शीत सत्र : अजय मिश्र टेनी मामले में दूसरे दिन भी नहीं चली संसद, सरकार ने कहा- हंगामा बेवजह
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लखीमपुर कांड को हत्या करार देते हुए मंत्री से इस्तीफा लेने और उन्हें सजा दिलाने की मांग की। दोबारा सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, तो विपक्षी सांसद वेल में पहुंच गए और तख्तियां लहराते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।
विस्तार
संसद के दोनों सदनों में बृहस्पतिवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के मामले में विपक्ष का हंगामा जारी रहा। कई बार की बाधा के बाद दोनों सदनों की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में विपक्ष ने लखीमपुर खीरी कांड को मुद्दा बनाया और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी पर अड़ा रहा।
राज्यसभा में भी कांग्रेस ने नियम 267 के तहत चर्चा के लिए नोटिस दिया। दोपहर बाद इस पर हंगामा शुरू कर दिया। इसके अलावा 12 सांसदों के निलंबन वापसी पर भी हंगामा होता रहा। इसके कारण सदन की कार्यवाही पहले दो बजे तक और फिर शुक्रवार सुबह तक स्थगित कर दी गई।
लोकसभा में दिन की शुरुआत होते ही सबसे पहले हेलिकॉप्टर हादसे में गंभीर रूप से घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन पर शोक जताया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ विपक्ष टेनी की बर्खास्तगी की मांग करने लगा।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लखीमपुर कांड को हत्या करार देते हुए मंत्री से इस्तीफा लेने और उन्हें सजा दिलाने की मांग की। दोबारा सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, तो विपक्षी सांसद वेल में पहुंच गए और तख्तियां लहराते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। आसन पर मौजूद भाजपा नेता भर्तृहरि महताब ने बायोलॉजिकल डाइवर्सिटी बिल पेश करने को मंजूरी दी, लेकिन हंगामे के कारण कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी।
राहुल: मंत्री अपराधी हैं, इन्हें जेल भिजवाइये
स्पीकर ओम बिरला ने जैसे ही राहुल गांधी का नाम सवाल पूछने के लिए पुकारा, कांग्रेस नेता ने कहा, आपके मंत्री अपराधी हैं, इन्हें सरकार में नहीं होना चाहिए। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
बिरला : प्रश्न पूछें, इधर-उधर की बातें न करें
राहुल को रोकते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा, आप वरिष्ठ नेता हैं, सवाल पूछें, इधर-उधर की बात न करें। आप का आरोप था कि बोलने का समय नहीं दिया जाता। अब मौका दिया, तो आप अलग बात कर रहे हैं।
सरकार बोली, सदन न चलने देने की साजिश...
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा, विपक्ष का मूल उद्देश्य किसी भी तरह सदन न चलने देना है। विपक्ष रोज कुछ न कुछ बहाने बनाकर कार्यवाही बाधित कर रहा है। संसद का मूल कार्य चर्चा है, मगर विपक्ष संसद को उससे वंचित कर रहा है।
पत्रकारों से बदतमीजी का मुद्दा भी संसद में उठा...
कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने मिश्र के पत्रकारों से बदतमीजी करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, मंत्री ने पत्रकारों को चोर बताया, सवाल पूछने पर एक पत्रकार पर झपटे भी। उनका यह रवैया है, पहले तो अपराध किया और अब सीनाजोरी कर रहे।
विपक्ष के दबाव में इस्तीफा नहीं
भाजपा नेतृत्व विपक्ष के दबाव में टेनी से इस्तीफा नहीं लेगा। एक वरिष्ठ मंत्री का कहना था, किसी व्यक्ति को उसके बेटे के अपराध की सजा नहीं दी जा सकती। तिकुनिया मामले में टेनी का नाम नहीं है। उन्हें मीडिया से न उलझने को कहा गया है।
चुनाव के समय खेला करें, अभी तो चर्चा होने दें : जोशी
संसद में गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा कर रहे विपक्षी दलों से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बृहस्पतिवार को कहा, वे अगले लोकसभा चुनाव की राजनीति करने के बजाय सदनों में शांति से चर्चा होने दें। मंत्री ने कहा, 2024 के चुनावों में अभी काफी समय है। चुनावों के समय हम भी ‘खेला’ करेंगे, वे भी अपना खेला करें लेकिन विपक्ष संसद में चर्चा होने दे।
संसदीय कार्य मंत्री ने पत्रकारों से कहा, लखीमपुर खीरी कांड में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच चल रही है। संसद चर्चा का स्थान है। हम विपक्ष से रचनात्मक सुझाव लेना चाहते हैं। हम उन्हें चर्चा के लिए बुलाते हैं लेकिन वे मना कर देते हैं। विपक्ष को जांच पूरी होने का इंतजार करना चाहिए।
सरकार चर्चा के लिए तैयार नहीं : वेणुगोपाल
उधर, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार लखीमपुर खीरी कांड पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार को संसद में इस मामले में बयान देना चाहिए।
टेनी को बचा रही केंद्र सरकार : मल्लिकार्जुन खरगे
गृह राज्यमंत्री मिश्र को बर्खास्त करने की मांग करते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन्हें बचा रही है। खरगे ने कहा, हमने लखीमपुर कांड पर चर्चा के लिए सदन में नियम 267 के तहत नोटिस दिया था। लेकिन सभापति ने हमारी अपील नहीं सुनी और सभा की कार्यवाही स्थगित कर दी। एसआईटी की रिपोर्ट से साफ हो गया है कि किसानों को मारने की सुनियोजित साजिश थी।
पत्रकारों से बदतमीजी का मुद्दा भी संसद में उठा...
कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने मिश्र के पत्रकारों से बदतमीजी करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, मंत्री ने पत्रकारों को चोर बताया, सवाल पूछने पर एक पत्रकार पर झपटे भी। उनका यह रवैया है, पहले तो अपराध किया और अब सीनाजोरी कर रहे।
केंद्रीय सूचना आयोग के पास 32 हजार आरटीआई अपीलें लंबित : केंद्र
केंद्रीय सूचना आयोग के पास 32 हजार से ज्यादा आरटीआई (सूचना का अधिकार) अपीलें लंबित हैं। राज्यसभा में कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया, वर्ष 2019-20 में 35,178 तो वर्ष 2020-21 में 38,116 अनुरोध लंबित थे जबकि 2021-22 में छह दिसंबर तक 32,147 आरटीआई अपीलें इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा, सरकार ने लोक सूचना अधिकारी और प्रथम अपील अधिकारी के लिए प्रशिक्षण की मदद से क्षमता निर्माण के लिए निर्देश जारी किए हैं।
स्वच्छ भारत अभियान के प्रचार पर 1,894.85 करोड़ खर्च
केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को बताया कि 2014-15 से 2021-22 तक स्वच्छ भारत अभियान- ग्रामीण के तहत प्रचार-प्रसार पर सूचना, शिक्षा और संचार के मद में कुल 1,894.85 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। राज्यसभा में जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह ने बताया कि सूचना, शिक्षा और संचार एक रणनीति है, जिसके तहत लोगों में सकारात्मक नतीजे हासिल करने के लिए जागरूकता का प्रसार किया जाता है।
औषधीय पौधों की खेती को मिलेगा प्रोत्साहन
भारतीय चिकित्सा पद्धतियों से जुड़ी दवाओं के निर्माण में काम में आने वाले औषधीय पौधों की आपूर्ति का दबाव जंगलों से कम करने और इनकी खेती को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को लोकसभा में संशोधन विधेयक पेश किया है। इससे स्थानीय चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहन मिलेगा और अनुसंधान व पेटेंट की प्रकिया आसान होगी।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश करते हुए बताया कि मौजूदा जैविक विविधता अधिनियम, 2002 जैविक विविधता के संरक्षण, घटकों के उपयोग से होने वाले लाभों को स्थानीय समुदायों में समान रूप से बांटने के उपाय करता है। इसके साथ ही कानून में जैविक संसाधनों के पारंपरिक ज्ञान से प्राप्त लाभ को स्थानीय समुदायों में निष्पक्ष और न्यायसंगत तरीके से साझा करने के भी उपाय किए हैं।
तीन स्तरीय ढांचे से तय होता है संरक्षण और लाभ का वितरण
राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण, राज्य जैव विविधता बोर्ड या केंद्र शासित प्रदेश जैव विविधता परिषद और जैव विविधता प्रबंधन समितियों को शामिल करते हुए कानून के तहत तीन स्तरीय विकेंद्रीकृत तंत्र बनाया है। जैव विविधता प्रबंधन समिति, क्षेत्रीय जैव विविधता का पंजीकरण करती है। इसमें क्षेत्र में उपलब्ध जैविक विविधता से जुड़े ज्ञान के विवरण सहित वनस्पतियों और जीवों का लेखा-जोखा होता है।
निजता की रक्षा : व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक-2019 पर जेपीसी की रिपोर्ट संसद में पेश
निजता या गोपनीयता विधेयक के तौर पर चर्चित व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने सरकार को सलाह दी है कि अगर निजता चिंता का विषय है, तो व्यक्तिगत डाटा संरक्षण विधेयक, 2019 के तहत गैर-व्यक्तिगत डाटा को भी कानूनी दायरे में लाना चाहिए। इसके अलावा विरोधाभास, भ्रम और कुप्रबंधन को रोकने के लिए साझा प्रशासन और नियामक निकाय बनाना चाहिए।
समिति की अध्यक्षता भाजपा के लोकसभा सदस्य पीपी चौधरी कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को संसद में पेश की गई समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि सभी तरह के डाटा की जिम्मेदारी एक डाटा संरक्षण प्राधिकरण (डीपीए) को सौंपी जाए, जो जो देश के भीतर सोशल मीडिया कंपनियों और अन्य संगठनों की तरफ से उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डाटा के उपयोग को नियंत्रित करे।
पारित होने के दो वर्ष के भीतर लागू हो कानून
समिति ने विधेयक के खंड 1 (2) में अधिसूचना जारी होने के बाद इसके कार्यान्वयन के लिए कोई समयसीमा तय नहीं किए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि अधिसूचना जारी होने के बाद अधिकतम दो वर्ष के भीतर इसे लागू किया जाए। इसके साथ ही समिति ने कहा कि अधिसूचना जारी होने के तीन महीने के भीतर डीपीए के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए चरणबद्ध कार्यान्वयन शुरू किया जा सकता है।
निजता के मौलिक अधिकार की अवधारणा को मिलेगी मजबूती
समिति ने विधेयक के उद्देश्यों और कारणों को मंजूरी देते हुए कहा कि यह विधेयक अगस्त 2017 में पुट्टास्वामी वाद में 'निजता के अधिकार' को मौलिक अधिकार घोषित करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय की अनुपालना से जुड़ा है। इसके अलावा न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्ण समिति की सिफारिशों के अनुकूल है।
नाम बदलने की सलाह
समिति ने विधेयक का नाम बदलने का सुझाव देते हुए कहा कि इसे व्यक्तिगत डाटा संरक्षण के तौर पर परिभाषित और सीमित नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि विधेयक में डाटा सुरक्षा के विभिन्न स्तरों पर से निपटने के प्रावधान हैं, ऐसे में व्यक्तिगत डाटा और गैर-व्यक्तिगत डाटा के बीच अंतर करना संभव नहीं है।
कंपनियों में पैदा नहीं हो अनिश्चितता
इसके साथ ही सरकार को कार्यान्वयन की प्रक्रिया के दौरान वैध व्यवसायिक हितों को ध्यान में रखना चाहिए, ताकि भारत में व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने के अपने उद्देश्य से बहुत दूर न हो। रिपोर्ट में यह भी सलाह दी गई है कि कंपनियों से डाटा के डीपीए को मिलने के दौरान अनिश्चितता पैदा नहीं होनी चाहिए।
दो भागों की रिपोर्ट में 12 सिफारिशें
रिपोर्ट में दो भाग हैं। पहले भाग में विधेयक कि प्रावधानों के संबंध में सामान्य विवरण और डाटा सुरक्षा और गोपनीयता पर 12 सिफारिशें की गई हैं। दूसरे भाग में विधेयक की खंड-दर-खंड परीक्षा और इसमें संशोधन की 81 सिफारिशें और कानून के विभिन्न खंडों में 150 से अधिक प्रारूपण सुधार शामिल हैं।
नौ फीसदी एमएसएमई कोरोना के कारण हुए बंद
कोरोना महामारी के कारण देश में नौ फीसदी सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) बंद हुए जबकि 91 फीसदी सुचारू रूप से चल रहे हैं। यह जानकारी एमएसएमई मंत्रालय ने संसद में दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने लोकसभा में बताया, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम लिमिटेड ने अगस्त 2020 में एक ऑनलाइन सर्वे किया था।
इसमें 32 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 5,774 एमएसएमई पर कोरोना का प्रभाव जाना गया था। नतीजों में पता लगा कि इनमें से 91 फीसदी इकाइयां संचालित हैं और नौ फीसदी बंद हो गईं। वहीं, सरकार का कहना है कि रिजर्व बैंक एमएसएमई क्षेत्र में एनपीए का राज्यवार आंकड़ा नहीं रखता।
सड़क निर्माण में निजी क्षेत्र का 15,164.25 करोड़ का निवेश
देश में इस वित्त वर्ष नवंबर तक सड़क निर्माण में 15,164.25 करोड़ रुपये का निजी निवेश हुआ है। सरकार ने बृहस्पतिवार को संसद में यह जानकारी दी। लोकसभा में एक लिखित जवाब में सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, 2019-20 में निजी क्षेत्र ने सड़क निर्माण में 21,925.98 करोड़ रुपये और 2020-21 में 12,475.53 करोड़ रुपये का निवेश किया।
दस साल में तीन गुना बढ़ेगी परमाणु ऊर्जा क्षमता
सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा है कि भारत की मौजूदा 6,780 मेगावॉट परमाणु ऊर्जा क्षमता को बढ़ाकर 2031 तक 22,480 मेगावॉट किए जाने की योजना है। इसे कार्बन उत्सर्जन के नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा में बताया, देश में मौजूदा स्थापित परमाणु बिजली क्षमता 6,780 मेगावॉट है।
देश के कुल बिजली उत्पादन में परमाणु बिजली का हिस्सा वर्ष 2020-21 में लगभग 3.1 फीसदी था। सिंह ने कहा, निर्माणाधीन और मंजूरी प्राप्त परियोजनाओं के क्रमिक रूप से पूरा होने पर वर्ष 2031 तक परमाणु ऊर्जा 22,480 मेगावॉट किए जाने की योजना है। उन्होंने कहा, परमाणु ऊर्जा देश की दीर्घकालीन ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बड़ी संभावना होने के अलावा स्वच्छ और पर्यावरण अनुकूल है।
छह परमाणु बिजली रिएक्टरों की स्थापना के लिए जैतापुर में जगह को दी मंजूरी : केंद्र
फ्रांस के सहयोग से महाराष्ट्र के जैतापुर में 1,650 मेगावॉट के छह परमाणु बिजली रिएक्टरों की स्थापना के लिए जगह को सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। यह देश में परमाणु ऊर्जा उत्पादित करने वाला सबसे बड़ा स्थल होगा, जहां कुल 9,900 मेगावॉट बिजली बनेगी।
परमाणु ऊर्जा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, सरकार ने फ्रांस के साथ तकनीकी सहयोग से प्रत्येक 1650 मेगावॉट क्षमता वाले छह परमाणु बिजली रिएक्टरों की स्थापना के लिए जैतापुर में स्थल को अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है।
सदन में सवाल-जवाब : इसरो ने चार देशों से उपग्रह प्रक्षेपण के करार किए, मिलेंगे 11.38 अरब
भारत अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए चार देशों के साथ छह समझौतों पर दस्तखत किए हैं। इससे सरकार को 13.2 करोड़ यूरो (11.38 अरब रुपये) की विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी। अंतरिक्ष राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में कहा, इसरो वर्ष 2021 से 2023 के दौरान पीएसएलवी द्वारा विदेशी उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए वाणिज्यिक इकाई एनएसआईएल ने चार देशों के ग्राहकों से छह प्रक्षेपण सेवा करार पर हस्ताक्षर किए हैं।
तीन साल में कमाए तीन करोड़ डॉलर, एक करोड़ यूरो
सिंह ने बताया, छात्र निर्मित 12 उपग्रहों समेत कुल 124 स्वदेशी उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया है। 34 देशों के 342 विदेशी उपग्रह भी स्वदेशी प्रक्षेपण यान के जरिए पृथ्वी की कक्षा में भेजे गए हैं।
आईआईटी, आईआईएम में रिक्त पदों को लेकर चिदंबरम ने केंद्र को घेरा
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा संसद में केंद्रीय विश्वविद्यालयों, आईआईटी और आईआईएम में दस हजार से ज्यादा शिक्षकों के पद खाली होने की जानकारी देने के बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने केंद्र को घेरा है। बृहस्पतिवार को पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट कर रिक्त पदों को मोदी सरकार की ओर से एक और साल के अंत का तोहफा करार दिया। बता दें, प्रधान ने राज्यसभा में बताया था कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 6,535, 20 आईआईएम में 403 और 23 आईआईटी में 3,876 पूर्णकालिक शिक्षण पद रिक्त हैं।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए राजद के मनोज झा ने दिया स्थगन प्रस्ताव
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग संसद में एक बार फिर उठी। राष्ट्रीय जनता दल सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में इस मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया। सभापति को दिए पत्र में कहा, बिहार नीति आयोग के लगभग सभी विकास संकेतकों में सबसे नीचे रहा है। मैं आग्रह करता हूं कि सदन की अन्य कार्यवाहियां रोककर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए।
डिस्कॉम पर 1.56 लाख करोड़ बकाया
विद्युत वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर विद्युत उत्पादन इकाइयों का कुल बकाया 1.56 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने लोकसभा में कहा, बिजली वितरण कंपनियां खरीदी गई बिजली के लिए उत्पादन कंपनियों को भुगतान नहीं कर पाई हैं और उत्पादन कंपनियों का बकाया भुगतान 1,56,000 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है।
बारिश के कारण संयंत्रों में पर्याप्त कोयला भंडार नहीं
मांग बढ़ने और भारी बारिश के कारण बिजली संयंत्र इस साल अप्रैल-नवंबर माह के दौरान पर्याप्त कोयला भंडार नहीं रख पाए। यह जानकारी ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने लोकसभा में दी। उन्होंने बताया, अप्रैल-नवंबर 2021 के दौरान बिजली संयंत्र पर्याप्त भंडार बनाए रखने में अक्षम थे क्योंकि कोयला आधारित बिजली का उत्पादन पिछले साल इस समयावधि के मुकाबले 16 फीसदी बढ़ गया था।
लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियां पटरी पर लौटना इसका बड़ा कारण रहा। मंत्री के मुताबिक, देश में अक्तूबर के पहले हफ्ते तक जारी रही भारी बारिश के चलते घरेलू कोयला आपूर्ति भी बाधित हुई। साथ ही वैश्विक बाजार में कोयले के दाम बढ़ने से ताप ऊर्जा संयंत्रों द्वारा इसका आयात भी कम किया गया।