Jharkhand: दो हजार व्यावसायिक प्रशिक्षकों का फूटा गुस्सा, मानदेय संकट पर JEPC ऑफिस में अनिश्चितकालीन धरना
धरना दे रहे प्रशिक्षकों ने लंबित मानदेय के तत्काल भुगतान, नए प्रशिक्षकों के मानदेय निर्गत करने और केंद्र द्वारा स्वीकृत मानदेय वृद्धि को अप्रैल 2025 से एरियर सहित लागू करने की मांग की है।
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झारखंड के सरकारी प्लस-टू उच्च विद्यालयों में कार्यरत लगभग दो हजार व्यावसायिक प्रशिक्षक सोमवार को झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC) कार्यालय पहुंचकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। प्रशिक्षकों का आरोप है कि पिछले तीन से आठ महीनों से मानदेय नहीं मिलने के कारण गहरा आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि जब तक लंबित भुगतान नहीं किया जाता, तब तक धरना जारी रहेगा।
धरना दे रहे प्रशिक्षकों ने अपनी प्रमुख मांगों में लंबित मानदेय का तत्काल भुगतान, राज्य वित्त पोषित योजना के नवनियुक्त प्रशिक्षकों का मानदेय जल्द जारी करना और केंद्र सरकार द्वारा की गई मानदेय वृद्धि का अप्रैल 2025 से एरियर सहित भुगतान शामिल किया है। वे यह भी चाहते हैं कि मानदेय हर माह की 7 तारीख तक नियमित रूप से दिया जाए।
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प्रशिक्षकों ने छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि व्यावसायिक शिक्षा में लैब मेंटेनेंस, रॉ मैटेरियल और अन्य संसाधनों की भारी कमी है। प्रशिक्षक श्रवण मेहता और करीमणि करकेटा ने बताया कि वे रोजाना चार-चार पाली में कक्षाएं लेते हैं, लेकिन आठ महीनों से वेतन न मिलने की वजह से उनका गुजारा बेहद मुश्किल हो गया है। कई बार परियोजना कार्यालय में गुहार लगाने के बावजूद उन्हें सिर्फ़ आश्वासन और भ्रमित करने वाली बातें मिलीं।
धरना स्थल पर प्रदेशभर से लगभग आठ सौ प्रशिक्षक मौजूद हैं। इसी बीच आजसू विधायक निर्मल महतो और बीजेपी विधायक रोशनलाल भी मौके पर पहुंचे और प्रशिक्षकों की मांगों को जायज़ बताते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। दोनों विधायकों ने कहा कि वे इस मुद्दे को विधानसभा के अंदर और बाहर जोरदार तरीके से उठाएंगे।