तेलंगाना: KCR बोले- BRS को हराने के लिए BJP-कांग्रेस की सांठगांठ, एक-दूसरे के खिलाफ नहीं उतारे मजबूत प्रत्याशी
Telangana polls: भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, दोनों राष्ट्रीय दल केसीआर से डरे हुए हैं। उन्हें लगता है कि अगर वह तेलंगाना में जीत जाते हैं, तो वह महाराष्ट्र आएंगे और बांसुरी बजाएंगे।
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तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए जैसे-जैसे दिन करीब आ रहे हैं, सियासी नेताओं के एक-दूसरे पर हमले तेज हो रहे हैं। इस बीच, राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (राव) ने शनिवार को आरोप लगाया कि भाजपा और कांग्रेस ने उनकी राजनीतिक गतिविधियों को सीमित करने के लिए सांठगांठ की और यह सुनिश्चित किया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) का विस्तार महाराष्ट्र में न हो।
एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राव ने दोनों राष्ट्रीय दलों पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन के दौरान तेलंगाना बर्बाद हो गया जबकि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने राज्य के लिए एक भी मेडिकल कॉलेज या नवोदय स्कूल को मंजूरी नहीं दी है। बीआरएस उम्मीदवार के लिए वोट मांगते हुए केसीआर ने कहा कि विकास जारी रखने के लिए उनकी पार्टी को फिर से सत्ता में लाना चाहिए।
भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, दोनों राष्ट्रीय दल केसीआर से डरे हुए हैं। उन्हें लगता है कि अगर वह तेलंगाना में जीत जाते हैं, तो वह महाराष्ट्र आएंगे और बांसुरी बजाएंगे। महाराष्ट्र में 150 पंचायतों ने प्रस्ताव पारित कर उन्हें तेलंगाना में मिलाने का अनुरोध किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों दलों के बीच एक-दूसरे के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार नहीं उतारने की मौन सहमति है। राव ने कहा, 'जब तेलंगाना में केसीआर की हार होती है तो वे सुरक्षित महसूस करते हैं।'
उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी की बैठकों को महाराष्ट्र के लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। तेलंगाना की उपलब्धियां गिनाते हुए राव ने कहा कि राज्य ने धान उत्पादन में पंजाब को पीछे छोड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि बीआरएस का जन्म तेलंगाना राज्य की उपलब्धि और यहां के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए हुआ था। मुख्यमंत्री ने लोगों से पिछले दस वर्षों के दौरान हुए राज्य के विकास की तुलना कांग्रेस के 50 वर्षों के शासन से करने के लिए भी कहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस पार्टी थी जिसने यहां के लोगों की सहमति के बिना तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का विलय कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप 50 साल तक परेशानी का सामना करना पड़ा। केसीआर ने कहा, 'कांग्रेस के शासन के दौरान तेलंगाना में स्थिति अराजक थी। उन्होंने कभी परवाह नहीं की। पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। आत्महत्याएं हुईं। यह कांग्रेस पार्टी थी जिसने तेलंगाना को बर्बाद कर दिया।'