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Telangana: BRS की धरणी योजना पर उठे सवाल, केसीआर ने किया बचाव तो BJP-कांग्रेस ने लिया खत्म करने का संकल्प
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Published by: काव्या मिश्रा
Updated Fri, 10 Nov 2023 12:35 PM IST
सार
मुख्यमंत्री ने साल 2020 में अक्तूबर में धरणी पोर्टल लॉन्च किया था। उनका इस पोर्टल को लाने का उद्देश्य भूमि पंजीकरण से संबंधित मामलों में सुधार और शिकायतों का समाधान करना था। हालांकि, जब से इस पोर्टल की शुरुआत हुई तभी से यह विपक्षियों के निशाने पर है।
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केसीआर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
तेलंगाना में इस माह के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसे लेकर सभी राजनीतिक दल जोर-शोर से प्रचार प्रसार, वार-प्रत्यारोप में लगे हुए हैं। वहीं, अब राज्य में एक नया बड़ा चुनावी मुद्दा बनकर उभरा है। दरअसल, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की एकीकृत भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली ‘धरणी’ अब राज्य में राजनीतिक दलों के लिए आलोचना का विषय बन गई है।
2020 में लॉन्च किया था पोर्टल
गौरतलब है, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने साल 2020 में अक्तूबर में धरणी पोर्टल लॉन्च किया था। उनका इस पोर्टल को लाने का उद्देश्य भूमि पंजीकरण से संबंधित मामलों में सुधार और शिकायतों का समाधान करना था। राज्य सरकार ने ‘धरणी’ रिकॉर्ड का इस्तेमाल कर ही अपनी महत्वकांक्षी योजना ‘रायथु बंधु’ के लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की थी।
विपक्षी दलों के निशाने पर
हालांकि, जब से इस पोर्टल की शुरुआत हुई तभी से यह परियोजना विपक्षी दलों के लिए आलोचना का विषय बनी हुई है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सत्तारूढ़ दल जमीन हथियाने के लिए इस प्रणाली का इस्तेमाल कर रहा है। वहीं बीआरएस ने परियोजना को प्रगतिशील सुधार बताते हुए आरोपों को खारिज कर दिया है।
भाजपा-कांग्रेस का संकल्प
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जैसे कई बड़े नेता अपनी रैलियों व जनसभाओं में ‘धरणी’ की आलोचना कर चुके हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही सत्ता में आने पर ‘धरणी’ को खत्म करने का संकल्प जताया है। वहीं राव ने अपनी रैलियों में कहा है कि धरणी ने भूमि के लेन-देन की प्रक्रिया से ‘बिचौलियों’ को हटा दिया है।
यह पोर्टल खत्म कर दिया जाएगा..
नागरकुर्नूल में जून में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा था कि राज्य सरकार का ‘धरणी’ भूमि अभिलेख प्रबंधन पोर्टल किसानों की जमीन हड़पने और धन जुटाने का जरिया बन गया है। उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो यह पोर्टल खत्म कर दिया जाएगा। नड्डा ने आरोप लगाया था कि केसीआर (तेलंगाना के मुख्यमंत्री) और उनकी पार्टी के सदस्य गरीब किसानों की जमीन हड़पकर उससे प्राप्त होने वाले धन से अपनी जेबें भर रहे हैं।
बिचौलियों का सफाया हो रहा: केसीआर
विपक्षी दलों की टिप्पणियों पर पलटवार करते हुए केसीआर कई मौकों पर कह चुके हैं कि ‘धरणी’ पोर्टल से किसानों का अपनी जमीन पर नियंत्रण होगा। उन्होंने कहा कि नई प्रणाली के जरिए किसान अपने अंगूठे के निशान का उपयोग कर जमीन बेच या खरीद सकते हैं, जिससे बिचौलियों का सफाया हो रहा है।
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2020 में लॉन्च किया था पोर्टल
गौरतलब है, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने साल 2020 में अक्तूबर में धरणी पोर्टल लॉन्च किया था। उनका इस पोर्टल को लाने का उद्देश्य भूमि पंजीकरण से संबंधित मामलों में सुधार और शिकायतों का समाधान करना था। राज्य सरकार ने ‘धरणी’ रिकॉर्ड का इस्तेमाल कर ही अपनी महत्वकांक्षी योजना ‘रायथु बंधु’ के लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की थी।
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विपक्षी दलों के निशाने पर
हालांकि, जब से इस पोर्टल की शुरुआत हुई तभी से यह परियोजना विपक्षी दलों के लिए आलोचना का विषय बनी हुई है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सत्तारूढ़ दल जमीन हथियाने के लिए इस प्रणाली का इस्तेमाल कर रहा है। वहीं बीआरएस ने परियोजना को प्रगतिशील सुधार बताते हुए आरोपों को खारिज कर दिया है।
भाजपा-कांग्रेस का संकल्प
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जैसे कई बड़े नेता अपनी रैलियों व जनसभाओं में ‘धरणी’ की आलोचना कर चुके हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही सत्ता में आने पर ‘धरणी’ को खत्म करने का संकल्प जताया है। वहीं राव ने अपनी रैलियों में कहा है कि धरणी ने भूमि के लेन-देन की प्रक्रिया से ‘बिचौलियों’ को हटा दिया है।
यह पोर्टल खत्म कर दिया जाएगा..
नागरकुर्नूल में जून में एक जनसभा को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा था कि राज्य सरकार का ‘धरणी’ भूमि अभिलेख प्रबंधन पोर्टल किसानों की जमीन हड़पने और धन जुटाने का जरिया बन गया है। उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो यह पोर्टल खत्म कर दिया जाएगा। नड्डा ने आरोप लगाया था कि केसीआर (तेलंगाना के मुख्यमंत्री) और उनकी पार्टी के सदस्य गरीब किसानों की जमीन हड़पकर उससे प्राप्त होने वाले धन से अपनी जेबें भर रहे हैं।
बिचौलियों का सफाया हो रहा: केसीआर
विपक्षी दलों की टिप्पणियों पर पलटवार करते हुए केसीआर कई मौकों पर कह चुके हैं कि ‘धरणी’ पोर्टल से किसानों का अपनी जमीन पर नियंत्रण होगा। उन्होंने कहा कि नई प्रणाली के जरिए किसान अपने अंगूठे के निशान का उपयोग कर जमीन बेच या खरीद सकते हैं, जिससे बिचौलियों का सफाया हो रहा है।