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Jharkhand Cyber Crime: जमशेदपुर के साइबर ठगों ने अमेरिका के 12 लोगों को बनाया शिकार, मास्टरमाइंड कौन ?
रांची/जमशेदपुर
Published by: तरुणेंद्र चतुर्वेदी
Updated Wed, 03 Sep 2025 02:04 PM IST
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सार
Jamshedpur News : झारखंड के जमशेदपुर में बैठे साइबर ठगों ने उस वक्त हैरान कर दिया, जब जिला प्रशासन के पास यहां के साइबर अपराधियों द्वारा अमेरिका के 12 नागरिकों को ठगी का शिकार बनाने की खबर पहुंची। इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने जाँच एजेंसी को यह मामला सौंपा.

Jamshedpur News : अमेरिका में बैठे 12 लोगों के ठगों ने दिया चकमा, बनाया ठगी का शिकार।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
झारखंड में साइबर अपराधियों का नेटवर्क लगातार फैलता जा रहा है। अब इसकी गूंज सात समंदर पार अमेरिका तक पहुंच गई है। ताजा मामला जमशेदपुर से सामने आया है, जहां के साइबर अपराधियों ने अमेरिका के 12 नागरिकों को ठगी का शिकार बनाया है। पीड़ित अमरीकी नागरिकों ने वहां के पुलिस थाना में इसकी शिकायत दर्ज की है। इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने जाँच एजेंसी को यह मामला सौंपा।
जांच एजेंसी और जमशेदपुर पुलिस ठगों का पता लगाने में जुटी
पुलिस की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि अपराधियों ने खुद को टेक्निकल सपोर्ट अधिकारी और कई बार सरकारी अफसर बताकर अमेरिकी नागरिकों से संपर्क साधा। वे कंप्यूटर, बैंकिंग या अन्य तकनीकी समस्या का हवाला देकर पीड़ितों का विश्वास जीतते और फिर खातों से पैसे निकाल लेते थे।
ठगों के नेटवर्क की पड़ताल जारी
जमशेदपुर पुलिस के अनुसार, इस साइबर नेटवर्क की जड़ें शहर के मानगो, टेल्को और साकची इलाकों में पाई गई हैं। पुलिस को इस मामले में कई शिकायतें मिली हैं। फिलहाल आरोपियों की पहचान और उनके पूरे नेटवर्क की पड़ताल की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस गिरोह ने अब तक कितने लोगों को अपना शिकार बनाया और कितनी राशि की ठगी की है।
अन्य देशों में भी सक्रिय हो सकता है यह गिरोह
पुलिस सूत्रों का कहना है कि गिरोह ने बाकायदा कॉल सेंटर जैसी व्यवस्था बनाई थी। यहां से अंग्रेजी बोलने वाले लोग विदेशी नागरिकों को कॉल करते और उन्हें तकनीकी सहायता के नाम पर ठगते थे। शक है कि यह गिरोह न केवल अमेरिका, बल्कि अन्य देशों के नागरिकों को भी निशाना बना चुका है।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से कार्रवाई कर रही है।
ये भी पढ़ें- Jharkhand News: जंगली हाथी के हमले से ग्रामीण की मौत, डर का माहौल; गांव के लोगों ने प्रशासन को दिया अल्टीमेटम
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एजेंसियों से सहयोग लेगी पुलिस
जल्द ही गिरोह के मास्टरमाइंड और उनके सहयोगियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एजेंसियों से सहयोग लिया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि झारखंड साइबर अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है और इससे निपटने के लिए पुलिस को कड़े कदम उठाने होंगे।
ये भी पढ़ें- हजारीबाग जमीन घोटाला: एसीबी ने आईएएस विनय चौबे को चार दिन की रिमांड पर लिया, होगी गहन पूछताछ

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जांच एजेंसी और जमशेदपुर पुलिस ठगों का पता लगाने में जुटी
पुलिस की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि अपराधियों ने खुद को टेक्निकल सपोर्ट अधिकारी और कई बार सरकारी अफसर बताकर अमेरिकी नागरिकों से संपर्क साधा। वे कंप्यूटर, बैंकिंग या अन्य तकनीकी समस्या का हवाला देकर पीड़ितों का विश्वास जीतते और फिर खातों से पैसे निकाल लेते थे।
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ठगों के नेटवर्क की पड़ताल जारी
जमशेदपुर पुलिस के अनुसार, इस साइबर नेटवर्क की जड़ें शहर के मानगो, टेल्को और साकची इलाकों में पाई गई हैं। पुलिस को इस मामले में कई शिकायतें मिली हैं। फिलहाल आरोपियों की पहचान और उनके पूरे नेटवर्क की पड़ताल की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस गिरोह ने अब तक कितने लोगों को अपना शिकार बनाया और कितनी राशि की ठगी की है।
अन्य देशों में भी सक्रिय हो सकता है यह गिरोह
पुलिस सूत्रों का कहना है कि गिरोह ने बाकायदा कॉल सेंटर जैसी व्यवस्था बनाई थी। यहां से अंग्रेजी बोलने वाले लोग विदेशी नागरिकों को कॉल करते और उन्हें तकनीकी सहायता के नाम पर ठगते थे। शक है कि यह गिरोह न केवल अमेरिका, बल्कि अन्य देशों के नागरिकों को भी निशाना बना चुका है।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए साइबर सेल और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से कार्रवाई कर रही है।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एजेंसियों से सहयोग लेगी पुलिस
जल्द ही गिरोह के मास्टरमाइंड और उनके सहयोगियों की पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एजेंसियों से सहयोग लिया जाएगा। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि झारखंड साइबर अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है और इससे निपटने के लिए पुलिस को कड़े कदम उठाने होंगे।
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