J&K: मन की बात में घुली रामबन के शहद की मिठास... भद्रवाह के राजमा का स्वाद, पीएम मोदी ने की खुलकर तारीफ
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में जम्मू-कश्मीर के स्थानीय उत्पादों, विशेषकर रामबन के सुलाई शहद और भद्रवाह के राजमा की सराहना की। जीआई टैग मिलने से इन उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान बढ़ी है, जिससे किसानों की आय और मांग में भी सुधार हुआ है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रसारित अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 128वें एपिसोड में जम्मू-कश्मीर के स्थानीय उत्पादों की जमकर तारीफ की।
उन्होंने विशेष रूप से रामबन के सुलाई शहद और भद्रवाह के राजमा का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने इन उत्पादों को मिले भौगोलिक संकेतक यानी जीआई टैग से इन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैसे नई पहचान मिली, इसका भी जिक्र किया। दोनों उत्पादों को 2023 में 30 अगस्त को जीआई टैग मिला था।
प्रधानमंत्री ने वोकल फॉर लोकल का जिक्र करते हुए कहा, देश के नागरिक अब स्वेच्छा से भारतीय उत्पादों को अपना रहे हैं। जीआई टैग मिलने से स्थानीय उत्पादों की प्रामाणिकता और विशिष्टता बढ़ी है। कुछ वर्षों पहले ही रामबन के सुलाई शहद को जीआई टैग मिला है जिसके बाद इस शहद की पहचान पूरे देश में बन रही है। बता दें कि सुलाई शहद अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए जाना जाता है।
यहां की मधुमक्खियां वन तुलसी यानी सुलाई के सफेद फूलों के रस से सफेद रंग का शहद बनाती हैं जो अपनी सुगंध और पोषक तत्वों के लिए प्रसिद्ध है। रामबन जिले में 600 से अधिक लोग मधुमक्खी पालन से जुड़े हैं। केंद्र सरकार ने इस शहद को रामबन जिले के एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत चुना है।
बेहतरीन गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है राजमा
वहीं, डोडा जिले के भद्रवाह क्षेत्र में उगाया जाने वाला राजमा अपनी बेहतरीन गुणवत्ता, स्वाद और जल्दी पकने के गुण के कारण लोकप्रिय है। इसे स्थानीय स्तर पर राजमाश भी कहा जाता है। जानकारों के अनुसार जीआई टैग मिलने से शहद और राजमा की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। इससे किसानों की आय बढ़ रही है।