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Jharkhand: 'आदिवासी परिवारों के समग्र विकास के लिए तेजी से काम होगा' बैठक में बोलीं मुख्य सचिव; जानें
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची
Published by: शबाहत हुसैन
Updated Thu, 08 May 2025 05:07 PM IST
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सार
Jharkhand: इस योजना के तहत देश के सबसे पिछड़े आदिम जनजातीय परिवारों की हालत सुधारने के लिए आने वाले तीन सालों में कुल 24,104 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसमें से केंद्र सरकार का हिस्सा 15,336 करोड़ और राज्य सरकार का 8,768 करोड़ होगा।

बैठक में शामिल अधिकरी
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
झारखंड सरकार आदिवासी परिवारों और गांवों के विकास को लेकर अब और तेज़ी से काम करेगी। इसके लिए 'धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। गुरुवार को मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई, जिसमें इन दोनों योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक प्रोजेक्ट भवन में आयोजित हुई।
क्या है DA-JAGUA अभियान?
इस अभियान के तहत झारखंड के 7139 गांवों में रहने वाले करीब 49.76 लाख आदिवासी परिवारों के सर्वांगीण विकास के लिए योजना बनाई गई है। गांवों और परिवारों में कौन-कौन सी जरूरतें पूरी नहीं हुई हैं, इसकी पहचान कर वहां सरकार की योजनाओं को पहुंचाया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को मिलाकर (convergence) जमीन पर असर दिखे, इसके लिए सभी विभाग तेजी से काम करें। इसके लिए जल्द ही एक गाइडलाइन भी तैयार की जाएगी। छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे राज्यों से सीख लेकर आगे की योजना बनाई जाएगी।
पढ़ें: झारखंड के आंदोलनकारी कपूर कुमार टुडू का निधन, सीएम हेमंत सोरेन ने दी श्रद्धांजलि
PM-JANMAN के तहत 24,104 करोड़ का प्रावधान
इस योजना के तहत देश के सबसे पिछड़े आदिम जनजातीय परिवारों की हालत सुधारने के लिए आने वाले तीन सालों में कुल 24,104 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसमें से केंद्र सरकार का हिस्सा 15,336 करोड़ और राज्य सरकार का 8,768 करोड़ होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), सड़क योजना, जल जीवन मिशन, मोबाइल अस्पताल, बिजली, आंगनबाड़ी केंद्र और वन धन केंद्र जैसी योजनाओं को तेजी से लागू किया जाए। सभी विभाग भारत सरकार से समन्वय बनाकर काम करें।
बैठक में कौन-कौन अधिकारी थे?
बैठक में कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिनमें प्रमुख रूप से मस्तराम मीणा (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) कृपानंद झा (जनजातीय कल्याण विभाग) मनोज कुमार (महिला एवं बाल विकास) ए. सिद्दिकी (कृषि विभाग) उमाशंकर सिंह (शिक्षा विभाग) जितेन्द्र सिंह (श्रम विभाग) अबू इमरान (राज्य स्वास्थ्य मिशन) आदि शामिल थे।
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क्या है DA-JAGUA अभियान?
इस अभियान के तहत झारखंड के 7139 गांवों में रहने वाले करीब 49.76 लाख आदिवासी परिवारों के सर्वांगीण विकास के लिए योजना बनाई गई है। गांवों और परिवारों में कौन-कौन सी जरूरतें पूरी नहीं हुई हैं, इसकी पहचान कर वहां सरकार की योजनाओं को पहुंचाया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को मिलाकर (convergence) जमीन पर असर दिखे, इसके लिए सभी विभाग तेजी से काम करें। इसके लिए जल्द ही एक गाइडलाइन भी तैयार की जाएगी। छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे राज्यों से सीख लेकर आगे की योजना बनाई जाएगी।
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PM-JANMAN के तहत 24,104 करोड़ का प्रावधान
इस योजना के तहत देश के सबसे पिछड़े आदिम जनजातीय परिवारों की हालत सुधारने के लिए आने वाले तीन सालों में कुल 24,104 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसमें से केंद्र सरकार का हिस्सा 15,336 करोड़ और राज्य सरकार का 8,768 करोड़ होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), सड़क योजना, जल जीवन मिशन, मोबाइल अस्पताल, बिजली, आंगनबाड़ी केंद्र और वन धन केंद्र जैसी योजनाओं को तेजी से लागू किया जाए। सभी विभाग भारत सरकार से समन्वय बनाकर काम करें।
बैठक में कौन-कौन अधिकारी थे?
बैठक में कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिनमें प्रमुख रूप से मस्तराम मीणा (पेयजल एवं स्वच्छता विभाग) कृपानंद झा (जनजातीय कल्याण विभाग) मनोज कुमार (महिला एवं बाल विकास) ए. सिद्दिकी (कृषि विभाग) उमाशंकर सिंह (शिक्षा विभाग) जितेन्द्र सिंह (श्रम विभाग) अबू इमरान (राज्य स्वास्थ्य मिशन) आदि शामिल थे।