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Rajasthan: OBC आरक्षण संघर्ष समिति और सरकार के बीच वार्ता सफल, दो मांगों पर सहमति बनने के बाद महापड़ाव स्थगित

न्यूूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर Published by: रोमा रागिनी Updated Sat, 01 Oct 2022 08:50 AM IST
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सार

गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण को लेकर दिए गए महापड़ाव का समर्थन किया था। पदाधिकारियों के साथ बैठक में हरीश चौधरी भी मौजूद रहे। बैठक में संघर्ष समिति की तीन मांगों पर चर्चा हुई।

OBC Aarakshan Sangharsh Samiti Mahapadav ends in Jaipur
ओबीसी आरक्षण को लेकर जयपुर में धरना - फोटो : ANI

विस्तार
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ओबीसी आरक्षण में हुई विसंगतियां दूर नहीं होने पर शुक्रवार को युवाओं का गुस्सा फूट पड़ा और वे सड़क पर उतर गए। हालांकि, जयपुर में शहीद स्मारक पर दिया जा रहा महापड़ाव स्थगित हो गया है। गहलोत सरकार में पूर्व मंत्री रहे हरीश चौधरी और जाट नेता राजाराम मील सहित संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें दो मांगों पर सहमति बन गई और उनको तत्काल प्रभाव से लागू करने का आश्वासन दिया।

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बता दें कि ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण बहाल करने और विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर शुक्रवार को युवा सड़क पर उतर गए। ओबीसी आरक्षण बहाल करो संघर्ष समिति के आह्वान शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया। गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हरीश चौधरी ने इस धरने को खुला समर्थन दिया था। पूर्व मंत्री रहे हरीश चौधरी और जाट नेता राजाराम मील सहित संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री कार्यालय में उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की हुई। इस बैठक में संघर्ष समिति की तीन मांगों पर चर्चा हुई, जिनमें से दो मांगों पर सहमति बनी, जबकि तीसरी मांग को भी जल्द उच्च स्तरीय परीक्षण के बाद पूरा करने का आश्वासन दिया गया।

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इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर आंदोलन को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ओबीसी आरक्षण के संबंध में पैदा हुईं विसंगतियों का सकारात्मक हल करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। विभागीय और कानूनी राय लेकर इस मुद्दे का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा, जिससे यह न्यायिक प्रक्रिया में ना अटके।


पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि राजस्थान में ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण मिला हुआ है लेकिन साल 2018 में सरकार के कार्मिक विभाग ने ओबीसी की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिक का कोटा निर्धारित कर दिया। जिससे भूतपूर्व सैनिक इस पूरे कोटे का लाभ उठा रहे हैं और ओबीसी वर्ग के अन्य अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पा रहा है। 21 फीसदी आरक्षण होने के बावजूद ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों का एक भी पद पर चयन नहीं हुआ। 

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