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Kathua News: स्टाफ नर्स के सहारे चल रही शहरी पीएचसी गोविंदसर
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संवाद न्यूज एजेंसी
कठुआ। शहर से सटे रेलवे स्टेशन के पास गोविंदसर में स्थापित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) को एक दशक बाद भी न एमबीबीएस डॉक्टर मिला है न फार्मासिस्ट। पीएचसी एक स्टॉफ नर्स के सहारे ही चल रही है जिससे मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गोविंदसर पीएचसी जनवरी 2015 में स्थापित हुई थी। इस पर दो पंचायतों और औद्योगिक क्षेत्र के मजदूरों की 10 हजार की ज्यादा आबादी निर्भर है लेकिन हालात ऐसे हैं कि यहां मरहम पट्टी करने के लिए फार्मासिस्ट तक नहीं है। न ही एमबीबीएस डॉक्टर तैनात किया गया है। वर्तमान में यहां एनएचएम की एक अस्थायी स्टॉफ नर्स, दो मल्टीपर्पज स्टाफ और एक लैब सहायक तैनात हैं जबकि स्वास्थ्य विभाग ने पीएचसी का उद्घाटन करते हुए दावा किया था कि जल्द डॉक्टर और स्थायी इमारत का इंतजाम किया जाएगा। वर्तमान यूपीएचसी के यह हालात हैं कि उसके बाहर लगा साइनबोर्ड भी मिट गया है। मरीजों को ढूंढने पर भी स्वास्थ्य केंद्र का पता नहीं चलता है।
टीकाकरण तक सीमित रह गया स्वास्थ्य केंद्र ः लोगों का कहना है कि गोविंदसर की दो पंचायतों सहित औद्योगिक मजदूरों के लिए स्थापित पीएचसी मात्र टीकाकरण तक सीमित रह गई है। जच्चा-बच्चा का टीकाकरण भी महीने में दो बार ही किया जाता है जबकि ज्यादातर यूपीएचसी में एक माह में 4 बार किया जाता है।
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कठुआ। शहर से सटे रेलवे स्टेशन के पास गोविंदसर में स्थापित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) को एक दशक बाद भी न एमबीबीएस डॉक्टर मिला है न फार्मासिस्ट। पीएचसी एक स्टॉफ नर्स के सहारे ही चल रही है जिससे मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि गोविंदसर पीएचसी जनवरी 2015 में स्थापित हुई थी। इस पर दो पंचायतों और औद्योगिक क्षेत्र के मजदूरों की 10 हजार की ज्यादा आबादी निर्भर है लेकिन हालात ऐसे हैं कि यहां मरहम पट्टी करने के लिए फार्मासिस्ट तक नहीं है। न ही एमबीबीएस डॉक्टर तैनात किया गया है। वर्तमान में यहां एनएचएम की एक अस्थायी स्टॉफ नर्स, दो मल्टीपर्पज स्टाफ और एक लैब सहायक तैनात हैं जबकि स्वास्थ्य विभाग ने पीएचसी का उद्घाटन करते हुए दावा किया था कि जल्द डॉक्टर और स्थायी इमारत का इंतजाम किया जाएगा। वर्तमान यूपीएचसी के यह हालात हैं कि उसके बाहर लगा साइनबोर्ड भी मिट गया है। मरीजों को ढूंढने पर भी स्वास्थ्य केंद्र का पता नहीं चलता है।
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टीकाकरण तक सीमित रह गया स्वास्थ्य केंद्र ः लोगों का कहना है कि गोविंदसर की दो पंचायतों सहित औद्योगिक मजदूरों के लिए स्थापित पीएचसी मात्र टीकाकरण तक सीमित रह गई है। जच्चा-बच्चा का टीकाकरण भी महीने में दो बार ही किया जाता है जबकि ज्यादातर यूपीएचसी में एक माह में 4 बार किया जाता है।