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Jammu News: मेंटेनेंस का खर्च ज्यादा, जेकेआरटीसी की 10 ई-बसें परिचालन से बाहर
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जम्मू शहर को मिली थीं 20 ई-बसें, कई के कंप्रेसर खराब
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। अधिक मेंटेनेंस का खर्च, मैकेनिकल कर्मचारियों की कमी के कारण जम्मू-कश्मीर रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (जेकेआरटीसी) की ई-बसें परिचालन से बाहर हो रही हैं। जम्मू शहर में चलने वाली 20 ई-बसों में दस से ज्यादा परिचालन से बाहर हैं। अधिकांश का कंप्रेसर खराब हैं और लगभग एक साल से यार्ड में मेंटेनेंस की आस में खड़ी हैं।
जेकेआरटीसी ने 2019 में टाटा कंपनी से 40 ई-बसें खरीदी थीं। इनमें 20 जम्मू तो 20 श्रीनगर शहर के लिए थी। अब खरीद के छह साल बाद जम्मू शहर में चलने वाली 20 ई-बसों में 10 से ज्यादा खराब पड़ी हैं। यार्ड में खड़ी हैं और कबाड़ बनती जा रही हैं। ज्यादातर ई-बसों के कंंप्रेसर खराब हैं। कुछ के टायर निकले हुए हैं। कंप्रेसर की आपूर्ति टाटा कंपनी से होनी है। जेकेआरटीसी प्रबंधन का दावा है कि एक कंप्रेसर की कीमत पांच से छह लाख रुपये तक है। प्रबंधन टाटा कंपनी के साथ समन्वय बना रहा है ताकि नई ई-बसों में लगने वाले नए तकनीक के कंप्रेसर इन बसों में लगाए जाएं।
नए तकनीक के कंप्रेसर की कीमत पुराने के मुकाबले कम है। अगर ऐसा होता है तो इन ई-बसों की सड़कों पर लौटने की उम्मीद है। जेकेआरटीसी के एक कर्मचारी ने बताया कि मेंटेनेंस समय पर नहीं हुई। समय पर ध्यान दिया होता तो बसें सड़कों पर होतीं न की यार्ड में। अभी हमारी आठ से दस बसें ही चल रही हैं। पहले बसें शहर में चलती थीं लेकिन अब कम हो गई हैं क्योंकि बसें नहीं हैं। जिले के ग्रामीण रूट के लिए अभी बसें हैं लेकिन दिन में एक ही फेरा लगा पा रही हैं।
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बसों की मेंटेनेंस को लेकर कंपनी के साथ बातचीत चल रही है। जल्द कोई हल निकाला जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा बसों को परिचालन में लाया जाए।
अब्दुल राशिद वार, महाप्रबंधक, जेकेआरटीसी
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अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। अधिक मेंटेनेंस का खर्च, मैकेनिकल कर्मचारियों की कमी के कारण जम्मू-कश्मीर रोड ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (जेकेआरटीसी) की ई-बसें परिचालन से बाहर हो रही हैं। जम्मू शहर में चलने वाली 20 ई-बसों में दस से ज्यादा परिचालन से बाहर हैं। अधिकांश का कंप्रेसर खराब हैं और लगभग एक साल से यार्ड में मेंटेनेंस की आस में खड़ी हैं।
जेकेआरटीसी ने 2019 में टाटा कंपनी से 40 ई-बसें खरीदी थीं। इनमें 20 जम्मू तो 20 श्रीनगर शहर के लिए थी। अब खरीद के छह साल बाद जम्मू शहर में चलने वाली 20 ई-बसों में 10 से ज्यादा खराब पड़ी हैं। यार्ड में खड़ी हैं और कबाड़ बनती जा रही हैं। ज्यादातर ई-बसों के कंंप्रेसर खराब हैं। कुछ के टायर निकले हुए हैं। कंप्रेसर की आपूर्ति टाटा कंपनी से होनी है। जेकेआरटीसी प्रबंधन का दावा है कि एक कंप्रेसर की कीमत पांच से छह लाख रुपये तक है। प्रबंधन टाटा कंपनी के साथ समन्वय बना रहा है ताकि नई ई-बसों में लगने वाले नए तकनीक के कंप्रेसर इन बसों में लगाए जाएं।
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नए तकनीक के कंप्रेसर की कीमत पुराने के मुकाबले कम है। अगर ऐसा होता है तो इन ई-बसों की सड़कों पर लौटने की उम्मीद है। जेकेआरटीसी के एक कर्मचारी ने बताया कि मेंटेनेंस समय पर नहीं हुई। समय पर ध्यान दिया होता तो बसें सड़कों पर होतीं न की यार्ड में। अभी हमारी आठ से दस बसें ही चल रही हैं। पहले बसें शहर में चलती थीं लेकिन अब कम हो गई हैं क्योंकि बसें नहीं हैं। जिले के ग्रामीण रूट के लिए अभी बसें हैं लेकिन दिन में एक ही फेरा लगा पा रही हैं।
बसों की मेंटेनेंस को लेकर कंपनी के साथ बातचीत चल रही है। जल्द कोई हल निकाला जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा बसों को परिचालन में लाया जाए।
अब्दुल राशिद वार, महाप्रबंधक, जेकेआरटीसी