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UPSC: यूपीएससी परीक्षा में नकल करते पकड़ी गई महिला उम्मीदवार, तीन साल के लिए सभी परिक्षाओं से प्रतिबंधित

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: शुभम कुमार Updated Fri, 25 Jul 2025 11:14 PM IST
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सार

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने एक महिला उम्मीदवार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे तीन साल के लिए सभी परीक्षाओं से बैन कर दिया है। हाल ही में एक भर्ती परीक्षा के दौरान उसके पास आपत्तिजनक सामग्री मिली, जिससे वह नियम 12(1)(एच) के तहत दोषी पाई गई। आयोग ने उसकी इस साल की उम्मीदवारी भी रद्द कर दी है।

UPSC bars woman aspirant for three years for using unfair means during govt job recruitment exam
UPSC - फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने एक महिला उम्मीदवार को सरकारी नौकरी की भर्ती परीक्षा में नकल करने के आरोप में सख्त कार्रवाई की है। इसके तहत आयोग ने महिला उम्मीदवार को तीन साल के लिए सभी परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही, इस साल की उसकी उम्मीदवारी भी रद्द कर दी गई है। मामले में यूपीएससी के अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में एक भर्ती परीक्षा के दौरान उक्त उम्मीदवार के पास से आपत्तिजनक सामग्री मिली थी। आयोग के अनुसार, यह उम्मीदवार परीक्षा के नियम 12(1)(एच) के तहत दोषी पाई गई, जिसमें परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग करने की बात कही गई है।

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तीन साल तक परीक्षा देने पर प्रतिबंध
मामले में आयोग ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा कि उम्मीदवार के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इस साल की परीक्षा में उसकी उम्मीदवारी रद्द की जाती है और अगले तीन वर्षों तक आयोग द्वारा आयोजित किसी भी परीक्षा या चयन प्रक्रिया में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया जाता है। यूपीएससी के चेयरमैन अजय कुमार ने इस कार्रवाई को लेकर कहा कि आयोग अपनी परीक्षाओं की निष्पक्षता, पारदर्शिता और उच्चतम नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
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यूपीएससी ने उम्मीदवारों को दी सख्त चेतावनी
अजय कुमार ने कहा कि जो भी उम्मीदवार परीक्षा में अनुचित साधनों या दुर्व्यवहार में लिप्त पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। इसमें भविष्य की परीक्षाओं से प्रतिबंध जैसी सजा भी शामिल है। अजय कुमार ने आगे कहा कि ऐसे कदम जरूरी हैं ताकि चयन प्रक्रिया की पवित्रता बनी रहे और केवल योग्यता के आधार पर ही सरकारी सेवाओं में भर्ती हो।


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पूजा खेड़कर के खिलाफ भी की गई थी कार्रवाई
बता दें कि इससे पहले, पिछले साल यूपीएससी ने पूर्व आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेड़कर के खिलाफ भी सख्त कदम उठाए थे। उन पर फर्जी पहचान के जरिए ओबीसी और दिव्यांग कोटे का गलत लाभ उठाकर सिविल सेवा परीक्षा में बैठने और चयन पाने का आरोप है। आयोग ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज कराया था।

यूपीएससी ने कहा कि यही कारण है कि पिछले 100 वर्षों से आयोग को निष्पक्षता और योग्यता आधारित प्रणाली का प्रतीक माना जाता है, जिसमें किसी भी पृष्ठभूमि से आने वाला उम्मीदवार सिर्फ अपनी मेहनत और योग्यता के दम पर चयन पा सकता है।

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