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अम्फान : बंगाल में 87 मौत, 10 लाख घर तबाह, सेना के जवान कर रहे मदद

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: संजीव कुमार झा Updated Sun, 24 May 2020 05:10 AM IST
सार

  • ममता ने कहा, 26 मई तक श्रमिक स्पेशल ट्रेन बंगाल मत भेजें
  • बिजली की सप्लाई ठप होने से विभिन्न इलाकों में प्रदर्शन

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Three days after the cyclone amphan, life in Kolkata is as usual, the government asked for help from the army
सड़ पर गिरे पेड़ों को हटाते सेना के जवान - फोटो : All India Radio
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विस्तार
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चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से हुई तबाही से जूझ रही पश्चिम बंगाल सरकार ने रेलवे बोर्ड से कम से कम 26 मई तक कोई श्रमिक स्पेशल ट्रेन राज्य में नहीं भेजने को कहा है। इस बीच, बीते तीन दिनों से बिजली की सप्लाई ठप होने की वजह से नाराज लोगों ने शनिवार को उत्तर और दक्षिण 24-परगना जिले के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शन किया। इस बीच, तूफान से मरने वालों की तादाद बढ़कर 87 हो गई है।

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पुलिस सूत्रों ने बताया कि उत्तर 24-परगना जिले के टीटागढ़ में नाराज भीड़ ने पुलिस की एक गाड़ी में आग लगा दी। वहां भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। तूफान के 72 घंटे बाद भी कोलकाता में सामान्य जनजीवन लगभग ठप है। महानगर में पांच हजार से ज्यादा पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ने की वजह से कई इलाकों में तीन दिनों से बिजली नहीं है।
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नतीजतन पानी की भी किल्लत पैदा हो गई है। इससे नाराज लोगों ने जगह-जगह प्रदर्शन और हिंसा शुरू कर दी है। शनिवार को कुछ जगहों पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। सीएम ममता बनर्जी ने तूफान की बर्बादी को ध्यान में रखते हुए लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। वहीं सेना के जवान सड़क से पेड़ हटाने में मदद कर रहे हैं।

सेना और एनडीआरएफ के जवान कर रहे मदद
सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने रविवार को चक्रवात से प्रभावित राज्य पश्चिम बंगाल के वन विभाग और नागरिक संस्थाओं की मदद की। दल उखड़े पेड़ों और सड़कों को साफ करने के लिए सुबह साल्ट लेक, बेहला और गोलपार्क जैसे क्षेत्रों में पहुंचे। शहर के कई हिस्सों में बिजली और पानी की आपूर्ति प्रभावित रही।
सेनाधिकारी ने बताया कि सेना की पांच टुकड़ियों को शहर के विभिन्न क्षेत्रों और उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिले में तैनात किया गया है। राज्य के इन तीन हिस्सों में चक्रवात के कारण सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। जिसमें 86 लोगों की जान चली गई है। चक्रवात के कारण घर और फसलें बर्बाद हो गई हैं।

 

तूफान से बंगाल की 60 फीसदी आबादी प्रभावित : ममता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि तूफान से राज्य की 60 फीसदी आबादी प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा, कि तूफान की वजह से लगभग डेढ़ करोड़ लोग सीधे प्रभावित हुए हैं और 10 लाख मकान नष्ट हो गए हैं। यह संकट का समय है। लोगों को धैर्य रखना चाहिए और इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
 

बंगाल सरकार ने मांगी सेना से सहायता

बंगाल सरकार ने तूफान से हुई बर्बादी के बाद जरूरी सेवाओं को ठीक करने के लिए सेना, रेलवे और पोर्ट ट्रस्ट से सहायता मांगी है। गृह विभाग ने शनिवार को अपने ट्वीट में कहा कि जरूरी सेवाओं की बहाली के लिए सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। इसके लिए सेना से सहायता मांगी गई है।  बिजली और पानी की सप्लाई की मांग में राज्य के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को हुई विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के बाद सरकार ने इसका एलान किया।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष घोष को तूफान प्रभावित इलाकों में जाने से रोका

कोलकाता। पुलिस ने शनिवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष को दक्षिण 24-परगना जिले के तूफान प्रभावित इलाकों के दौरे पर जाने से रोक दिया। इस मुद्दे पर घोष और पुलिसवालों के बीच कहासुनी भी हुई। घोष ने मौके पर ही धरना देने की धमकी दी। घोष राहत सामग्री बांटने जा रहे थे। लेकिन पुलिस का कहना था कि कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन की वजह से दूसरे जिले के दौरे के लिए अनुमति जरूरी है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता उन इलाकों में जाकर राहत सामग्री बांट रहे हैं। लेकिन भाजपा के मामले में पुलिस के नियम बदल जाते हैं।   

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