सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Terrorist funding coming from illegal online gaming platforms, Indians at risk of cyber attacks due to bettin

Terrorism: अवैध ऑनलाइन गेमिंग मंचों से हो रही आतंकी फंडिंग, सट्टेबाजी से भारतीयों पर साइबर हमलों का खतरा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: विशांत श्रीवास्तव Updated Fri, 12 Jul 2024 05:56 AM IST
सार

अवैध ऑनलाइन गेमिंग वाली कंपनियों के जरिए आतंकी फंडिंग की जा रही है। एक रिपोर्टें दावा किया गया है कि सट्टेबजी और जुए के कारण भारतीयों पर साइबर हमले होने का खतरा बढ़ गया है।

विज्ञापन
Terrorist funding coming from illegal online gaming platforms, Indians at risk of cyber attacks due to bettin
Online Scam - फोटो : Freepik
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ खिलाने वाली कंपनियों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग एवं आतंकवादी फंडिंग को अंजाम दिया जा रहा है। चिंताजनक बात है कि ऐसी कंपनियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बनकर उभरी हैं। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के सुरक्षा एवं वैज्ञानिक तकनीकी अनुसंधान संघ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी एवं जुए से भारतीय नागरिकों के साइबर हमलों और असुरक्षित ऑनलाइन माहौल में फंसने की आशंका बढ़ जाती है। 
Trending Videos


रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वर्तमान कानूनी और नियामकीय ढांचा वैध व गैर-कानूनी गतिविधियों के बीच पर्याप्त अंतर नहीं करता है। इस वजह से अवैध ऑनलाइन गेमिंग मंच अक्सर मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग सहित अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के माध्यम के रूप में काम करते हैं। 
विज्ञापन
विज्ञापन


रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सट्टेबाजी व जुए के बाजार का आकार का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है। हालांकि, इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट्स सिक्योरिटी की 2017 की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया कि भारत में अवैध सट्टेबाजी-जुआ बाजार 150 अरब डॉलर (करीब 10 लाख करोड़ रुपये) का है। 

आईटी नियम-2021 को लागू करने की जरूरत
आईटी नियम-2021 ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग और अवैध सट्टेबाजी-जुए की प्रथाओं के बीच अंतर करता है। हालांकि, रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि भारतीय कानून का अनुपालन करने वाले वैध ऑनलाइन गेमिंग मंचों को श्वेत सूची में डालने के लिए एक पंजीकरण तंत्र बनाना चाहिए। 

रिपोर्ट में सरकार से ऑनलाइन गेमिंग बिचौलियों के लिए आईटी नियम-2021 को लागू करने की सिफारिश की गई है ताकि वैध ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी-जुए के बीच कानून में अंतर उत्पन्न किया जा सके। ऑनलाइन गेमिंग के विनियमन के लिए तैयार निर्देश अभी लागू नहीं की गई है।

सरोगेट विज्ञापन का ले रहे सहारा
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अवैध ऑनलाइन गेमिंग मंच आरबीआई के उदारीकृत प्रेषण योजना (एलआरएस) का दुरुपयोग कर रहे हैं। रिपोर्ट में ऐसे उदाहरणों का भी उल्लेख किया गया है, जहां ये मंच खुद को ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म के रूप प्रदर्शित कर रहे हैं। साथ ही, मौजूदा नियमों को दरकिनार करने के लिए सरोगेट विज्ञापन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। सरोगेट विज्ञापन में किसी और इमेज के जरिये कंपनियां अपने अन्य उत्पाद या ब्रांड का विज्ञापन करती हैं।  भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) की ओर से प्रकाशित 2023-24 की सालाना शिकायत रिपोर्ट के मुताबिक, अवैध सट्टेबाजी से जुड़े विज्ञापन सबसे अधिक समस्याग्रस्त श्रेणियों में से एक बन गए हैं। ये 17 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed