UPSC: यूपीएससी के शताब्दी समारोह में शामिल हुए लोकसभा स्पीकर बिरला, आयोग को बताया भारत के विकास का अहम हिस्सा
UPSC: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला यूपीएससी के शताब्दी सम्मेलन में शामिल हुए, जिसका आयोजन बुधवार को किया गया। उन्होंने आयोग के 100 साल के सफर की तारीफ करते हुए इसे भारत के डेमोक्रेटिक और एडमिनिस्ट्रेटिव विकास का एक अहम चैप्टर बताया।
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UPSC: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बुधवार को संघ लोक सेवा आयोग के शताब्दी सम्मेलन में शामिल हुए। अपने संबोधन में उन्होंने यूपीएससी को देश बनाने का एक अहम पिलर बताया, जिसने भारत के एडमिनिस्ट्रेटिव सिस्टम में लोगों का भरोसा मजबूत किया है।
आयोग के 'शताब्दी सम्मेलन' के पहले सेशन में बात करते हुए बिरला ने आयोग के 100 साल के सफर की तारीफ करते हुए इसे भारत के डेमोक्रेटिक और एडमिनिस्ट्रेटिव विकास का एक अहम चैप्टर बताया।
उन्होंने कहा कि यह सौ साल लंबा शानदार सफर सिर्फ एक एडमिनिस्ट्रेटिव इतिहास नहीं है, बल्कि देश भर में गवर्नेंस, डेवलपमेंट और पब्लिक सर्विस डिलीवरी में यूपीएससी के खास योगदान की एक कभी न मिटने वाली गाथा है। इससे भारत के एडमिनिस्ट्रेटिव सिस्टम में लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है।
मेरिट, ट्रांसपेरेंसी और नैतिक मूल्यों को बढ़ावा
बिरला ने आगे कहा कि मेरिट, ट्रांसपेरेंसी और नैतिक मूल्यों पर आधारित इस संस्था ने लाखों युवा भारतीयों को पब्लिक सर्विस के लिए खुद को समर्पित करने के लिए प्रेरित किया है।
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत 2047 तक एक डेवलप्ड और इनक्लूसिव देश बनने की ओर बढ़ रहा है, यूपीएससी की भूमिका और भी जरूरी हो जाती है।
उन्होंने ने कहा, "डिजिटल युग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और तेजी से बदलते ग्लोबल माहौल के बीच यूपीएससी ने अपने सिलेक्शन प्रोसेस को ज्यादा एडवांस्ड, साइंटिफिक और ट्रांसपेरेंट बनाकर गुड गवर्नेंस के नए बेंचमार्क सेट किए हैं।"
उन्होंने कहा कि अलग-अलग सामाजिक और भौगोलिक बैकग्राउंड से आने वाले टैलेंट को बराबर मौके देकर यूपीएससी ने मेरिट, ईमानदारी और ट्रांसपेरेंसी के जरिए भारत के वाइब्रेंट डेमोक्रेटिक स्ट्रक्चर को मजबूत किया है।
बिरला ने कहा कि यूपीएससी ने अलग-अलग सामाजिक, भाषाई और भौगोलिक बैकग्राउंड से आने वाले टैलेंट को एक प्लेटफॉर्म देकर एडमिनिस्ट्रेटिव सिस्टम में भारत की वाइब्रेंट डायवर्सिटी को दिखाया है।
उन्होंने भरोसा जताया कि यह शताब्दी वर्ष कमीशन को आने वाले दशकों के लिए नई एनर्जी, दिशा और संकल्प देगा और एक ऐसी पीढ़ी तैयार करने में मदद करेगा जो राष्ट्र-निर्माण के लिए एक शक्तिशाली ताकत बनेगी।