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Railway: कोहरे में घंटों लेट ट्रेनें, यात्रियों को खिचड़ी नहीं बल्कि मिलेगा स्वादिष्ट खाना, जानें नया मेन्यू
डिजिटल ब्यूरो ,अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अस्मिता त्रिपाठी
Updated Tue, 30 Dec 2025 03:26 PM IST
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सार
ट्रेनों के देर होने पर यात्रियों को सफर के दौरान खाने-पीने को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। इस समस्या को देखते हुए रेलवे ने यात्रियों को राहत देने का फैसला किया है। अब तक ट्रेन लेट होने की स्थिति में यात्रियों को खिचड़ी उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन अब भोजन के मेन्यू में बदलाव किया गया है।
रेलवे कैंटीन
- फोटो : फोटो - फ्रीपिक
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विस्तार
उत्तर भारत में घने कोहरे के चलते कई ट्रेनें घंटों देरी से चल रही है। इस देरी की चपेट में सामान्य ट्रेनों के अलावा शताब्दी, राजधानी और वंदे भारत जैसी प्रीमियम ट्रेनें भी शामिल है। ट्रेनों के देर होने पर यात्रियों को सफर के दौरान खाने-पीने को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। इस समस्या को देखते हुए रेलवे ने यात्रियों को राहत देने का फैसला किया है। अब तक ट्रेन लेट होने की स्थिति में यात्रियों को खिचड़ी उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन अब भोजन के मेन्यू में बदलाव किया गया है। रेलवे ने विकल्प बढ़ाते हुए पोहा, राजमा-चावल और छोले-चावल जैसे स्वादिष्ट भोजन शामिल किए हैं। इस नई व्यवस्था की शुरुआत भी कर दी गई है।
रेलवे के अनुसार, कोहरे के चलते ट्रेनें अक्सर अचानक लेट हो जाती हैं। पहले से यह पता नहीं चलता कि ट्रेन कितनी देर से चलेगी, क्योंकि कोहरे की स्थिति कभी कम तो कभी ज्यादा हो जाती है। ऐसी परिस्थितियों में यात्रियों को कम समय में भोजन उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। इसी वजह से अब तक खिचड़ी दी जाती थी, क्योंकि यह जल्दी तैयार हो जाती है। हालांकि अब रेलवे इस व्यवस्था में बदलाव कर रहा है और यात्रियों को ज्यादा बेहतर और विविध भोजन विकल्प उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठा रहा है।
हाल ही में वाराणसी से दिल्ली आ रही 22435 वंदे भारत एक्सप्रेस तय समय से काफी देरी से पहुंची। ट्रेन में 1000 से अधिक यात्री सवार थे, जिनमें करीब 200 यात्रियों ने पहले से भोजन बुक नहीं कराया था। ट्रेन के ज्यादा लेट होने से यात्रियों को असुविधा न हो, इसके लिए रेलवे ने सभी यात्रियों को पोहा और राजमा-चावल उपलब्ध कराया। रेल मंत्रालय ने बताया कि जरूरत पड़ने पर यात्रियों को छोले-चावल जैसे अन्य भोजन विकल्प भी यात्रियों को दिए जा सकते हैं।
रेलवे के मुताबिक, इस ट्रेन के ज्यादा लेट होने की वजह से यात्रियों को दो बार के बजाय करीब पांच बार भोजन उपलब्ध कराया गया। आमतौर पर इतनी संख्या में यात्रियों के लिए लगभग 2000 मील की व्यवस्था की जाती है, लेकिन इस ट्रेन में हालात को देखते हुए करीब 5000 मील अलग-अलग विकल्पों में दिए गए। रेलवे ने यह भी ध्यान रखा कि यात्रियों को बार-बार एक ही तरह का खाना न मिले, ताकि खाने से अरुचि न हो और सफर के दौरान उन्हें बेहतर सुविधा मिल सके।
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रेलवे के अनुसार, कोहरे के चलते ट्रेनें अक्सर अचानक लेट हो जाती हैं। पहले से यह पता नहीं चलता कि ट्रेन कितनी देर से चलेगी, क्योंकि कोहरे की स्थिति कभी कम तो कभी ज्यादा हो जाती है। ऐसी परिस्थितियों में यात्रियों को कम समय में भोजन उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। इसी वजह से अब तक खिचड़ी दी जाती थी, क्योंकि यह जल्दी तैयार हो जाती है। हालांकि अब रेलवे इस व्यवस्था में बदलाव कर रहा है और यात्रियों को ज्यादा बेहतर और विविध भोजन विकल्प उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठा रहा है।
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हाल ही में वाराणसी से दिल्ली आ रही 22435 वंदे भारत एक्सप्रेस तय समय से काफी देरी से पहुंची। ट्रेन में 1000 से अधिक यात्री सवार थे, जिनमें करीब 200 यात्रियों ने पहले से भोजन बुक नहीं कराया था। ट्रेन के ज्यादा लेट होने से यात्रियों को असुविधा न हो, इसके लिए रेलवे ने सभी यात्रियों को पोहा और राजमा-चावल उपलब्ध कराया। रेल मंत्रालय ने बताया कि जरूरत पड़ने पर यात्रियों को छोले-चावल जैसे अन्य भोजन विकल्प भी यात्रियों को दिए जा सकते हैं।
रेलवे के मुताबिक, इस ट्रेन के ज्यादा लेट होने की वजह से यात्रियों को दो बार के बजाय करीब पांच बार भोजन उपलब्ध कराया गया। आमतौर पर इतनी संख्या में यात्रियों के लिए लगभग 2000 मील की व्यवस्था की जाती है, लेकिन इस ट्रेन में हालात को देखते हुए करीब 5000 मील अलग-अलग विकल्पों में दिए गए। रेलवे ने यह भी ध्यान रखा कि यात्रियों को बार-बार एक ही तरह का खाना न मिले, ताकि खाने से अरुचि न हो और सफर के दौरान उन्हें बेहतर सुविधा मिल सके।