सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   Tree felling in Ridge area: supreme court directs one-time levy on affluent beneficiaries of approach road

बिना अनुमति पेड़ काटने का मामला: DDA अदालत की अवमानना का दोषी, रिज क्षेत्र में वृक्षारोपण का सुप्रीम निर्देश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: राहुल कुमार Updated Wed, 28 May 2025 09:51 PM IST
विज्ञापन
सार

Supreme Court: बिना अनुमति पेड़ काटे जाने के मामले में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकारियों को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया। साथ ही, उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

Tree felling in Ridge area: supreme court directs one-time levy on affluent beneficiaries of approach road
सुप्रीम कोर्ट - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

सुप्रीम कोर्ट ने रिज क्षेत्र में सड़क चौड़ी करने के लिए बिना अनुमति पेड़ काटे जाने के मामले में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकारियों को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया। साथ ही, उन पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। हालांकि, कोर्ट ने माना कि इसके पीछे कोई दुर्भावना नहीं थी। लेकिन पर्यावरण को पहुंची क्षति की भरपाई के लिए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण का निर्देश दिया।

loader
Trending Videos


जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह फैसला उस अवमानना याचिका पर सुनाया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पेड़ काटने पर पाबंदी के बावजूद दिल्ली के एलजी और आईएएस अधिकारी सुभाषीश पांडा ने क्रमशः डीडीए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के तौर पर इन आदेशों का जानबूझकर पालन नहीं किया। शीर्ष कोर्ट ने 21 जनवरी को अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा था कि उसे याचिकाओं में कथित अवमानना की गंभीरता को देखना होगा।
विज्ञापन
विज्ञापन


कोर्ट ने पेड़ों की कटाई के लिए डीडीए के पूर्व उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा को अवमानना नोटिस जारी किया था और उपराज्यपाल एवं डीडीए अध्यक्ष वीके सक्सेना को निर्देश दिया था कि फरवरी 2024 में रिज क्षेत्र में लगभग 1,100 पेड़ों को कथित तौर पर अवैध रूप से गिराने के लिए दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का विवरण प्रस्तुत करते हुए व्यक्तिगत हलफनामा दायर करें। कोर्ट ने इस मामले में सुभाशीष पांडा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही बंद कर दी। साथ ही डीडीए अध्यक्ष को भी छूट प्रदान की।

डीडीए अधिकारियों पर लगा जुर्माना
पीठ ने डीडीए अधिकारियों पर जुर्माना लगाता हुए कहा कि मामला गलत प्रशासनिक निर्णय की श्रेणी में आता है, क्योंकि 1996 के एक फैसले के तहत पेड़ों की कटाई से पहले आवश्यक मंजूरी लेना जरूरी था। इन पेड़ों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल तक जाने वाली सड़क को चौड़ा करने के लिए काटा गया था। कटाई कथित तौर पर पिछले साल 16 फरवरी को शुरू हुई थी। इससे पहले दायर एक आवेदन किया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च 2024 को डीडीए को 1,051 पेड़ों को काटने की अनुमति देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि संबंधित आवेदन बहुत अस्पष्ट है।

ये भी पढ़ें: Bihar : 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बाद पहली बार पीएम आ रहे हैं बिहार, सामाजिक संगठक करेंगे उनका स्वागत

शीर्ष अदालत ने डीडीए को रिज क्षेत्र में रहने वाले उन धनी व्यक्तियों पर एकमुश्त शुल्क लगाने को भी कहा, जिन्हें सड़क चौड़ीकरण से लाभ मिला है। कोर्ट ने व्यापक वृक्षारोपण योजना की निगरानी के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन भी किया और निर्देश दिया कि वह मार्ग के दोनों ओर वृक्षों का घना आवरण सुनिश्चित करे।


भविष्य में न दोहराई जाए ऐसी चूक

शीर्ष कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अब वनरोपण, सड़क निर्माण, पेड़ों की कटाई या संभावित पारिस्थितिक प्रभाव वाली किसी भी गतिविधि से संबंधित प्रत्येक अधिसूचना या आदेश में इस कोर्ट के समक्ष संबंधित कार्यवाही लंबित होने का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए। यह निर्देश इसलिए दिया जाता है ताकि भविष्य में इस जानकारी के अभाव में ऐसी कोई चूक न दोहराई जाए।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed