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Jharkhand: खूंटी में बार भवन का शिलान्यास, सीएम हेमंत बोले- तीन साल में सभी जिलों में बनेगा आधुनिक भवन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची
Published by: आशुतोष प्रताप सिंह
Updated Tue, 16 Sep 2025 10:49 PM IST
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सार
खूंटी कचहरी परिसर में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बार भवन का शिलान्यास किया। इस दौरान झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, कई न्यायाधीश, सांसद और विधायक मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खूंटी कचहरी परिसर में बार भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान, अन्य न्यायाधीश, सांसद कालीचरण मुंडा, विधायक राम सूर्या मुंडा, विधायक सुदीप गुड़िया, महाधिवक्ता राजीव रंजन समेत बड़ी संख्या में न्यायिक व प्रशासनिक पदाधिकारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने चाईबासा और चांडिल के बार भवनों का भी ऑनलाइन शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भले ही यह शिलान्यास छोटा लगे, लेकिन इसके मायने बेहद बड़े हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन वर्षो में झारखंड के सभी जिलों में आधुनिक, स्वच्छ और सुव्यवस्थित बार भवन तैयार हो सकें।
सीएम सोरेन ने न्यायालय को “न्याय का मंदिर” बताते हुए कहा कि यहां सभी को बिना भेदभाव न्याय मिलता है, जो संविधान की नींव को और मजबूत करता है। उन्होंने बताया कि झारखंड देश का पहला राज्य है जिसने अधिवक्ताओं को पेंशन सुविधा दी है। इसके साथ ही स्वास्थ्य बीमा और स्टाइपेंड जैसी योजनाएं भी अधिवक्ताओं के हित में चलाई जा रही हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला न्यायालय परिसरों की समस्याओं का समाधान तत्काल होना चाहिए। न्यायिक पदाधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवास व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि खूंटी, चाईबासा और चांडिल में बनने वाले बार भवन न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार हर स्तर पर स्वतंत्र न्यायपालिका को सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि आम जनता को तेज और सुलभ न्याय मिल सके।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने चाईबासा और चांडिल के बार भवनों का भी ऑनलाइन शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भले ही यह शिलान्यास छोटा लगे, लेकिन इसके मायने बेहद बड़े हैं। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि अगले तीन वर्षो में झारखंड के सभी जिलों में आधुनिक, स्वच्छ और सुव्यवस्थित बार भवन तैयार हो सकें।
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सीएम सोरेन ने न्यायालय को “न्याय का मंदिर” बताते हुए कहा कि यहां सभी को बिना भेदभाव न्याय मिलता है, जो संविधान की नींव को और मजबूत करता है। उन्होंने बताया कि झारखंड देश का पहला राज्य है जिसने अधिवक्ताओं को पेंशन सुविधा दी है। इसके साथ ही स्वास्थ्य बीमा और स्टाइपेंड जैसी योजनाएं भी अधिवक्ताओं के हित में चलाई जा रही हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला न्यायालय परिसरों की समस्याओं का समाधान तत्काल होना चाहिए। न्यायिक पदाधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवास व्यवस्था सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने विश्वास जताया कि खूंटी, चाईबासा और चांडिल में बनने वाले बार भवन न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार हर स्तर पर स्वतंत्र न्यायपालिका को सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि आम जनता को तेज और सुलभ न्याय मिल सके।