{"_id":"68fb00870761474c610c5602","slug":"rajya-sabha-election-2025-nc-set-for-easy-win-on-three-seats-while-bjp-sat-sharma-equation-2025-10-24","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Election: नेकां की तीन सीटों पर राह आसान, सत शर्मा वाली सीट पर घमासान; भाजपा को दो वोटों का करना होगा जुगाड़","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Election: नेकां की तीन सीटों पर राह आसान, सत शर्मा वाली सीट पर घमासान; भाजपा को दो वोटों का करना होगा जुगाड़
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: शाहरुख खान
Updated Fri, 24 Oct 2025 10:17 AM IST
विज्ञापन
सार
राज्यसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस की तीन सीटों पर राह आसान है। सत शर्मा वाली सीट पर घमासान है। भाजपा को एक सीट जीतने के लिए दो वोटों का जुगाड़ करना होगा। सज्जाद लोन को छोड़कर सभी विधायकों के वोट डालने की उम्मीद है।
Rajya Sabha Election
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
जम्मू-कश्मीर में वीरवार को राज्यसभा की चार सीटों पर मतदान है, लेकिन सियासी घमासान इनमें से चौथी सीट पर ही है। वोटों के गणित के अनुसार अगर क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो तीन सीटों पर नेशनल कॉन्फ्रेंस की राह आसान दिख रही है।
चौथी सीट पर नेकां और भाजपा दोनों के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। 28 विधायकों वाली भाजपा को यह सीट जीतने के लिए दो और विधायकों की जरूरत पड़ेगी। इस सीट पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा चुनाव मैदान में हैं। पीडीपी और कांग्रेस के खुलकर नेकां के पक्ष में आने से भाजपा की जीत पूरी तरह से क्रॉस वोटिंग या निर्दलीयों के वोट पर टिकी है।
राज्यसभा चुनाव के लिए जारी पहली और दूसरी अधिसूचना वाली दोनों सीटों के चुनावी नतीजों पर कोई बड़ी उलझन नहीं दिखती। इन दोनों सीटों पर जीत के लिए पहली वरीयता के 45-45 वोट चाहिए।
Trending Videos
चौथी सीट पर नेकां और भाजपा दोनों के पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। 28 विधायकों वाली भाजपा को यह सीट जीतने के लिए दो और विधायकों की जरूरत पड़ेगी। इस सीट पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा चुनाव मैदान में हैं। पीडीपी और कांग्रेस के खुलकर नेकां के पक्ष में आने से भाजपा की जीत पूरी तरह से क्रॉस वोटिंग या निर्दलीयों के वोट पर टिकी है।
विज्ञापन
विज्ञापन
राज्यसभा चुनाव के लिए जारी पहली और दूसरी अधिसूचना वाली दोनों सीटों के चुनावी नतीजों पर कोई बड़ी उलझन नहीं दिखती। इन दोनों सीटों पर जीत के लिए पहली वरीयता के 45-45 वोट चाहिए।
फिलहाल जो समीकरण हैं उनके हिसाब से यह दोनों सीटें 41 विधायकों वाली नेकां आसानी से जीतती दिख रही है। बता दें कि सज्जाद लोन को छोड़कर राज्यसभा चुनाव में सभी विधायकों के वोट डालने की उम्मीद है।
तीसरी सीट : क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो नेकां मार सकती है बाजी
तीसरी अधिसूचना वाली दोनों सीटों पर जीत के लिए 30-30 वोट चाहिए। क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो इनमें से एक सीट नेकां आसानी से जीतती नजर आ रही है। इस अधिसूचना के तहत तीसरी सीट पर जीत के लिए वोटिंग के बाद नेकां के पास 11 विधायक चौथी सीट के लिए शेष रह जाएंगे। बता दें कि इस सीट पर पीडीपी ने नेकां के उम्मीदवार शम्मी ओबेरॉय को वोट देने के लिए समर्थन दिया है।
तीसरी अधिसूचना वाली दोनों सीटों पर जीत के लिए 30-30 वोट चाहिए। क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो इनमें से एक सीट नेकां आसानी से जीतती नजर आ रही है। इस अधिसूचना के तहत तीसरी सीट पर जीत के लिए वोटिंग के बाद नेकां के पास 11 विधायक चौथी सीट के लिए शेष रह जाएंगे। बता दें कि इस सीट पर पीडीपी ने नेकां के उम्मीदवार शम्मी ओबेरॉय को वोट देने के लिए समर्थन दिया है।
चौथी सीट : उलझ रहे सियासी समीकरण
जीत के लिए 30 वोट जुटाने के सियासी समीकरण चौथी सीट पर आकर उलझ रहे हैं। भाजपा के पास 28 विधायक हैं और उसे यह सीट जीतने के लिए दो और वोट चाहिए। कांग्रेस के छह और पीडीपी के सभी तीन विधायकों का समर्थन मिलने से नेकां के पास 20 वोट हो जाते हैं। इसलिए यह सीट जीतने के लिए नेकां और भाजपा दोनों को वोटों का जुगाड़ करना होगा। बता दें कि इस सीट पर भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा को उतारा है। वहीं, नेकां ने इमरान नबी डार पर दांव लगाया है।
जीत के लिए 30 वोट जुटाने के सियासी समीकरण चौथी सीट पर आकर उलझ रहे हैं। भाजपा के पास 28 विधायक हैं और उसे यह सीट जीतने के लिए दो और वोट चाहिए। कांग्रेस के छह और पीडीपी के सभी तीन विधायकों का समर्थन मिलने से नेकां के पास 20 वोट हो जाते हैं। इसलिए यह सीट जीतने के लिए नेकां और भाजपा दोनों को वोटों का जुगाड़ करना होगा। बता दें कि इस सीट पर भाजपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा को उतारा है। वहीं, नेकां ने इमरान नबी डार पर दांव लगाया है।
निर्दलीय विधायकों की भूमिका रहेगी सबसे अहम
विधानसभा में 88 सदस्य हैं। इनमें से 41 नेकां, 28 भाजपा, छह कांग्रेस, तीन पीडीपी, एक माकपा, एक आप, एक जेकेपीसी और सात निर्दलीय हैं। चुनाव से ठीक पहले बनी राजनीतिक परिस्थितियों और समीकरणों के हिसाब से एनसी को अपने 41 के अलावा कांग्रेस के छह, सीपीआई और आप के एक-एक विधायक का वोट मिलने की उम्मीद है।
विधानसभा में 88 सदस्य हैं। इनमें से 41 नेकां, 28 भाजपा, छह कांग्रेस, तीन पीडीपी, एक माकपा, एक आप, एक जेकेपीसी और सात निर्दलीय हैं। चुनाव से ठीक पहले बनी राजनीतिक परिस्थितियों और समीकरणों के हिसाब से एनसी को अपने 41 के अलावा कांग्रेस के छह, सीपीआई और आप के एक-एक विधायक का वोट मिलने की उम्मीद है।
पीडीपी भी अपने तीन विधायकों के वोट एनसी प्रत्याशी शम्मी ओबरॉय को देने की घोषणा कर चुकी है। जेकेपीसी के एकमात्र विधायक सज्जाद लोन चुनाव में हिस्सा न लेने का एलान कर चुके हैं। ऐसे में चौथी सीट के लिए सारा दारोमदार निर्दलीय सात विधायकों पर आकर टिक गया है।
सरकार में शामिल निर्दलीय विधायकों को वोट दिखाने की छूट नहीं
सात में से पांच निर्दलीय विधायक नेकां सरकार को समर्थन दे रहे हैं। इनमें छंब से विधायक सतीश शर्मा, बनी से रामेश्वर सिंह, इंदरवल से प्यारेलाल शर्मा, सुरनकोट से चौधरी अकरम और थन्नामंडी से विधायक मुजफ्फर इकबाल खान शामिल हैं। सतीश शर्मा सरकार में मंत्री भी हैं। शोपियां से निर्दलीय विधायक शाबिर अहमद ने सरकार को समर्थन तो नहीं दिया लेकिन वह ज्यादातर मुद्दों पर सरकार के साथ ही खड़े नजर आते हैं।
सात में से पांच निर्दलीय विधायक नेकां सरकार को समर्थन दे रहे हैं। इनमें छंब से विधायक सतीश शर्मा, बनी से रामेश्वर सिंह, इंदरवल से प्यारेलाल शर्मा, सुरनकोट से चौधरी अकरम और थन्नामंडी से विधायक मुजफ्फर इकबाल खान शामिल हैं। सतीश शर्मा सरकार में मंत्री भी हैं। शोपियां से निर्दलीय विधायक शाबिर अहमद ने सरकार को समर्थन तो नहीं दिया लेकिन वह ज्यादातर मुद्दों पर सरकार के साथ ही खड़े नजर आते हैं।
लंगेट से निर्दलीय विधायक एवं सांसद इंजीनियर रशीद के भाई खुर्शीद अहमद शेख को किसी भी खेमे का नहीं माना जाता। पांच निर्दलीय एनसी सरकार को समर्थन जरूर दे रहे हैं लेकिन नियमों के तहत उन्हें मतदान करते समय वोट दिखाने की छूट नहीं है। अगर वह दिखा देते हैं कि किसे वोट दे रहे हैं तो उनका वोट अमान्य हो जाएगा। ऐसे में दो अतिरिक्त वोटों के इंतजाम के लिए भाजपा की निगाहें निर्दलीय विधायकों पर टिकी हैं।