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सांबा में बनेगा पहला फोरेंसिक संस्थान: पुलिस जांच में आएगी तेजी, गृह मंत्रालय ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

अमर उजाला ब्यूरो, जम्मू Published by: Digvijay Singh Updated Tue, 30 Dec 2025 12:35 AM IST
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सार

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में प्रदेश के पहले अत्याधुनिक फोरेंसिक संस्थान की स्थापना के लिए मंजूरी दे दी है। यह संस्थान साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया को मजबूत करेगा जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी।

First forensic institute to be established in Samba Police investigations will be expedited Home Ministry appr
केंद्रीय गृह मंत्रालय - फोटो : ANI
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विस्तार
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले में प्रदेश के पहले अत्याधुनिक फोरेंसिक संस्थान की स्थापना के लिए मंजूरी दे दी है। यह संस्थान साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया को मजबूत करेगा जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी। यह संस्थान केंद्रीय जांच एजेंसियों के लिए एकीकृत सिस्टम के रूप में कार्य करेगा।

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एम्स जम्मू के कार्यकारी निदेशक व सीईओ प्रो. शक्ति कुमार गुप्ता ने बताया कि जम्मू-कश्मीर तीन दशक से आतंकवाद से लड़ रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में साक्ष्य जुटाने को सुदृढ़ करने, दोषसिद्धि दर बढ़ाने, बेहतर जांच एवं निदान में सहायता के लिए एक संस्थान स्थापित करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। फोरेंसिक जांच की जरूरतें ज्यादा हैं लेकिन देश में इस तरह के संस्थान कम हैं। प्रो. गुप्ता जम्मू-कश्मीर को फोरेंसिक संस्थान मिलने को बड़ी उपलब्धि बताते हैं।
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एम्स जम्मू में फोरेंसिक मेडिसिन टॉक्सिकोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश राव का कहना है कि जम्मू-कश्मीर काफी संवेदनशील है। अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ होने के कारण यहां आतंकवाद, नशा तस्करी और हथियारों से जुड़े अपराधों की आशंका बनी रहती है। कई मामलों में अपराधी दूसरे राज्य और देशों से होते हैं। ऐसे मामलों में तेज और पुख्ता जांच बड़ी चुनौती होती है।

अभी जम्मू और श्रीनगर में एक-एक लैब
प्रदेश में जम्मू और श्रीनगर में अभी एक-एक फोरेंसिक लैब है जिसका मुख्यालय जम्मू में है। इनकी स्थापना 1964 में गृह विभाग के अधीन की गई थी। इन दोनों लैब को भी आधुनिक बनाया जा रहा है।

एनएफएसयू और सीएफएसएल की तरह होगा अत्याधुनिक
अधिकारियों के अनुसार यह संस्थान गुजरात के नेशनल फोरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (सीएफएसएल) की तरह अत्याधुनिक होगा। इससे न सिर्फ जम्मू-कश्मीर बल्कि पड़ोसी राज्यों को भी सुविधा मिलेगी।

ये फायदे मिलेंगे
-सरकार की मदद से एम्स अब स्टेट ऑफ द आर्ट फोरेंसिक संस्थान स्थापित करेगा जो सुरक्षाबलों की सभी जरूरतों को पूरा करेगा।
-आतंकी वारदात, नशा व हथियार तस्करी के साथ-साथ आपराधिक मामलों की जांच व साक्ष्य विश्लेषण को मजबूती मिलेगी
-फोरेंसिक संस्थान पुलिस व सुरक्षा एजेंसियों के लिए वन स्टॉप सेंटर की तरह होगा। यहां पर साक्ष्य को सुरक्षित रखने, उनकी जांच करने और वैज्ञानिक विश्लेषण की सुविधा एक छत के नीचे उपलब्ध होगी।
-गंभीर मामलों की जांचें जल्द और सटीक होंगी। इससे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों पर निर्भरता भी कम होगी।

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