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Udhampur News: रेलवे उपयोगकर्ता परामर्श समिति ने चिनाब व अंजी रेल पुलों का किया दौरा
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उधमपुर। क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्श समिति के सदस्यों ने नव निर्मित चिनाब और अंजी खड्ड रेल पुलों का अध्ययन दौरा किया। दौरे का मुख्य उद्देश्य रेलवे अवसंरचना के निर्माण में तकनीकी नवाचार और भारतीय रेलवे के विकास को देखना तथा इन पुलों के निर्माण की जटिलताओं को समझने पर केंद्रित था।
अध्ययन दौरे के दौरान सदस्यों के साथ उत्तर रेलवे के अतिरिक्त महाप्रबंधक, उप महाप्रबंधक (सामान्य) मंडल रेल प्रबंधक विवेक कुमार व वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक उचित सिंघल व मंडल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अगर चिनाब और अंजी खड्ड रेल पुल की विशेषताओं की बात करें तो यह दोनों पुल उधमपुर - श्रीनगर - बारामुला रेल लिंक परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जो अपने आप में एक इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना हैं।
इन पुलों की विशेषता को देखें तो सबसे पहले चिनाब पुल चिनाब नदी पर बनाया गया हैं, जो पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर से अधिक ऊंचा है। इस पुल को सुरक्षा के लिहाज से देखें तो 8 तीव्रता के भूकंप के झटके और 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं का सामना करने में भी सक्षम है। दूसरे क्रम में अंजी खड्ड रेल पुल देश का पहला केबल स्टेंड रेल पुल है जो चुनौतीपूर्ण भूभाग पर बना है। इसकी ऊंचाई लगभग 331 मीटर है जो एक बेहतर कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करता हैं।
यह अध्ययन दौरा समिति के सदस्यों को इन महत्वकांक्षी परियोजना को करीब से देखने और रेलवे के सामने आने वाली तकनीकी और परिचालन चुनौतियों को समझने का अवसर प्रदान करेगा। यह अध्ययन दौरा रेलवे के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और रेलवे उपयोगकर्ताओं की जरूरत को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इस दौरे से प्राप्त जानकारी का उपयोग भविष्य की परियोजनाओं को और अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से योजना बनाने में किया जाएगा।
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अध्ययन दौरे के दौरान सदस्यों के साथ उत्तर रेलवे के अतिरिक्त महाप्रबंधक, उप महाप्रबंधक (सामान्य) मंडल रेल प्रबंधक विवेक कुमार व वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक उचित सिंघल व मंडल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि अगर चिनाब और अंजी खड्ड रेल पुल की विशेषताओं की बात करें तो यह दोनों पुल उधमपुर - श्रीनगर - बारामुला रेल लिंक परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जो अपने आप में एक इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना हैं।
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इन पुलों की विशेषता को देखें तो सबसे पहले चिनाब पुल चिनाब नदी पर बनाया गया हैं, जो पेरिस के एफिल टावर से 35 मीटर से अधिक ऊंचा है। इस पुल को सुरक्षा के लिहाज से देखें तो 8 तीव्रता के भूकंप के झटके और 266 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं का सामना करने में भी सक्षम है। दूसरे क्रम में अंजी खड्ड रेल पुल देश का पहला केबल स्टेंड रेल पुल है जो चुनौतीपूर्ण भूभाग पर बना है। इसकी ऊंचाई लगभग 331 मीटर है जो एक बेहतर कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करता हैं।
यह अध्ययन दौरा समिति के सदस्यों को इन महत्वकांक्षी परियोजना को करीब से देखने और रेलवे के सामने आने वाली तकनीकी और परिचालन चुनौतियों को समझने का अवसर प्रदान करेगा। यह अध्ययन दौरा रेलवे के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और रेलवे उपयोगकर्ताओं की जरूरत को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इस दौरे से प्राप्त जानकारी का उपयोग भविष्य की परियोजनाओं को और अधिक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से योजना बनाने में किया जाएगा।