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Interview: जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत जल्द होगी शुरू, काजीगुंड से बडगाम तक बिछेगा अतिरिक्त ट्रैक

अरुण कुमार अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: निकिता गुप्ता Updated Tue, 04 Nov 2025 12:23 PM IST
सार

काजीगुंड से बडगाम तक अतिरिक्त ट्रैक बिछाने का काम चल रहा है, ताकि जम्मू से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेन का परिचालन जल्द शुरू किया जा सके। रेलवे मंडल जम्मू ने नेटवर्क विस्तार, सुरक्षा और प्लेटफॉर्म व्यवस्थाओं पर तेजी से काम किया है, जिससे लंबी दूरी की ट्रेनों की सुविधा बढ़ेगी।

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Additional track to be laid from Qazigund to Budgam, long-distance trains to Kashmir
सीनियर डीसीएम, उचित सिंघल - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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रेलवे मंडल जम्मू का वर्चुअल उद्घाटन इसी साल छह जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इन 11 महीनों में कई बड़ी और महत्वपूर्ण परियोजनाओं के शुभारंभ का गवाह बना। उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना राष्ट्र को समर्पित की गई। कटड़ा-श्रीनगर तक वंदे भारत चलाई गई। आने वाले समय में नेटवर्क के और विस्तार पर काम चल रहा है। इनमें काजीकुंड से बडगाम तक अतिरिक्त ट्रैक बिछाने की महात्वाकांक्षी योजना भी शामिल है।

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इसके अलावा जम्मू मंडल में काम करने के लिए आवेदन कर चुके चार हजार से अधिक कर्मचारियों की तैनाती के लिए उन्हें पत्र जारी किए जा रहे हैं। बाढ़ के बाद ट्रेनों का नियमित परिचालन बहाल करने, जम्मू से कश्मीर तक वंदे भारत का परिचालन शुरू होने सहित अन्य प्रमुख मुद्दों अमर उजाला ने जम्मू रेलवे मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (सीनियर डीसीएम) उचित सिंघल से बात की।

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जम्मू से श्रीनगर जल्द जाएगी वंदेभारत, तेजी से चल रहा काम
सिंघल ने बताया कि नवंबर तक सभी चुनौतियों को दूर कर वंदे भारत को जम्मू से श्रीनगर चलाने की योजना है। उच्च स्तर पर इसकी निगरानी हो रही है। जम्मू मंडल के पुनर्विकास के काम को तेज किया गया है। कटड़ा से श्रीनगर तक चल रही वंदे भारत को जम्मू तक लाना है तो उसके लिए कई पहलुओं को देखा जा रहा है।

सेक्शन पर नियमित ट्रेनों को प्रभावित किए बिना ट्रेन को शुरू करना होगा। प्लेटफार्म, ट्रेन की रखरखाव की व्यवस्था देखनी होगी है। अगस्त में हुई मूसलाधार बारिश से जम्मू रेलवे स्टेशन पुनर्विकास की योजना पूरी तरह से बदल गई है। देशभर से जिन बोगी के साथ ट्रेन कटड़ा तक आती है, वह सर्दी में श्रीनगर में नहीं चलाई जा सकती। कटड़ा से बनिहाल तक लोकल ट्रेन चला रहे हैं। सुरक्षा व परिचालन की चुनौती को दूर कर कटड़ा से श्रीनगर तक लोकल ट्रेन शुरू की जाएगी।

कर्मचारियों की कमी जल्द पूरी होगी
सिंघल ने बताया कि जम्मू मंडल के गठन के बाद ही स्वीकृत डीपीआर में अंकित पदों की तुलना में हमारे पास कर्मचारियों की कमी है। इसे पूरा करने के लिए न सिर्फ उत्तर रेलवे बल्कि देश के अन्य रेलवे मंडल के कर्मचारियों से जम्मू मंडल में काम करने के लिए आवेदन मांगे थे। बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने आवेदन किए। डीपीआर में स्वीकृत पद और आए आवेदन के आधार पर कर्मचारियों को तैनाती के लिए पत्र जारी किए जा रहे हैं। इससे रिक्त पदों पर जल्द कर्मचारियों की तैनाती होगी। वाणिज्य विभाग में 36 पदों पर तैनाती होनी है।

जम्मू से अमृतसर तक बिछाई जाएगी तीसरी लाइन
सिंघल ने बताया कि जम्मू मंडल के गठन के बाद ही स्वीकृत डीपीआर में अंकित पदों की तुलना में हमारे पास कर्मचारियों की कमी है। इसे पूरा करने के लिए न सिर्फ उत्तर रेलवे बल्कि देश के अन्य रेलवे मंडल के कर्मचारियों से जम्मू मंडल में काम करने के लिए आवेदन मांगे थे। बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने आवेदन किए। डीपीआर में स्वीकृत पद और आए आवेदन के आधार पर कर्मचारियों को तैनाती के लिए पत्र जारी किए जा रहे हैं। इससे रिक्त पदों पर जल्द कर्मचारियों की तैनाती होगी। वाणिज्य विभाग में 36 पदों पर तैनाती होनी है।

जम्मू से अमृतसर तक बिछाई जाएगी तीसरी लाइन
सिंघल ने बताया कि जम्मू मंडल में रेलवे बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रहा है। जम्मू से अमृतसर तक तीसरी लाइन बिछाने के लिए डीपीआर रेलवे मंत्रालय को सौंपी गई है। कटड़ा से जम्मू तक डबल ट्रैक बिछाने और घाटी में काजीगुंड से लेकर बडगाम तक ट्रैक डबलिंग की योजना है। इससे कश्मीर में लाइन क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा। जब भविष्य में रेलवे लंबी दूरी की ट्रेनों को घाटी में शुरू करेगी तो लोकल ट्रेनों का परिचालन बाधित नहीं होगा। इसी तरह पठानकोट, जम्मू, उधमपुर और बडगाम रेलवे स्टेशन का विकास हो रहा है। कटड़ा स्टेशन का पुनर्विकास किया जा रहा है।

जम्मू मंडल की अलग तरह की चुनौती
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक उचित सिंघल ने बताया कि नए मंडल की घोषणा के बाद से हमारे सामने चुनौतियां ज्यादा थीं। मंडल का अपना अलग कामकाज रहता है। कार्यालयों को शुरू कर कुशल और अनुभवी कर्मचारियों को तैनात करना।

नए कर्मचारियों को प्रशिक्षण आदि। इसके साथ ही कटड़ा से श्रीनगर तक वंदे भारत को शुरू करवाने के लिए कटड़ा से बनिहाल तक रूट को तैयार करना था, इसके बाद वंदे भारत का उद्घाटन हो सका। पहलगाम आतंकी हमले के बाद बने हालात और ऑपरेशन सिंदूर के समय यात्रियों के लिए विशेष ट्रेनों का परिचालन करने की चुनौती थी। इस दौरान रात के समय ट्रेनों के परिचालन से लेकर कई काम हुए। यही कारण था कि सेना प्रमुख ने जम्मू मंडल के कार्य को सराहा और सम्मानित किया। चेरी के मौसम में कटड़ा से 15 वीपी का पार्सल किया। सेब के सीजन में 14 हजार टन सेब ट्रेन के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों तक पहुंचाया गया है।

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