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Red Fort Blast: लोगों से कम मिलता था दिल्ली को दहलाने वाला उमर, घर पर ही पढ़ता था पांचों वक्त की नमाज
अमृतपाल सिंह बाली, कोइल (पुलवामा)
Published by: दुष्यंत शर्मा
Updated Fri, 14 Nov 2025 03:31 AM IST
सार
एक किराना दुकानदार मोहम्मद शफी से डॉ. उमर के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उसे बचपन से देखते आया हूं। जिस तरह से लड़के बाजार में घूमते हैं वैसे उसे कभी घूमते नहीं देखा।
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दिल्ली में धमाके का मुख्य आरोपी डॉ. उमर।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
दिल्ली कार धमाके में डॉ. उमर नबी की संलिप्तता से उसके गांव कोइल (पुलवामा) में हर कोई बेचैन है। ग्रामीणों ने बताया कि उमर गुमसुम रहता था। वह जरूरत पर ही घर से बाहर निकलता था। कई लोग तो उसका नाम तक नहीं जानते हैं। अमर उजाला की टीम ने उमर के कोइल गांव में जाकर वहां के हालात जाने। कोइल के छोटे बाजार में पहले तो मीडिया से बात करने से लोग कतराते रहे। फोटो या वीडियो न लेने का आश्वासन देने के बाद कुछ लोग बात करने के लिए माने। एक किराना दुकानदार मोहम्मद शफी से डॉ. उमर के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उसे बचपन से देखते आया हूं। जिस तरह से लड़के बाजार में घूमते हैं वैसे उसे कभी घूमते नहीं देखा।
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वह नमाज पांच वक्त पढ़ता था, वो भी घर पर ही। लोगों से कम बात करता था। उमर की दिल्ली ब्लास्ट में भूमिका पर शफी बोले, हमने जब मीडिया के जरिये यह बात सुनी तो हमारे पैरों तले से जमीन खिस्क गई। एक अन्य स्थानीय बशीर अहमद ने कहा कि उमर को गांव के एक लाख के करीब लोगों में केवल 1500 ही उसे जानते थे। उमर तो इन 1500 को भी नहीं जानता था।
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संकरी गली में उमर का घर, एक युवक बोला-मामले की जांच होनी चाहिए
बाजार के बाद हमने उमर के घर की ओर रुख किया। करीब 200 मीटर तक संकरी गलियों में से आगे बढ़ते हुए हम उसके घर के गेट के पास पहुंचे। उमर के घर में लोगों का आना-जाना लगा हुआ था। घर के गेट के बाहर कुछ युवक थे। उनका भी यही कहना था कि वो धार्मिक प्रवृति का था। युवा आबिद (बदला हुआ नाम) ने कहा कि इस परिवार का कोई शख्स ऐसा नहीं था। उमर ने यदि ऐसा किया है तो जांच होनी चाहिए।
विस्फोट में शामिल कार की खरीद-फरोख्त से जुड़े तीन लोग हिरासत में
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विस्फोट में शामिल कार की खरीद-फरोख्त से जुड़े तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस बीच एचआर नंबर की आई-20 गाड़ी के साथ वायरल फोटो में संबूरा पुलवामा के आमिर रशीद मीर को लेकर यह बात सामने आई थी कि यह गाड़ी उसकी है। हालांकि परिवार के अनुसार फोटो में आमिर के साथ देखी जा रही गाड़ी उसकी नहीं है। बताया जा रहा है कि आमिर पेशे से प्लम्बर है।
उमर घर में अकेला कमाने वाला था
डॉ. उमर के बारे में पूछने पर गुलाम नबी ने बताया कि मैं टीचर था। वर्ष 2003 में पदोन्नति के वक्त जरूरी कागज गायब हो गए। 2012 में नौकरी छूट गई। अब परिवार में डॉ. उमर ही अकेला कमाने वाला था। दूसरा बेटा एमए पास है लेकिन वो प्लम्बर का थोड़ा बहुत काम करता है। उन्होंने बताया कि उमर अकेले रहना पसंद करता था। घर से बहुत कम बाहर निकलता था। यह पूछे जाने पर कि क्या वो खेलकूद में रुचि नहीं रखता था, भट ने घर के आगे छोटे से आंगन की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब मन करता था हम बाप-बेटा यहीं एक साथ खेलते थे।
कई टीमें आईं, पूछताछ सिर्फ जम्मू-कश्मीर पुलिस ने की
गुलाम नबी ने बताया कि कई एजेंसियां आईं लेकिन पूछताछ जम्मू-कश्मीर पुलिस के अलावा किसी अन्य टीम ने नहीं की है। बता दें कि डॉ. उमर ने श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज से एमडी की थी। जीएमसी अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट था और कुछ समय पहले नौकरी छोड़कर बाहर चला गया था। वर्तमान में फरीदाबाद में अल फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था।
पिता बोले, दो माह पहले ही उमर की श्रीनगर में हुई थी मंगनी
दिल्ली कार धमाके में पुलवामा के डॉ. उमर नबी की संलिप्तता पर उनके पिता भी परेशान हैं। अपने घर के बरामदे में बैठे डॉ. उमर के पिता गुलाम नबी भट ने बुधवार को अमर उजाला से बातचीत में बताया कि दिल्ली ब्लास्ट के बाद हमारे घर से पहले उमर की ससुराल में छापा पड़ा था। इसके बाद हमारे घर में कई टीमें जांच के लिए आईं। भट ने बताया कि डॉ. उमर की दो महीने पहले ही श्रीनगर में मंगनी हुई थी। हमें उमर के ससुराल वालों ने ही बताया कि पुलिस उमर को ढूंढ़ रही है।
पहले तो सोचा कि ऐसे ही कोई बात होगी। सोचा कोई बड़ी बात होती तो पुलिस हमारे घर छापा मारती और पूछताछ करती। इसके बाद पुलिस और सुरक्षाबल हमारे घर भी आए। उन्होंने बताया कि मेरे बड़े बेटे को सेना ने बुलाया। वो गया और करीब एक-दो घंटे के बाद उसे छोड़ दिया गया। पिछले दो दिनों में हमारे घर पर एक के बाद एक छापे मारे गए हैं। कभी पुलिस, कभी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और कभी कोई जांच के लिए आया।