Emoji: इमोजी बन रहा Gen Z की भाषा, वर्कप्लेस पर इस्तेमाल का बढ़ा चलन; 88% को पसंद है इसे बातचीत में शामिल करना
Gen Z: डिजिटल कम्युनिकेशन के इस दौर में इमोजी अब केवल सजावट नहीं, बल्कि संवाद का हिस्सा बन चुके हैं, विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए...। एक नए वैश्विक सर्वे के मुताबिक, 88% जे़नजी (Gen Z) कर्मचारी ऑफिस में इमोजी के प्रयोग को प्रभावी मानते हैं। ।

विस्तार
Gen Z: सोशल मीडिया पर अक्सर लोग के बीच अलग-अलग पीढियों के लोगों की पसंद-नापसंद और उनके व्यवहार को लेकर बहस छिड़ी रहती है। इसमें एक शब्द बहुत चर्चा में रहता है, वह है - ज़ेनजी (Gen Z)। इस पीढ़ी के लोगों के रहन-सहन, तौर-तरीके अक्सर चर्चा का विषय बने रहते हैं।

88% ज़ेनजी मानते हैं कि इससे कम्युनिकेशन प्रभावी होता है
हाल ही में हुए सर्वे में यह पाया गया कि इन पीढ़ी के लोगों को अपने कार्यस्थल पर इस्तेमाल होने वाली भाषा में इमोजी शामिल करना पसंद है। वर्कप्लेस सॉफ्टवेयर कंपनी Atlassian और YouGov द्वारा किए गए एक वैश्विक सर्वेक्षण के मुताबिक, ज़ेनजी (1997 के बाद जन्मे युवा) कर्मचारियों में 88% लोग मानते हैं कि इमोजी कम्युनिकेशन को ज्यादा प्रभावी बनाते हैं।
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी और भारत के 10,000 ऑफिस कर्मचारियों पर यह सर्वे किया गया। इसका उद्देश्य यह समझना था कि आज की वर्कफोर्स विशेषकर डिजिटल वातावरण में कैसे एक-दूसरे से जुड़ती है।
रिपोर्ट बताती है कि जे़नजी इमोजी का प्रयोग सिर्फ दिखावे के लिए नहीं करते, बल्कि वह इसे संदेश के अभिन्न हिस्से की तरह इस्तेमाल करते हैं। जे़नजी के लिए इमोजी सिर्फ सजावट नहीं, संवाद का हिस्सा हैं।
हर कोई इससे सहमत नहीं
जे़नजी और बेबी बूमर पीढ़ी (जो उम्र में बड़ी है) में आधे से भी कम कर्मचारी ऑफिस में इमोजी के इस्तेमाल को लेकर सहमत हैं। यह पीढ़ीगत अंतर कामकाज में तनाव और भ्रम की स्थिति को जन्म दे सकता है। खासकर जब चैट, ईमेल और डिजिटल लिखित संवाद का चलन बढ़ता जा रहा है।
सभी कर्मचारी नहीं समझ पाते एक-दूसरे का लिखा हुआ
करीब 93% लोगों ने कहा कि उनका ज्यादातर कम्युनिकेशन लिखित (जैसे चैट, ईमेल आदि) रूप में होता है, ना कि आमने-सामने। Gen Z में से लगभग 48% कर्मचारी मानते हैं कि वे हर हफ्ते घंटों इस बात में गंवाते हैं कि सामने वाले ने किस भावना से क्या कहा। वे अपने वरिष्ठ सहयोगियों की तुलना में चार गुना ज्यादा बार संवाद में भ्रम का सामना करते हैं।
जेन Z के लिए इमोजी क्यों जरूरी हैं?
रिपोर्ट इसे "डिजिटल बॉडी लैंग्वेज" कहती है। जैसे आमने-सामने बातचीत में हावभाव, स्वर और आंखों का संपर्क बहुत कुछ कहता है, वैसे ही डिजिटल दुनिया में इमोजी, विराम चिह्न, जवाब देने की गति और टोन उस भावना को व्यक्त करने के लिए जरूरी हो गए हैं।
एक वर्क फ्यूचरिस्ट के अनुसार, “ईमेल, डीएम, स्लैक थ्रेड्स और जूम चैट - अब सब कुछ डिजिटल हो गया है। इस बदलाव को अपनाना एक सीखने की प्रक्रिया है।”
इमोजी वाले मैसेज ध्यान से पढ़ते हैं
Gen Z कर्मचारियों ने माना कि वे इमोजी रिएक्शंस से 2.5 गुना अधिक प्रेरित महसूस करते हैं, जबकि वरिष्ठ कर्मचारी उतनी प्रतिक्रिया नहीं दिखाते। करीब दो-तिहाई युवाओं ने कहा कि वे उन संदेशों को ज्यादा ध्यान से पढ़ते हैं जिनमें इमोजी शामिल होते हैं।
इसका सार ये है कि युवा पीढ़ी संवाद में सिर्फ शब्द नहीं, भावनाएं भी देखना चाहती है और इमोजी उस भावना को सही तरीके से जाहिर करने में मदद करते हैं।