Constitution Day 2025: संविधान की मूल प्रति किस भाषा में लिखी है और कहां रखी है?
Constitution Day 2025
विस्तार
Constitution Day 2025 : 26 नवंबर के दिन ही संविधान सभा ने स्वतंत्र भारत का संविधान अपनाया था। यह वह दस्तावेज़ है जिसने देश को दिशा, व्यवस्था और अधिकार दिए। भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा और विस्तृत संवैधानिक दस्तावेज है। यह सरकार की संसदीय प्रणाली पर आधारित है। भारतीय संविधान एक स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका की स्थापना करता है। हमारे संविधान को हाथ से लिखा गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत की मूल संविधान प्रति कैसी है? किस भाषा में लिखी गई थी? और आज किस सुरक्षित स्थान पर रखी गई है? साल 2025 के संविधान दिवस पर आइए इस ऐतिहासिक धरोहर को गहराई से समझें।
संविधान की मूल प्रति कैसी है?
भारत का संविधान दुनिया के सबसे विस्तृत और विस्तारीकरण वाले संविधानों में गिना जाता है। लेकिन उसकी मूल प्रति किसी साधारण कागज पर छपी पुस्तक नहीं है, वह एक कलाकृति है, एक विरासत है, एक राष्ट्र की आत्मा का दस्तावेज़ है। मूल प्रति टाइप नहीं की गई थी,
- इसे हाथ से लिखा गया था।
- लिखावट एक कलात्मक कैलीग्राफी शैली में है।
- हर अध्याय के शुरुआत में हाथ से बनी झालरें, लघुचित्र और भारत की कला परंपरा से प्रेरित इल्युस्ट्रेशन हैं।
- पूरी प्रति पार्चमेंट पेपर जैसी विशेष आर्काइवल शीट्स पर लिखी गई है, जो सदियों तक संरक्षित रहती हैं।
संविधान की मूल प्रति किस भाषा में लिखी गई है?
भारतीय संविधान की दो मूल प्रतियां बनाई गई थीं,
अंग्रेज़ी में मूल प्रति
यह वही प्रति है जिसे संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को हस्ताक्षर करके अपनाया। संविधान की सारी कार्यवाही भी ज्यादातर अंग्रेज़ी में ही होती थी, इसलिए यह आधिकारिक प्रति मानी गई।
हिंदी में मूल प्रति
इसे देवनागरी लिपि में लिखा गया। इसे आधिकारिक हिंदी संस्करण माना जाता है, जो बाद में लागू होने के लिए तैयार किया गया।
यानी संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में मौजूद है। दोनों संस्करणों को हाथ से लिखा गया और दोनों को समान मर्यादा प्राप्त है।
संविधान की मूल प्रति कहां रखी है?
भारत की संविधान की दोनों मूल प्रतियाँ संसद भवन में रखी हैं। विशेष रूप से, इन्हें संसद के लाइब्रेरी भवन के अंदर स्थित एक हाई-सिक्योरिटी, हीलियम-फिल्ड केस में संरक्षित किया गया है।
कैसा है यह सुरक्षा कक्ष?
- तापमान और नमी को नियंत्रित किया जाता है, ताकि कागज़ खराब न हो।
- केस में हीलियम गैस भरी होती है, जिससे ऑक्सीकरण नहीं होता और दस्तावेज़ सुरक्षित रहता है।
- उन कमरों में प्रकाश की तीव्रता कम रखी जाती है, ताकि लिखावट फीकी न पड़े।
- सुरक्षा इतनी कड़ी है कि इन्हें रोज़मर्रा में कोई भी नहीं देख सकता।सिर्फ विशेष अनुमति पर ही पहुंच संभव है।
यह संरक्षण दुनिया की उन चुनिंदा ऐतिहासिक प्रतियों जैसा है, जिन्हें सभ्यता की धरोहर माना जाता है, जैसे अमेरिका की ‘डिक्लेरेशन ऑफ इंडिपेंडेंस’।
संविधान की मूल प्रति किसने लिखी?
मूल प्रति की कैलीग्राफी प्रीम बिहारी नारायण रायज़ादा ने की थी। उन्होंने इसे निःशुल्क लिखा। बदले में सिर्फ यही आग्रह किया कि हर पृष्ठ पर उनके नाम का उल्लेख हो और उन्हें पांच हस्तलिखित प्रतियां दी जाएं। उनकी सुलेख कला ने संविधान को सिर्फ कानूनी दस्तावेज़ नहीं रहने दिया, उसे एक महाकाव्य बना दिया।
संविधान की कलाकृतियां किसने बनाई?
मूल प्रति के पृष्ठों पर जो आकर्षक चित्र हैं, वे नंदलाल बोस और उनके छात्रों ने बनाए थे। ये चित्र भारतीय सभ्यता, हड़प्पा से महात्मा गांधी तक की सांस्कृतिक यात्रा को दर्शाते हैं।