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Waqf Bill: लोकसभा में कल पेश होगा वक्फ विधेयक; रिजिजू बोले- जरूरत पड़ी तो संसद सत्र का विस्तार करेंगे

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Tue, 01 Apr 2025 03:08 PM IST
सार

केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि विधेयक पर सभी सहयोगी दल, केरल के बिशप सहित कई मुस्लिम संगठन सरकार के साथ हैं। ऐसे में आवश्यक हुआ, तो विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार सत्र का विस्तार भी करेगी। उन्होंने संकेत दिया कि विधेयक लोकसभा में बुधवार को पेश किया जा सकता है।

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Waqf Bill may be presented in Lok Sabha tomorrow Kiren Rijiju said If needed we will extend Parliament session
किरेन रिजिजू। - फोटो : PTI
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विस्तार
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लोकसभा में कल यानी बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया जाएगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू दोपहर 12 बजे इसे सदन के पटल पर रखेंगे। वक्फ संशोधन विधेयक पर अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में मैंने समिति के समक्ष प्रस्ताव रखा था कि कल 2 अप्रैल को हम वक्फ संशोधन विधेयक ला रहे हैं। इसके लिए हमें चर्चा के लिए समय आवंटित करना होगा। अंत में इस बात पर सहमति बनी कि वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के लिए कुल समय आठ घंटे होगा, जिसे सदन की राय लेने के बाद बढ़ाया जा सकता है।'

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रिजिजू ने कहा, '...अगर सदन को लगता है कि चर्चा के लिए समय बढ़ाया जाना चाहिए तो समय बढ़ाया जा सकता है, लेकिन अगर विपक्ष के लोग कोई बहाना बनाकर चर्चा में भाग नहीं लेना चाहते हैं तो मैं इसे रोक नहीं सकता। हम चर्चा चाहते हैं। हर राजनीतिक दल को अपनी राय रखने का अधिकार है और देश सुनना चाहता है कि संशोधन विधेयक पर किस राजनीतिक दल का क्या रुख है। यह बात हजारों सालों तक दर्ज रहेगी, यह बात रिकॉर्ड में रहेगी कि किसने विरोध किया और किसने समर्थन किया। 2 अप्रैल को प्रश्नकाल के तुरंत बाद मैं संशोधन विधेयक को विचार और पारित करने के लिए प्रस्तुत करना चाहता हूं। उसके बाद हम 8 घंटे की चर्चा के लिए सहमत हुए हैं।'
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कुछ दलों और संगठनों पर मुस्लिमों को गुमराह करने का आरोप
कुछ दलों और संगठनों पर मुस्लिमों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए रिजिजू ने कहा कि सरकार की मंशा संसद के इसी सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक पारित कराने की है। रिजिजू ने कहा कि विधेयक पर सभी सहयोगी दल, केरल के बिशप सहित कई मुस्लिम संगठन सरकार के साथ हैं। ऐसे में आवश्यक हुआ, तो विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार सत्र का विस्तार भी करेगी। उन्होंने संकेत दिया कि विधेयक लोकसभा में बुधवार को पेश किया जा सकता है।

रिजिजू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विधेयक को लाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसका उद्देश्य वक्फ की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना और जवाबदेह बनाना है। इसका लाभ गरीब मुसलमानों, महिलाओं व बच्चों के लिए सुनिश्चित करना है। विधेयक को असांविधानिक बताने पर एतराज जताते हुए कहा कि देश संविधान से चलता है।

वक्फ संपत्ति कब्जाने वाले ही हैं परेशान
रिजिजू ने कहा, 'सरकार को पता है कि विधेयक से कौन परेशान है। वो परेशान हैं, जिन्होंने वक्फ की करोड़ों की संपत्ति दशकों से कब्जा कर रखी है। इसमें राजनीति करने वाले मुस्लिम संगठन और एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी जैसे लोग हैं। इन्हें पता है कि विधेयक पारित होने के बाद इनकी कलई खुल जाएगी। यही कारण है कि इन लोगों ने भोले भाले मुसलमानों को पहले सीएए पर उकसाया और अब इस विधेयक के विरोध में इन्हें गुमराह कर रहे हैं।'

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'प्रस्तावित संशोधन पर निष्पक्ष नजरिया रखते हुए साथ दें सांसद'
इस बीच मौजूदा वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन का ईसाई व सूफी संगठनों ने समर्थन किया है। मौजूदा अधिनियम के कुछ प्रावधानों को अनुचित और असांविधानिक बताते हुए इन संगठनों ने राजनीतिक दलों व सांसदों से संशोधन विधेयक पर निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाने और समर्थन करने का आग्रह किया है।

कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने सोमवार को बयान जारी कर कहा, 'वास्तविकता यह है कि मौजूदा केंद्रीय वक्फ अधिनियम के कुछ प्रावधान संविधान और देश के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ हैं।' सांसदों से मोदी सरकार के प्रस्तावित संशोधन का समर्थन करने का आग्रह करते हुए सीबीसीआई ने कहा, 'केरल में, वक्फ बोर्ड ने मुनंबम क्षेत्र में 600 से अधिक परिवारों की पैतृक आवासीय संपत्तियों को वक्फ भूमि घोषित करने के लिए इन प्रावधानों को लागू किया है। केवल एक कानूनी संशोधन ही स्थायी समाधान प्रदान कर सकता है, और इसे जनप्रतिनिधियों की ओर से मान्यता दी जानी चाहिए।'

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