी ने सवाल किया कि कांग्रेस ने इन राज्यों में कोई अल्पसंख्यक घोषणा पत्र क्यों जारी नहीं किया? उन्होंने कहा, तेलंगाना में कांग्रेस अल्पसंख्यकों पर इसलिए ध्यान दे रही है क्योंकि वे जानते हैं कि प्रदेश में एआईएमआईएम की पकड़ मजबूत है। औवेसी ने कहा, वे हमसे डरते हैं।
राहुल की टिप्पणी- कांग्रेस सरकार बनने पर तेलंगाना में 'मोहब्बत की दुकान' खोली जाएगी। इस पर ओवैसी ने कहा कि राहुल जिसका प्रतिनिधित्व करते हैं वह प्यार नहीं बल्कि नफरत है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं। ओवैसी ने सवाल किया कि जब हमारे कपड़ों और टोपी पर उंगलियां उठाई जा रही हैं, तो प्यार के बारे में उनकी सभी बातों से क्या निकलेगा?"
पिछले चुनाव में कांग्रेस और बीआरएस को कितनी सीटें मिलीं?
बता दें कि तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद वोटों की गिनती 3 दिसंबर को निर्धारित की गई है। बता दें कि तेलंगाना चुनाव में AIMIM ने हैदराबाद की नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। प्रदेश में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कुल वोट शेयर का 47.4 प्रतिशत हासिल करते हुए 119 में से 88 सीटें जीती थीं। कांग्रेस केवल 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। बता दें कि बीआरएस को ही पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नाम से जाना जाता था।
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राजधानी हैदराबाद के नामपल्ली विधानसभा क्षेत्र में पार्टी उम्मीदवार माजिद हुसैन के समर्थन में घर-घर अभियान के दौरान ओवैसी ने कहा, "राहुल गांधी की अध्यक्षता में, कांग्रेस ने 540 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा। फिर भी, 2019 के आम चुनावों में कांग्रेस केवल 50 सीटों पर सिमट कर रह गई। उन्होंने राहुल से सवाल किया कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से कितना पैसा लिया? कांग्रेस सांसद को नसीहत देने से पहले राहुल ने कहा, दूसरों पर उंगली उठाने से पहले उन्हें पहले खुद को आईने में देखना चाहिए।
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ओवैसी ने कहा, कांग्रेस पार्टी शिवसेना (महाराष्ट्र में यूबीटी) के साथ गठबंधन में हैं। इस पार्टी का हाथ अयोध्या की बाबरी मस्जिद के विध्वंस में भी हाथ था। उन्होंने कहा, कांग्रेस की चिंता का कारण है कि एआईएमआईएम अल्पसंख्यकों और गरीबों की आवाज बनकर उभरी है। उन्होंने कहा कि हमारे पास राजनीतिक जनाधार है, पार्टी कांग्रेस से लड़ रही है और आगे भी ऐसा करना जारी रखेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक ओवैसी ने एक अन्य वक्तव्य में कांग्रेस सांसद राहुल को हैदराबाद में आकर सियासी ताकत आजमाने की चुनौती भी दी।
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए जारी कांग्रेस के घोषणापत्र पर निशाना साधते हुए, एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि उनकी चुनावी प्रतिज्ञा की सूची खोखले वादे हैं। ये केवल "कागज के टुकड़े पर स्याही" के समान हैं। ओवैसी के मुताबिक कांग्रेस के घोषणापत्र में कुछ भी नहीं है। उन्होंने एक वैवाहिक योजना का प्रस्ताव रखा है जिसके तहत गैर-मुसलमानों को बहुत सारे लाभ दिए जाएंगे और मुस्लिम महिलाओं को कुछ भी नहीं। यह फैसला उनके चयनात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान अभी समाप्त हुआ है। ओवैसी ने सवाल किया कि कांग्रेस ने इन राज्यों में कोई अल्पसंख्यक घोषणा पत्र क्यों जारी नहीं किया? उन्होंने कहा, तेलंगाना में कांग्रेस अल्पसंख्यकों पर इसलिए ध्यान दे रही है क्योंकि वे जानते हैं कि प्रदेश में एआईएमआईएम की पकड़ मजबूत है। औवेसी ने कहा, वे हमसे डरते हैं।
राहुल की टिप्पणी- कांग्रेस सरकार बनने पर तेलंगाना में 'मोहब्बत की दुकान' खोली जाएगी। इस पर ओवैसी ने कहा कि राहुल जिसका प्रतिनिधित्व करते हैं वह प्यार नहीं बल्कि नफरत है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं। ओवैसी ने सवाल किया कि जब हमारे कपड़ों और टोपी पर उंगलियां उठाई जा रही हैं, तो प्यार के बारे में उनकी सभी बातों से क्या निकलेगा?"
पिछले चुनाव में कांग्रेस और बीआरएस को कितनी सीटें मिलीं?
बता दें कि तेलंगाना में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद वोटों की गिनती 3 दिसंबर को निर्धारित की गई है। बता दें कि तेलंगाना चुनाव में AIMIM ने हैदराबाद की नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। प्रदेश में सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कुल वोट शेयर का 47.4 प्रतिशत हासिल करते हुए 119 में से 88 सीटें जीती थीं। कांग्रेस केवल 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। बता दें कि बीआरएस को ही पहले तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नाम से जाना जाता था।