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Delhi Budget: CM रेखा की बजट थाली में क्या होगा खास? मुफ्त की योजनाओं के बीच सरप्लस बजट बनाए रखने की चुनौती

Amit Sharma Digital अमित शर्मा
Updated Mon, 03 Mar 2025 01:03 PM IST
सार

रेखा गुप्ता सरकार को बजट बनाने के लिए कई चुनौतियों से जूझना होगा। उन्हें भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए सभी वादों को पूरा करना है। साथ-साथ दिल्ली का बजट सरप्लस बजट बनाए रखने की चुनौती भी है।

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What will be special in CM Rekha Delhi budget challenge of maintaining surplus budget amidst free schemes
Delhi Budget 2025 - फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
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दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 24-26 मार्च के बीच दिल्ली का बजट पेश करने की घोषणा कर दी है। बजट पेश करने के पहले सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्र की जनता से बजट पर उनकी राय लेंगे। इसे बजट में शामिल करते हुए भाजपा सरकार संकल्प पत्र में किए गए अपने वादों को पूरा करने की कोशिश करेगी। रेखा गुप्ता के अनुसार, सरकार यमुना की सफाई, महिलाओं को 2500 हर महीने देकर उनका सशक्तिकरण, गरीबों के लिए पांच रुपये की थाली, दिल्ली के लिए सर्वसुलभ परिवहन हेतु नई बसें लाने और अन्य लोकलुभावन योजनाएं शामिल होंगी।  

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रेखा गुप्ता सरकार को बजट बनाने के लिए कई चुनौतियों से जूझना होगा। उन्हें भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए सभी वादों को पूरा करना है। साथ-साथ दिल्ली का बजट सरप्लस बजट बनाए रखने की चुनौती भी है। आम आदमी पार्टी सरकार हमेशा से इस बात के लिए अपनी पीठ ठोंकती रही है कि उसने दिल्ली के बजट को सरप्लस बजट बनाकर दिखाया है। यदि मुफ्त की योजनाओं के दबाव में सरकार को कमजोर बजट पेश करना पड़ता है तो उसे विपक्ष की ओर से कड़ी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ सकता है। 
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बड़ी योजनाओं के लिए चाहिए बड़ा बजट
वित्त वर्ष 2015-16 में दिल्ली का बजट 37,750 करोड़ रुपये का था। 2024-25 में यह 76,000 करोड़ का हो चुका था। दिल्ली के बजट में इस शानदार बढ़ोतरी का सबसे अधिक श्रेय केंद्र सरकार के जीएसटी मॉडल को दिया जाता है जिसके कारण केंद्र सरकार के साथ-साथ देश के सभी राज्यों की आय में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। लेकिन दिल्ली में पिछले बजट की तुलना में कुछ मदों का नया खर्च बढ़ा है तो कुछ में भारी बजटीय वृद्धि होने के आसार हैं। ऐसे में सरकार के सामने इन खर्चों को चुकाने के साथ-साथ बजट को संतुलित बनाकर रखने की चुनौती है।  

बजट में किसे क्या मिलेगा?
भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती महिलाओं के लिए हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक मदद देने की चुनौती है। सरकार इसके लिए एक बैठक कर इसकी रूपरेखा तय करने की तैयारी में है। लेकिन माना जा रहा है कि अकेले इस योजना पर सरकार को भारी-भरकम रकम खर्च करना पड़ सकता है। भाजपा ने यमुना की सफाई को अपना सबसे अहम प्रोजेक्ट बताया है। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए दिल्ली के नालों की सफाई और साफ पानी पहुंचाने की व्यवस्था करने पर भी भारी भरकम रकम खर्च करना पड़ेगा। भाजपा ने महिलाओं, बुजुर्गों, विधवाओं, विकलांगों के लिए पेंशन में बढ़ोतरी की है। उनके लिए भी बजट में प्रबंध करना होगा।    

क्या है उम्मीद?
महिला सशक्तिकरण के लिए काम कर रहीं महिला उद्यमी मालविका साहनी ने अमर उजाला से कहा कि महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये देने की योजना बहुत अच्छी है। यह देखना होगा कि सरकार इस कैटेगरी के लिए क्या पैमाने तय करती है और इस योजना से दिल्ली की कितनी महिलाों को लाभ होगा। लेकिन उनकी व्यक्तिगत राय है कि सरकार को आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने पर जोर देना चाहिए जिससे वे स्वतंत्र तौर पर एक सशक्त महिला बन सकें और अपने परिवार की आय का मजबूत स्रोत बन सकें।  

भागीरथ व्यापार मंडल के नेता सचिन गुप्ता ने कहा कि नई सरकार से उम्मीद है कि वह कोई नया कर नहीं लगाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली के व्यापारी सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देते हैं, लेकिन उन्हें कोई विशेष छूट नहीं मिलती। ऊपर से कर देने के लिए उन्हें कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है। एक ही वित्त वर्ष में बार-बार जीएसटी देना, इसकी गणना करना और उसे चुकाना आज भी व्यापारियों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। नई सरकार से उम्मीद है कि वह इनका सुधार करने की कोशिश करेंगी।  

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