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जम्मू व श्रीनगर में आईटीएमएस, आईटीएलएस सिस्टम का बेहतर उपयोग करें : डुल्लू
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- मुख्य सचिव ने जम्मू-कश्मीर में इलेक्ट्रॉनिक सड़क सुरक्षा प्रवर्तन के कार्यों की समीक्षा की
- आईजी ट्रैफिक ने कहा, जम्मू में 44 जंक्शन पर 552 और श्रीनगर में 68 जंक्शन पर 828 कैमरे लगे हैं
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। यातायात विभाग जम्मू और श्रीनगर में इंटग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) और इंटेलिजेंट ट्रैफिक लाइट सिस्टम (आईटीएलएस) का प्रभावी उपयोग करे। इन प्रणालियों को न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के माध्यम से यातायात प्रबंधन को आधुनिक बनाने और यातायात नियमों के प्रवर्तन में सुधार लाने के लिए शुरू किया गया था लेकिन इनका अल्प उपयोग चिंतनीय है। इससे इसका मूल उद्देश्य विफल हो जाता है।
यह बातें मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने कही। वह रविवार को प्रदेश में सड़क सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन प्रणालियों के क्रियान्वयन और मौजूदा स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। दोनों शहरों में स्थापित कैमरों और ट्रैफिक लाइटों की कार्यप्रणाली को ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव ने आईटीएमएस और आईटीएलएस में व्याप्त गड़बड़ियों को दूर करने का निर्देश दिया।
ग्रामीण आईटीएमएस के संबंध में मुख्य सचिव ने अनंतनाग, बारामुला, कठुआ, उधमपुर, सांबा और अन्य जिलों के प्रमुख चौराहों तक इलेक्ट्रॉनिक ट्रैफिक प्रबंधन का विस्तार करने पर जोर दिया। आवास एवं शहरी विकास विभाग की आयुक्त सचिव मनदीप कौर ने बैठक में बताया कि सभी मौजूदा आईटीएलएस जंक्शनों के पूर्ण जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण के लिए 1.88 करोड़ की एक विस्तृत डीपीआर तैयार की गई है। सभी आईटीएलएस और आईटीएमएस जंक्शन को दिसंबर 2025 तक पूरी तरह चालू करने का लक्ष्य है।
आईजी ट्रैफिक एम सुलेमान चौधरी ने बताया कि जम्मू में 44 जंक्शनों पर 552 कैमरे और श्रीनगर के 68 जंक्शनों पर 828 कैमरे लगाए जा चुके हैं। जम्मू में 64 साइटों में से 21 सड़कों के चौड़ीकरण और विस्तार के कारण बंद थीं, जबकि श्रीनगर में 66 साइटों में से 5 बंद थीं। बैठक में प्रमुख सचिव गृह, आयुक्त सचिव, आवास एवं शहरी विकास विभाग, आईजी ट्रैफिक सहित अन्य लोग मौजूद थे।
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जम्मू। यातायात विभाग जम्मू और श्रीनगर में इंटग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) और इंटेलिजेंट ट्रैफिक लाइट सिस्टम (आईटीएलएस) का प्रभावी उपयोग करे। इन प्रणालियों को न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के माध्यम से यातायात प्रबंधन को आधुनिक बनाने और यातायात नियमों के प्रवर्तन में सुधार लाने के लिए शुरू किया गया था लेकिन इनका अल्प उपयोग चिंतनीय है। इससे इसका मूल उद्देश्य विफल हो जाता है।
यह बातें मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने कही। वह रविवार को प्रदेश में सड़क सुरक्षा के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन प्रणालियों के क्रियान्वयन और मौजूदा स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। दोनों शहरों में स्थापित कैमरों और ट्रैफिक लाइटों की कार्यप्रणाली को ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव ने आईटीएमएस और आईटीएलएस में व्याप्त गड़बड़ियों को दूर करने का निर्देश दिया।
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ग्रामीण आईटीएमएस के संबंध में मुख्य सचिव ने अनंतनाग, बारामुला, कठुआ, उधमपुर, सांबा और अन्य जिलों के प्रमुख चौराहों तक इलेक्ट्रॉनिक ट्रैफिक प्रबंधन का विस्तार करने पर जोर दिया। आवास एवं शहरी विकास विभाग की आयुक्त सचिव मनदीप कौर ने बैठक में बताया कि सभी मौजूदा आईटीएलएस जंक्शनों के पूर्ण जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण के लिए 1.88 करोड़ की एक विस्तृत डीपीआर तैयार की गई है। सभी आईटीएलएस और आईटीएमएस जंक्शन को दिसंबर 2025 तक पूरी तरह चालू करने का लक्ष्य है।
आईजी ट्रैफिक एम सुलेमान चौधरी ने बताया कि जम्मू में 44 जंक्शनों पर 552 कैमरे और श्रीनगर के 68 जंक्शनों पर 828 कैमरे लगाए जा चुके हैं। जम्मू में 64 साइटों में से 21 सड़कों के चौड़ीकरण और विस्तार के कारण बंद थीं, जबकि श्रीनगर में 66 साइटों में से 5 बंद थीं। बैठक में प्रमुख सचिव गृह, आयुक्त सचिव, आवास एवं शहरी विकास विभाग, आईजी ट्रैफिक सहित अन्य लोग मौजूद थे।