बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र का आज (24 नवंबर 2025) 89 साल की उम्र में निधन हो गया। पिछले कुछ समय से वह बीमार चल रहे थे। उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते धर्मेंद्र हाल के दिनों में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थे, इसके बाद घर पर उनका इलाज चल रहा था। सोमवार को उनका निधन हो गया। फिल्म निर्देशक-निर्माता करण जौहर ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट कर धर्मेंद्र के निधन की जानकारी दी है।
Dharmendra Death: लंबे समय से डिस्पेनिया का शिकार थे अभिनेता धर्मेंद्र, जानिए इस समस्या के बारे में विस्तार से
- Dharmendra Death Cause: धर्मेंद्र को पिछले कुछ समय से सांस लेने में दिक्कत और उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं थीं जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सांस की इस समस्या को डिस्पेनिया कहते हैं। इस वजह से उन्हें कुछ समय के लिए वेंटिलेटर पर भी रखा गया था।
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सांस लेने में तकलीफ (डिस्पेनिया)
सांस लेने में होने वाली दिक्कत को डिस्पेनिया कहते हैं, यह कोई बीमारी तो नहीं है पर कई अंदरूनी बीमारियों का लक्षण मानी जाती है। सांस या कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम की समस्याओं जैसे अस्थमा, निमोनिया, हार्ट फेलियर या एनीमिया के कारण डिस्पेनिया की समस्या हो सकती है।
सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलने की समस्या, कुछ समय से लेकर लंबे वक्त तक के लिए रह सकती है। कभी-कभी डिस्पेनिया का पता लगाना और उसका इलाज करना मुश्किल होता है क्योंकि इसके कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं। उम्र दराज लोगों में ये दिक्कत अधिक देखी जाती है।
क्यों होती है ये दिक्कत?
सांस लेने में तकलीफ महसूस होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। ज्यादा ऊंचाई पर जाने या तापमान में बदलाव के दौरान भी कुछ लोगों को सांस की दिक्कत होने लगती है। कुछ मामलों में सांस की ये दिक्कत गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से भी जुड़ी हो सकती है।
अस्थमा, स्ट्रेस, दिल की बीमारी, सांस की नली में रुकावट, एलर्जिक रिएक्शन, एनीमिया या फिर आयरन की कमी जैसी स्थितियां भी डिस्पेनिया का कारण बनती हैं। इसके अलावा हार्ट फेलियर, ब्लड प्रेशर लो या हाई होने, पल्मोनरी एम्बोलिज्म (फेफड़ों की आर्टरी में खून का थक्का बनने) के कारण भी आपको डिस्पेनिया की समस्या हो सकती है।
डिस्पेनिया के क्या लक्षण होते हैं?
डिस्पेनिया या सांस लेने में तकलीफ के कुछ आम लक्षण होते हैं जिसका समय रहते पहचान और इलाज करना जरूरी माना जाता है। अगर डिस्पेनिया अचानक होती है या लक्षण गंभीर हैं, तो यह किसी गंभीर मेडिकल कंडीशन का संकेत हो सकता है।
- मेहनत के बाद सांस फूलना
- सांस लेने में तकलीफ़
- सीने में जकड़न
- तेजी से सांस आना,
- दम घुटने जैसा महसूस होना
- दिल की धड़कन तेज होना
- घरघराहट या खांसी की समस्या बनी रहना।
डिस्पेनिया का इलाज और बचाव के तरीके
सांस की समस्याओं का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आपको ये दिक्कत हो क्यों रही है?
ज्यादा मेहनत की वजह से सांस फूलने पर थोड़ी देर रुकने और आराम करने पर समस्या ठीक हो जाती है। ज्यादा गंभीर मामलों में व्यक्ति को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है। अस्थमा या सीओपीडी वाले लोगों को डॉक्टरी मदद की आवश्यकता हो सकती है। जिन लोगों को पहले से सांस लेने में तकलीफ रही हो उन्हें कुछ बचाव के उपाय करते रहने की सलाह दी जाती है।
- सिगरेट या सेकंड-हैंड स्मोकिंग से बचें।
- केमिकल वाले धुएं और लकड़ी के धुएं से बचना चाहिए।
- कार्डियोवैस्कुलर और रेस्पिरेटरी सिस्टम को मजबूत करने के लिए योग-व्यायाम करने से मदद मिलती है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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