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US Politics: 'ट्रंप परिवार में नैतिकता कम, PAK के साथ व्यापार चोरतंत्र का सबूत'; बोले राजनीति विज्ञानी ब्रेमर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु चंदेल
Updated Fri, 19 Sep 2025 03:22 PM IST
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सार
अमेरिकी राजनीति विज्ञानी इयान ब्रेमर ने ट्रंप परिवार पर पाकिस्तान से व्यापारिक रिश्ता रखने और नैतिकता की कमी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह रणनीति नहीं, बल्कि पैसों का खेल है। ब्रेमर ने सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौते को क्षेत्रीय तनाव और इस्राइल के हमलों का नतीजा बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे भारत की सुरक्षा पर असर पड़ेगा। साथ ही, मोदी की स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना की।

राजनीतिक वैज्ञानिक इयान ब्रेमर।
- फोटो : ANI
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विस्तार
अमेरिकी राजनीति विज्ञानी और यूरेशिया ग्रुप के अध्यक्ष इयान ब्रेमर ने ट्रंप परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि ट्रंप प्रशासन और उसके करीबी लोगों के पाकिस्तान से रिश्ते रणनीतिक कारणों से नहीं, बल्कि व्यापारिक और पैसों के लालच से जुड़े हैं। ब्रेमर ने कहा कि ट्रंप परिवार में नैतिकता की कमी है और उनमें चोरतंत्र की प्रवृत्ति साफ दिखती है।
इयान ब्रेमर ने एएनआई से बातचीत में कहा कि ट्रंप प्रशासन से जुड़े लोग पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने इसे अवसरवादी रवैया बताया और कहा कि इसका मकसद रणनीतिक बदलाव नहीं, बल्कि पैसों का फायदा उठाना है। ब्रेमर ने साफ कहा कि अमेरिका की राजनीति इस तरह नहीं चलनी चाहिए, लेकिन जो रिपोर्टिंग सामने आई है, उससे यह सच्चाई छिप नहीं सकती।
सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौते पर बयान
ब्रेमर ने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए रक्षा समझौते पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह कोई गुप्त सौदा नहीं था और अमेरिकी प्रशासन को इसके बारे में पहले से जानकारी थी। ब्रेमर के अनुसार, यह समझौता सऊदी अरब के लंबे समय से चले आ रहे परमाणु कार्यक्रम से जुड़ा है, जिसमें पाकिस्तान का सहयोग रहा है। उन्होंने कहा कि यह समझौता सऊदी की सुरक्षा नीति में विविधता लाने का हिस्सा है।
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इस्राइल-ईरान तनाव और सऊदी का गुस्सा
ब्रेमर का मानना है कि सऊदी अरब का यह कदम इस्राइल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों और बढ़ते क्षेत्रीय तनाव का परिणाम है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इस्राइल को रोकने या उसके हमलों पर कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया, जिससे सऊदी अरब नाराज हो गया। इसी नाराजगी का असर पाकिस्तान-सऊदी समझौते में देखने को मिला।
भारत की सुरक्षा पर असर
ब्रेमर ने चेतावनी दी कि यह समझौता भारत की सुरक्षा पर सीधा असर डाल सकता है। उनके मुताबिक, अगर भारत-पाकिस्तान में अगली बार कोई संघर्ष होता है, तो भारत को यह सोचना पड़ेगा कि क्या सऊदी अरब पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि इस वजह से भारत के लिए सुरक्षा माहौल और जटिल हो सकता है।
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ट्रंप की राजनीति पर कड़ा हमला
ब्रेमर ने ट्रंप की वैश्विक राजनीति की शैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ट्रंप अंतरराष्ट्रीय नियमों और परंपराओं को नहीं मानते। उनका रवैया यह है कि वह राष्ट्रपति हैं, इसलिए सबको उनकी बात माननी होगी, वरना परिणाम भुगतने होंगे। हालांकि, ब्रेमर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के दबाव के आगे झुकने से इनकार कर अमेरिका को कड़ा संदेश दिया।
ब्रेमर ने कहा कि मोदी ने ट्रंप को सार्वजनिक मंच पर भारत-पाकिस्तान मसले पर झूठा करार दिया और दुनिया के सामने उनकी छवि को चुनौती दी। उनके मुताबिक, अधिकतर नेता ऐसी स्थिति में चुप रह जाते, लेकिन मोदी ने अलग रास्ता चुना।

इयान ब्रेमर ने एएनआई से बातचीत में कहा कि ट्रंप प्रशासन से जुड़े लोग पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर कारोबार कर रहे हैं। उन्होंने इसे अवसरवादी रवैया बताया और कहा कि इसका मकसद रणनीतिक बदलाव नहीं, बल्कि पैसों का फायदा उठाना है। ब्रेमर ने साफ कहा कि अमेरिका की राजनीति इस तरह नहीं चलनी चाहिए, लेकिन जो रिपोर्टिंग सामने आई है, उससे यह सच्चाई छिप नहीं सकती।
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सऊदी-पाकिस्तान रक्षा समझौते पर बयान
ब्रेमर ने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए रक्षा समझौते पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह कोई गुप्त सौदा नहीं था और अमेरिकी प्रशासन को इसके बारे में पहले से जानकारी थी। ब्रेमर के अनुसार, यह समझौता सऊदी अरब के लंबे समय से चले आ रहे परमाणु कार्यक्रम से जुड़ा है, जिसमें पाकिस्तान का सहयोग रहा है। उन्होंने कहा कि यह समझौता सऊदी की सुरक्षा नीति में विविधता लाने का हिस्सा है।
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इस्राइल-ईरान तनाव और सऊदी का गुस्सा
ब्रेमर का मानना है कि सऊदी अरब का यह कदम इस्राइल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों और बढ़ते क्षेत्रीय तनाव का परिणाम है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने इस्राइल को रोकने या उसके हमलों पर कोई कार्रवाई करने से इनकार कर दिया, जिससे सऊदी अरब नाराज हो गया। इसी नाराजगी का असर पाकिस्तान-सऊदी समझौते में देखने को मिला।
भारत की सुरक्षा पर असर
ब्रेमर ने चेतावनी दी कि यह समझौता भारत की सुरक्षा पर सीधा असर डाल सकता है। उनके मुताबिक, अगर भारत-पाकिस्तान में अगली बार कोई संघर्ष होता है, तो भारत को यह सोचना पड़ेगा कि क्या सऊदी अरब पाकिस्तान के समर्थन में खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि इस वजह से भारत के लिए सुरक्षा माहौल और जटिल हो सकता है।
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ट्रंप की राजनीति पर कड़ा हमला
ब्रेमर ने ट्रंप की वैश्विक राजनीति की शैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ट्रंप अंतरराष्ट्रीय नियमों और परंपराओं को नहीं मानते। उनका रवैया यह है कि वह राष्ट्रपति हैं, इसलिए सबको उनकी बात माननी होगी, वरना परिणाम भुगतने होंगे। हालांकि, ब्रेमर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के दबाव के आगे झुकने से इनकार कर अमेरिका को कड़ा संदेश दिया।
ब्रेमर ने कहा कि मोदी ने ट्रंप को सार्वजनिक मंच पर भारत-पाकिस्तान मसले पर झूठा करार दिया और दुनिया के सामने उनकी छवि को चुनौती दी। उनके मुताबिक, अधिकतर नेता ऐसी स्थिति में चुप रह जाते, लेकिन मोदी ने अलग रास्ता चुना।