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Jharkhand : रैली में केंद्रीय सरना समिति की चेतावनी, कुरमी को आदिवासी बनाया तो राज्य में ठप होंगी हवाई सेवाएं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची Published by: तरुणेंद्र चतुर्वेदी Updated Sun, 14 Sep 2025 09:13 PM IST
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सार

Ranchi News: झारखंड में कुरमी जाति को आदिवासी सूची में शामिल करने का मुद्दा गरमाता जा रहा है। रविवार को रांची में केंद्रीय सरना समिति की ओर से निकाली गई ‘आदिवासी अस्तित्व बचाओ’ बाइक रैली ने विरोध को और तेज कर दिया। रैली में सैकड़ों आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए और साफ चेतावनी दी कि कुरमी को आदिवासी दर्जा देने की कोशिश हुई तो बड़ा आंदोलन होगा।

Jharkhand voice of tribal unity echoed in Ranchi, people took to streets against giving tribal status to Kurmi
‘आदिवासी अस्तित्व बचाओ’ बाइक रैली के दौरान का चित्र। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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झारखंड में कुरमी जाति को आदिवासी सूची में शामिल करने की मांग का विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। इसी कड़ी में रविवार को राजधानी रांची में केंद्रीय सरना समिति की ओर से

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आदिवासी आस्तित्व बचाओ बाइक रैली का आयोजन किया गया। समिति अध्यक्ष अजय तिर्की के नेतृत्व में यह रैली मोरहाबादी मैदान से शुरू होकर मेन रोड, अल्बर्ट एक्का चौक होते हुए बापू वाटिका पहुँची। यहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली का समापन किया गया।

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बाइक पर सरना झंडा थामे युवाओं ने रखी अपनी बात
रैली में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए। बाइक पर सरना झंडा थामे युवाओं ने “आदिवासी एकता जिंदाबाद” और “आदिवासी की हकमारी बंद करो” जैसे नारे लगाए और कुरमी समाज की मांग का कड़ा विरोध किया। रैली में शामिल युवाओं ने कहा कि कुरमी को किसी भी कीमत पर आदिवासी का दर्जा नहीं दिया जाएगा। यदि ऐसा हुआ तो चरणबद्ध आंदोलन चलाकर सरकार को जवाब दिया जाएगा।

'कुरमी कभी भी आदिवासी नहीं रहे हैं...'
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि कुरमी कभी भी आदिवासी नहीं रहे हैं और न ही भविष्य में आदिवासी माने जाएंगे। उन्होंने इसे आदिवासी समाज के अस्तित्व की लड़ाई बताया। तिर्की ने आरोप लगाया कि कुरमी समाज केवल राजनीतिक हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए आदिवासी दर्जे की मांग कर रहा है, जबकि केंद्र सरकार 2015 में ही इस पर रोक लगा चुकी है।


हक-अधिकारों पर कब्जा करने की कोशिश
आदिवासी संगठनों के नेताओं प्रवीण कच्छप और लक्ष्मीनाथ मुंडा ने भी आरोप लगाया कि कुरमी समुदाय आदिवासी समाज के हक-अधिकारों पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, जिसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कुरमी समाज आंदोलन करेगा, तो आदिवासी संगठन भी मुंहतोड़ जवाब देंगे।

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आंदोलन और तेज हो सकता है
समिति ने यह भी कहा कि संविधान ने कुरमी समाज को जो अधिकार दिए हैं, उसी दायरे में उन्हें रहना चाहिए। आदिवासी बनने की कोशिश संविधान और समाज दोनों के खिलाफ है। रैली के दौरान नेताओं ने यहां तक ऐलान किया कि यदि सरकार ने कुरमी समाज की मांगों पर कोई सकारात्मक कदम उठाया, तो राज्य में हवाई सेवाएं रोक दी जाएंगी। रांची की इस रैली ने साफ संकेत दे दिया है कि कुरमी जाति को आदिवासी सूची में शामिल करने की राह आसान नहीं होगी। आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज हो सकता है।

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