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Jharkhand: अचानक युद्धविराम और ट्रंप की एंट्री क्यों? पीएम मोदी की ‘रहस्यमय’ चुप्पी पर कांग्रेस सांसद का सवाल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची
Published by: हिमांशु प्रियदर्शी
Updated Sun, 10 Aug 2025 02:38 PM IST
सार
Jharkhand News: कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि लगभग 100 दिनों तक सेना ने शानदार उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस पर चुप्पी साध रखी। भगत ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने सेना के मनोबल को बढ़ाने के बजाय अपनी छवि को अधिक महत्व दिया।
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कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने रविवार को केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया टकराव के बाद 10 मई को अचानक युद्धविराम की घोषणा क्यों हुई और इसी समय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एंट्री क्यों हुई? उन्होंने इसे प्रधानमंत्री की ‘रहस्यमय’ चुप्पी बताया और सवाल उठाया कि जब सेना ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में अपनी वीरता दिखा रही थी, तो पीएम ने सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए खुलकर कुछ क्यों नहीं कहा?
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‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सेना की बड़ी उपलब्धियां, फिर भी चुप्पी क्यों?
भगत ने संसद में हुई चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने राजनीतिक इच्छाशक्ति पर बात की थी। लगभग 100 दिनों तक सेना ने शानदार उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन प्रधानमंत्री ने इस पर चुप्पी साध रखी। भगत ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने सेना के मनोबल को बढ़ाने के बजाय अपनी छवि को अधिक महत्व दिया।
सेना प्रमुख ने IIT मद्रास में साझा किया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का अनुभव
इससे पहले, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने IIT मद्रास में ‘अग्निशोध’- इंडियन आर्मी रिसर्च सेल (IARC) का उद्घाटन किया। यह पहल रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है, जिसके तहत सेना के जवानों को एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग, वायरलेस कम्युनिकेशन और अनमैन्ड सिस्टम जैसी उभरती तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह सहयोग IIT मद्रास रिसर्च पार्क तक भी विस्तारित होगा, जिसमें AMTDC और प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन के साथ साझेदारी शामिल है।
अपने संबोधन में जनरल द्विवेदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक नया अध्याय बताया। उन्होंने इसे एक सुनियोजित और खुफिया-आधारित अभियान करार दिया, जिसमें स्वदेशी तकनीक और सटीक सैन्य कार्रवाई ने भारत की सक्रिय सुरक्षा नीति को मजबूत किया।
‘शतरंज की तरह चली रणनीति, जोखिम उठाकर दी चेकमेट’
जनरल द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में हम शतरंज खेल रहे थे। हमें नहीं पता था कि दुश्मन का अगला कदम क्या होगा और हमारा क्या होगा। कभी हम उन्हें चेकमेट दे रहे थे, तो कभी जान जोखिम में डालकर हमला कर रहे थे। यही जिंदगी है। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। 23 अप्रैल को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बस, अब बहुत हो गया। सभी सेनाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे तय करें कि क्या करना है। इसके बाद 25 अप्रैल को उत्तरी कमान में बैठकों के बाद 9 में से 7 ठिकानों को तबाह किया गया और कई आतंकियों का सफाया किया गया। 29 अप्रैल को प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई, जिसके बाद अभियान ने पूरे देश को जोड़ दिया।
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जनरल का सवाल और कांग्रेस का आरोप
जनरल द्विवेदी के इस बयान के बाद कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने सवाल किया कि जब सेना अपने चरम पर थी और देश का मनोबल ऊंचा था, तभी अचानक युद्धविराम क्यों किया गया और ट्रंप की एंट्री क्यों हुई? उन्होंने कहा कि यह सवाल पूरे देश का है और पीएम मोदी की चुप्पी बताती है कि उन्होंने सेना से ज्यादा अपनी छवि को अहमियत दी है।