J&K Rajya Sabha Elections: राज्यसभा सीटों को लेकर कांग्रेस-नेकां में तकरार, मनचाही सीट न मिलने से नाराजगी
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को एक बार फिर गठबंधन सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा नजरअंदाज किए जाने पर गहरी नाराजगी है। मनचाही सीट न मिलने से आहत कांग्रेस ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और मामला अब हाईकमान के पाले में है।

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प्रदेश के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को एक बार फिर अपमान का घूंट पीना पड़ा। यह पहला मौका नहीं है जब प्रदेश में कांग्रेस इस दौर से गुजरी हो बल्कि इससे पहले उसे नेकां की नजरों से गिरना पड़ा है। अब सबकी नजरें राज्यसभा चुनाव के मतदान पर हैं कि कांग्रेस का रुख क्या रहता है।

2024 के विस चुनाव से पूर्व गठबंधन व चुनाव के बाद मंत्रिमंडल में जगह को लेकर भी ऐसा ही घमासान सामने आ चुका है। नेकां व कांग्रेस ने गठबंधन में चुनाव लड़ने का फैसला किया था लेकिन कुछ सीटों पर दोनों में टकराव सामने दिखा था। नेकां ने 42 और कांग्रेस ने छह सीटों पर जीत हासिल की जबकि सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत थी।
उस समय नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस के अलावा निर्दलीय चुनाव जीते सात विधायकों और तीन अन्यों को अपने खेमे में जोड़कर सरकार बना ली। नेकां ने निर्दलीय चुनाव जीते सतीश शर्मा को मंत्रिमंडल में शामिल भी कर लिया लेकिन कांग्रेस को मन मुताबिक मंत्री पद नहीं दिया गया।
बाद में कांग्रेस ने सरकार में शामिल होने से ही इन्कार कर दिया। तब कांग्रेस ने तर्क दिया था कि वह जम्मू-कश्मीर को राज्य दर्जे मिलने पर ही सरकार में शामिल होगी। तब हाईकमान ने नेकां को समर्थन जारी रखने के निर्देश दिए और अब तक कांग्रेस इन्हीं पर अमल भी कर रही है।
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने गठबंधन की दुहाई देकर नेकां पर दबाव बनाया था। इस दबाव को भुनाने का कांग्रेस हाईकमान ने भी प्रयास किया। नेकां राज्यसभा की सीट देने के लिए तैयार हो गई लेकिन बात आखिर में मनमर्जी की सीट पर पेंच फंस गया।
इस बीच, नेकां ने कांग्रेस को पूछे बिना तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार दिए। एक सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी जिस पर जीत की कोई संभावना नहीं थी। इससे आहत कांग्रेस ने राज्यसभा का चुनाव लड़ने से ही इन्कार कर दिया। अब तक प्रदेश में हुए घटनाक्रम की सारी रिपोर्ट कांग्रेस हाईकमान को भेजी जा चुकी है और इंतजार इस बार भी हाईकमान के फैसले का ही हो रहा है।
कांग्रेस को चुकानी पड़ रही गठबंधन की कीमत
पार्टी ने लंबी चर्चा के बाद राज्यसभा चुनाव न लड़ने का फैसला किया है। प्रदेश में कांग्रेस-नेकां गठबंधन में हैं लेकिन इसकी कीमत बार-बार कांग्रेस को ही चुकानी पड़ रही है। भविष्य के बारे में फैसला पार्टी हाईकमान करेगी और जो भी फैसला होगा उस पर प्रदेश संगठन अमल करेगा। नगरोटा और बडगाम उपचुनाव पर भी जल्द ही स्थिति साफ हो जाएगी। -रविंदर शर्मा, मुख्य प्रवक्ता, कांग्रेस
कांग्रेस का इंतजार करने के बाद उतारा प्रत्याशी
नेकां ने राज्यसभा की चारों सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं। आखिरी सीट के लिए कांग्रेस के फैसले का इंतजार किया गया पर कांग्रेस ने इन्कार किया तो नेकां को प्रत्याशी उतारने का फैसला करना पड़ा है। अब जल्द ही बडगाम और नगरोटा के उपचुनाव पर भी मंत्रणा होगी और उम्मीदवार तय कर दिए जाएंगे। नेकां पूरी शिद्दत के साथ चुनाव में हिस्सा लेने जा रही है। -बशीर शेख, महासचिव, नेकां