Assam In 2025: जुबीन गर्ग का निधन, गौरव गोगोई का पाकिस्तान कनेक्शन, जानें असम में पूरा साल कैसा रहा?
2025 का अंत अब करीब है। इस साल देशभर के साथ ही असम में ऐसी कई घटनाएं हुईं, जो चर्चा का विषय रहा। आइए जानतें हैं कि असम में पूरा साल क्या- क्या हुआ।
विस्तार
साल 2025 अपने अंतिम पड़ाव पर है। इस साल असम ने कई उतरा-चढ़ाव देखा। असम के सांस्कृतिक प्रतीक जुबीन गर्ग की रहस्यमय मौत ने 2025 में राज्य पर एक गहरा साया डाला, जिससे प्रमुख राजनीतिक और प्रशासनिक घटनाक्रम प्रभावित हुए। इससे जन आक्रोश उत्पन्न हुआ, जिसकी गूंज सत्ता के गलियारों तक सुनाई दी। इसके साथ ही यह वर्ष 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक उठापटक से भी भरा रहा, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े आरोप, घुसपैठ विरोधी अभियान और बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक का पारित होना शामिल था। असम के एक अन्य प्रतिष्ठित सपूत भूपेन हजारिका की जन्म शताब्दी का उत्सव भी इसी वर्ष शुरू हुआ।
जुबीन गर्ग की रहस्यमय मौत
गर्ग, जो उत्तर पूर्व भारत महोत्सव में भाग लेने के लिए सिंगापुर गए थे, 19 सितंबर को समुद्र में तैरते समय उनकी मृत्यु हो गई। इस खबर से असम स्तब्ध रह गया, जबकि गायक की मृत्यु की परिस्थितियों ने व्यापक संदेह को जन्म दिया। जब गर्ग का पार्थिव शरीर सिंगापुर से वापस लाया गया तो लाखों लोग सड़कों पर जमा हो गए। तीन दिनों तक उनके पार्थिव शरीर को एक स्टेडियम में रखा गया ताकि लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें, और अंत में शोक और आक्रोश के माहौल में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
प्रशंसकों ने महोत्सव के निदेशक और गर्ग के प्रबंधक पर लगाया आरोप
इसके साथ ही गायक के प्रशंसकों ने जल्द ही न्याय की मांग करना शुरू कर दिया। उनहोंने महोत्सव के निदेशक श्यामकानु महंत, गर्ग के प्रबंधक सिद्धार्थ शर्मा और अन्य लोगों की गिरफ्तारी की मांग की। यह लोग गर्ग के साथ सिंगापुर गए थे और उनके अंतिम क्षणों में उनके साथ मौजूद थे। बढ़ते दबाव के चलते असम सरकार ने सीआईडी की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया। 12 दिसंबर को एसआईटी ने महंत, शर्मा और गर्ग के बैंड के सदस्यों शेखरज्योति गोस्वामी और अमृतप्रवा महंत के खिलाफ हत्या का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दायर की। गायक के चचेरे भाई संदीपान गर्ग, जो असम पुलिस अधिकारी हैं और उनके साथ गए थे, पर गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाया गया, जबकि उनके दो निजी सुरक्षा अधिकारियों - नंदेश्वर बोरा और परेश बैश्य - पर आपराधिक साजिश और आपराधिक विश्वासघात का मामला दर्ज किया गया।
सोशल मीडिया पर गायक को न्याय दिलाने के लिए अभियान शुरू हुआ
इस मामले ने जल्द ही राजनीतिक रंग ले लिया, और सत्ताधारी और विपक्षी दोनों दलों ने घटनाक्रम का फायदा उठाने की कोशिश की। इसके लिए #JusticeForZubeenGarg नाम से एक सोशल मीडिया अभियान शुरू हुआ, जिसने इस हैशटैग के तहत राज्य में अब तक की सबसे अधिक सहभागिता दर्ज की। अदालत में मुकदमा शुरू हो चुका है, और राज्य सरकार ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय में मामले की तुरंत सुनवाई कराने और एक विशेष अभियोजक की नियुक्ति का वादा किया है। इस उथल-पुथल के बीच, गर्ग की आखिरी फिल्म, 'रोई रोई बिनाले', उनकी योजना के अनुसार 31 अक्टूबर को रिलीज हुई और अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली असमिया फिल्म बन गई।
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भूपेन हजारिका की जयंती, प्रधानमंत्री मोदी ने किया उद्घाटन
वहीं, सांस्कृतिक क्षेत्र में भूपेन हजारिका की जयंती के वर्ष भर चलने वाले समारोहों का भी शुभारंभ हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 सितंबर को समारोहों का उद्घाटन किया, जिसके तहत देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अगले वर्ष समापन समारोह में शामिल होंगी।
गौरव गोगोई पर पाकिस्तान से संबंध होने के लगे आरोप
इसके साथ ही राजनीतिक मोर्चे पर मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने लोकसभा में विपक्ष के उपनेता गौरव गोगोई पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गौरव गोगोई और उनकी ब्रिटिश पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध हैं। दंपति के पाकिस्तानी नागरिक अली तौकीर शेख से कथित संबंधों की जांच के लिए एक विशेष जांच समिति (एसआईटी) का गठन किया गया था। रिपोर्ट 10 सितंबर को मुख्यमंत्री को सौंपी गई। सरमा ने दावा किया कि जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जो हमारे राष्ट्र की संप्रभुता को कमजोर करने के उद्देश्य से रची गई थी। यह एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हैं। और इसके सात ही कहा कि यह मामला जल्द ही एक केंद्रीय एजेंसी को सौंप दिया जाएगा। आरोपों के सामने आने के बाद असम कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किए गए गोगोई ने इन आरोपों को सी-ग्रेड बॉलीवुड फिल्म कहकर खारिज कर दिया, जो फ्लॉप हो जाएगी, और जोर देकर कहा कि असम के लोग सब कुछ समझते हैं।
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि ये आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने के उद्देश्य से लगाए गए हैं। गोगोई ने कहा कि चुनाव तैयारियों और गठबंधन बनाने में विपक्ष भाजपा से आगे है। इसके बाद कांग्रेस समेत आठ विपक्षी दलों ने विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने की योजना की घोषणा की। हालांकि, मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने 2026 और 2031 के विधानसभा चुनावों में अपनी हार पहले ही स्वीकार कर ली है और वह 2036 के चुनावों की तैयारी कर रही है, जिसमें राज्य में एनडीए की जीत निश्चित है।
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घुसपैठ के मुद्दे पर मुखर रहे असम के मुख्यमंत्री
इसके साथ ही पूरे साल सरमा ने घुसपैठ के मुद्दे पर आक्रामक रूप से अभियान चलाया। बंगाली भाषी मुसलमानों द्वारा कथित तौर पर अतिक्रमण किए गए वन क्षेत्रों और सत्तरा (वैष्णव मठ) की संपत्तियों पर बेदखली अभियान शुरू किए। उन्होंने दावा किया कि सरकार घुसपैठ मुक्त असम के लिए प्रतिबद्ध है और कहा कि हर हफ्ते 35-40 लोगों को वापस खदेड़ा जा रहा है।
प्रशासन ने महिलाओं, लड़कियों और छात्रों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू कीं, वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में लगभग 1.5 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां प्रदान की गई हैं।राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने तिवारी और मेहता आयोग की रिपोर्टों को पेश किए जाने पर संदेह व्यक्त किया - ये रिपोर्टें 1983 के विधानसभा चुनावों से पहले हुई हिंसा, जिसमें नेल्ली नरसंहार भी शामिल है, से संबंधित थीं - और इसे जनमत सर्वेक्षण से प्रेरित बताया। इसी तरह, बहुविवाह, चाय बागान श्रमिकों के भूमि अधिकार और छह समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने पर कैबिनेट उप-समिति की रिपोर्ट से संबंधित विधेयकों को चुनावी समर्थन को मजबूत करने के प्रयासों के रूप में देखा गया। चुनावी दृष्टि से, भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने पंचायत चुनावों में शानदार जीत हासिल की, लेकिन बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद चुनावों में उसे झटका लगा और वह बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट से सत्ता हार गई, जो बाद में एनडीए का हिस्सा बन गया।