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Telangana Exclusive: केसीआर के गढ़ में बसपा भी मैदान में, भाजपा-कांग्रेस के क्या हैं जमीनी हाल, पढ़ें रिपोर्ट

नितिन यादव Published by: यशोधन शर्मा Updated Thu, 23 Nov 2023 07:49 AM IST
सार

दिलाबाद शहर के द्वारकानगर चौराहे पर बीआरएस का प्रचार वाहन जाता है तो फिर कांग्रेस का आ जाता है। वह अपनी छह गारंटियों के बारे में प्रचार कर रहा है। इसी बीच युवा अफजल कहते हैं कि कांग्रेस की गारंटी अच्छी हैं।

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Telangana Exclusive BSP also in the fray in KCR's stronghold, what is ground condition BJP-Congress, report
तेलंगाना में चुनाव
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विस्तार
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देख लेंगे और गुलाबी झंडा फहराएंगे। आदिलाबाद के द्वारका नगर में बीआरएस की प्रचार गाड़ी में गाना बज रहा है। रात के नौ बजे चुनाव अपने रंग पर है। एक जमाने में यह बड़ा जिला था लेकिन अब इसके चार हिस्से हैं। आदिलाबाद, मंचिरयाल, निर्मल और आसिफाबाद। इन चार जिलों की दस सीटों पर बीआरएस का कब्जा है। आसिफाबाद से कांग्रेस जीती थी लेकिन विधायक बीआरएस में चले गए थे।

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सभी जगह बीआरएस, कांग्रेस और भाजपा में मुकाबला है। केसीआर के गढ़ में बीएसपी ने भी मजबूत प्रत्याशी उतारे हैं। निर्मल की एक सीट से बीएसपी का
विधायक रह भी चुका है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रवीण कुमार भी इसी क्षेत्र के कागजनगर से मैदान में हैं। पढ़ें नितिन यादव की रिपोर्ट...
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दिलाबाद शहर के द्वारकानगर चौराहे पर बीआरएस का प्रचार वाहन जाता है तो फिर कांग्रेस का आ जाता है। वह अपनी छह गारंटियों के बारे में प्रचार कर रहा है। इसी बीच युवा अफजल कहते हैं कि कांग्रेस की गारंटी अच्छी हैं। उनका कहना है कि जो बीआरएस दे रही है, लगभग वैसा ही कांग्रेस देगी तो बदलकर भी देखा जाना चाहिए। साजिद कहते हैं कि कांग्रेस सस्ता सिलिंडर सभी को देगी लेकिन बीआरएस ने उसमें कुछ शर्त लगाई है।

यहां बैठे चार युवा राजनीति की अच्छी जानकारी वाले दिखे। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रचार करने
आएंगे। आदिलाबाद शहर में चार बार से विधायक बीआरएस के जोगू रमन्ना के सामने कांग्रेस से श्री निवास रेड्डी और भाजपा से पायल शंकर लड़ रहे हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी छह महीने पहले ही भाजपा से पार्टी में आए और उन्हें टिकट मिल गया।

इससे नाराज होकर पुराने कांग्रेसियों ने एक अन्य प्रत्याशी संजीव रेड्डी को निर्दलीय उतार दिया है। बस अड्डे पर चाय की दुकान चलाने वाले विश्वास का कहना है कि भाजपा के प्रत्याशी लगातार चौथी बार चुनाव लड़ रहे हैं। वह लोगों के बीच सक्रिय रहते हैं। उनका मानना है कि कई प्रत्याशियों की लड़ाई में इस बार आदिलाबाद शहर की सीट पर भाजपा को फायदा होगा। आदिलाबाद जिले की बोथ सीट पर मुकाबला चतुष्कोणीय है। यहां पर आदिलाबाद से बीजेपी के सांसद सोयम बापू राव अब विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।

उनके सामने कांग्रेस के ए गजेंद्र, बीआरएस के अनिल जाधव और बसपा से जंग बापू मेश्राम हैं। निर्मल देख चुका है बड़ा सांप्रदायिक बवाल निजामाबाद से आदिलाबाद के बीच में निर्मल शहर पड़ता है। शहर में विकास कार्य दिखाई देता है। लोग श्रेय स्थानीय मंत्री काे देते हैं। निर्मल जिले के भैंसा क्षेत्र में 2008 के सांप्रदायिक बवाल में पुलिस की गोलीबारी से तीन लोग मारे गए थे। गांव वटोली में छह लोगों को जिंदा जला दिया गया था।

पत्रकार सैयद अजहर कहते हैं कि निर्मल और अन्य इलाका इससे कम ही प्रभावित हुआ है। सदर की सीट पर बीआरएस के मंत्री ए इंदिरा करण रेड्डी के सामने कांग्रेस के जी गणिराव हैं तो भाजपा से ए महेश्वर रेड्डी हैं। यहां तीनों में कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है। निर्मल जिले की मुधूल सीट महाराष्ट्र के बॉर्डर पर है। यहां से बीआरएस के दो बार के विधायक विट्ठल रेड्डी के सामने दो चचेरे भाई रामाराव पटेल बीजेपी से और नारायण राव पटेल कांग्रेस से मैदान में हैं।

एक दौर में आदिलाबाद था व्हाइट गोल्ड सिटी

मुस्लिम शासक आदिल वाजिद शाह के नाम पर इस शहर का नाम आदिलाबाद पड़ा। किसान मुख्यतः कपास की फसल लेते हैं। एक जमाने में कपास की कई मिलें थीं। देशभर में यहीं से निर्यात होता था। इसी वजह से इसे व्हाइट गोल्ड सिटी यानी सफेद सोने का शहर भी कहा जाता है। अब कॉटन की मिलें लगभग बंद हो गई हैं।

पास का ही जिला निर्मल अपने लकड़ी के खिलौनों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में बीडी बनाने का भी काम होता है। महाराष्ट्र का बॉर्डर होने के कारण यहां तेलुगू और उर्दू के साथ मराठी भी बोली जाती है। गोंड और लंबाड़ा जनजातियों के कारण उनकी भाषा भी ग्रामीण क्षेत्रों में कही कही सुनी जा सकती है।

हैदराबाद के बाहर ओवैसी बेअसर
आदिलाबाद सीट पर लगभग 18 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं। लोगों ने बताया कि ओवैसी का असर हैदराबाद के बाहर ज्यादा नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार महबूब अली के मुताबिक, पिछले चुनाव में मुस्लिमों ने बीआरएस को बड़ी संख्या में वोट दिया था। इस बार माहौल देखकर रुख तय करेंगे। उटनूर के मिठाई व्यापारी शेख जाकिर का कहना है कि मुस्लिम दोनों ओर रहेंगे।

उनके दोस्तों में ही बंटवारा हो गया है। वहीं मुत्तनूर गांव में कृष्णा श्री निवास का कहना है कि कांग्रेस ने रेवंत रेड्डी को आगे करके अच्छा किया है। वह लोगों से मिलते रहते हैं।

जनजातियों में भी आपसी मनमुटाव
गोंड और लंबाड़ा जनजातियों के वोटों की संख्या अच्छी खासी है। जिले की खानापुर की सीट इनके लिए रिजर्व है। गौंड को एसटी का दर्जा पहले से ही है जबकि लंबाड़ा को बाद में दिया गया। महाराष्ट्र में लंबाडा जनजाति पिछड़ा वर्ग में आती है। इससे गोंड कहते हैं कि उनके हिस्से का आरक्षण लंबाड़ा को दिया गया। उटनूर के आईबी चौक पर दुकानदार लंबाड़ा जनजाति के प्रेम प्रकाश का कहना है, यह चुनावों में ज्यादा उभारा जाता है।

खानापुर से बीआरएस ने विधायक अजमेरा नायक का टिकट काटकर मुख्यंत्री के मंत्री बेटे केटीआर के साथ पढ़े जानसन नायक को मैदान में उतारा है। भाजपा से सांसद और विधायक रहे चुके रमेश राठौड़ मैदान में हैं। वह अपनी पत्नी को भी जितवा चुके हैं। कांग्रेस के 35 वर्षीय युवा गुज्जू पटेल हैं। उनकी साधारण परिवार की छवि और युवा होना लोगों काे भा रहा है।

आसपास के जिलों का हाल

पिछली बार कांग्रेस के आथरम सुक्कु ने बीआरएस की कोवा लक्ष्मी को महज 171 वोट से हराया था। बाद में बीआरएस में ही शामिल हो गए। अब यहां से बीआरएस की कोवा लक्ष्मी, कांग्रेस से श्याम नायक और भाजपा केे आतमरम नायक में मजबूत मुकाबला है। इसी जिले के शिरपुर यानी कागजनगर में बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आैर पूर्व आईपीएस अधिकारी प्रवीण कुमार मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने भाजपा के हरीश बाबू, बीआरएस के विधायक कोनेरू कोनप्पा और कांग्रेस से आर श्रीनिवास हैं। जानकारों का कहना है कि यहां पर बसपा सभी को चौंका सकती है।

कागज का पुराना कारखाना होने के कारण इस क्षेत्र को कागजनगर के नाम से भी जाना जाता है। इस जिलों की तीनों सीटों पर पिछले चुनाव में बीआरएस ने जोरदार प्रदर्शन किया था लेकिन इस बार मंचिरयाल, वेलमपेल्ली और चैन्नूर में कांग्रेस भी अच्छी स्थिति में दिखाई दे रही है। मंचिरयाल में बीआरएस के एमएलए दिवाकर राव के सामने कांग्रेस के प्रेम सागर राव, वेलमपेल्ली में बीआरएस के डी चैन्नरया के सामने कांग्रेस के जी विनोद और चैन्नूर में विधायक सुमन के सामने कांग्रेस के विवेक मैदान में हैं।

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