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Weather: गुजरते साल के साथ बढ़ने लगी सर्दी, स्वास्थ्य पर भी पड़ेगा गहरा असर
अमर उजाला नेटवर्क
Published by: लव गौर
Updated Sun, 21 Dec 2025 05:41 AM IST
सार
उत्तर भारत के मौसम में यह बदलाव अचानक नहीं है, बल्कि इसके पीछे वायुमंडलीय स्तर पर सक्रिय मजबूत प्रणालियां काम कर रही हैं और दो-दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है।
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उत्तराखंड : चमोली जिले के नीित गांव में झरना भी जम गया।
- फोटो : अमर उजाला प्रिंट
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विस्तार
जैसे-जैसे साल खत्म हो रहा है, ठंड बढ़ती जा रही है। घने कोहरे और शीतलहर की वजह से उत्तरी राज्यों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। पहाड़ी राज्यों के साथ पंजाब और हरियाणा भीषण ठंड की चपेट में हैं। दोनों राज्यों के कई इलाकों में घना कोहरा छाया हुआ है और कुछ जगहों पर तापमान पांच डिग्री से नीचे या उसके आसपास बना हुआ है।
उत्तर भारत के मौसम में यह बदलाव अचानक नहीं है, बल्कि इसके पीछे वायुमंडलीय स्तर पर सक्रिय मजबूत प्रणालियां काम कर रही हैं और दो-दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा अपडेट के अनुसार, मौसम में बदलाव से आने वाले दिनों में जनजीवन, यातायात और स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ने की आशंका है। पंजाब में ठंड का प्रकोप बढ़ा और दिन का पारा सामान्य से 4.2 डिग्री नीचे गिर गया। बिहार, झारखंड, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी कोहरे का असर व्यापक रहने की चेतावनी दी गई है।
कुछ क्षेत्रों में 24 और 25 दिसंबर तक कोहरा बने रहने का अनुमान है। वहीं, उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना है। हरिद्वार और उधम सिंह नगर में घना कोहरा छाया रहेगा।
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ी
सीमा क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे घने कोहरे और ठंड के बीच भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने चौकसी और सख्त कर दी है। अटारी बॉर्डर सहित सरहदी इलाकों में बीएसएफ जवान हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए हैं। धुंध के कारण घटती दृश्यता सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बनी हुई है, जिसे देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के आईजी डॉ. अतुल फुलजेले ने बताया कि इस वर्ष पिछले वर्षों की तुलना में कोहरा अधिक घना और लंबे समय तक बना हुआ है।
ये भी पढ़ें: चिंताजनक: पर्यावरणीय खतरे में दुनिया की 99 फीसदी आबादी, वैश्विक अध्ययन में सामने आया भयावह सच
सब्जी की फसलों पर मिला-जुला असर
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों के कारण हो रही बारिश, कोहरा और ठंड का असर खेती-बाड़ी पर मिला-जुला रहने वाला है। गेहूं, जौ, चना, सरसों और मटर जैसी रबी फसलों के लिए यह मौसम सामान्य रूप से लाभकारी माना जा रहा है, क्योंकि लंबे समय से बनी शुष्क स्थिति के बाद हल्की से मध्यम बारिश से मिट्टी में नमी बढ़ेगी और फसलों की बढ़वार बेहतर होगी।
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उत्तर भारत के मौसम में यह बदलाव अचानक नहीं है, बल्कि इसके पीछे वायुमंडलीय स्तर पर सक्रिय मजबूत प्रणालियां काम कर रही हैं और दो-दो पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा अपडेट के अनुसार, मौसम में बदलाव से आने वाले दिनों में जनजीवन, यातायात और स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ने की आशंका है। पंजाब में ठंड का प्रकोप बढ़ा और दिन का पारा सामान्य से 4.2 डिग्री नीचे गिर गया। बिहार, झारखंड, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी कोहरे का असर व्यापक रहने की चेतावनी दी गई है।
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कुछ क्षेत्रों में 24 और 25 दिसंबर तक कोहरा बने रहने का अनुमान है। वहीं, उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना है। हरिद्वार और उधम सिंह नगर में घना कोहरा छाया रहेगा।
अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ी
सीमा क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे घने कोहरे और ठंड के बीच भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ ने चौकसी और सख्त कर दी है। अटारी बॉर्डर सहित सरहदी इलाकों में बीएसएफ जवान हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए हैं। धुंध के कारण घटती दृश्यता सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती बनी हुई है, जिसे देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के आईजी डॉ. अतुल फुलजेले ने बताया कि इस वर्ष पिछले वर्षों की तुलना में कोहरा अधिक घना और लंबे समय तक बना हुआ है।
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सब्जी की फसलों पर मिला-जुला असर
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभों के कारण हो रही बारिश, कोहरा और ठंड का असर खेती-बाड़ी पर मिला-जुला रहने वाला है। गेहूं, जौ, चना, सरसों और मटर जैसी रबी फसलों के लिए यह मौसम सामान्य रूप से लाभकारी माना जा रहा है, क्योंकि लंबे समय से बनी शुष्क स्थिति के बाद हल्की से मध्यम बारिश से मिट्टी में नमी बढ़ेगी और फसलों की बढ़वार बेहतर होगी।
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