Covid-19: हर दिन के साथ देश में बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले, डॉक्टर से जानिए मरीजों की स्थिति और जरूरी सलाह
कोविड डैशबोर्ड पर साझा किए गए आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि पिछले 24 घंटे में ही 378 नई मामले रिपोर्ट किए गए हैं, जबकि 6 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। इसमें से अकेले केरल में ही 144 लोगों को संक्रमित पाया गया है।

विस्तार
Covid-19 Updates In Hindi: पिछले दो-तीन हफ्तों में देशभर में कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी उछाल आया है। 22 मई को कुल एक्टिव केस 257 थे जो देखते ही देखते 8 जून तक बढ़कर 6133 हो गए हैं।

कोविड डैशबोर्ड पर साझा किए गए आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि पिछले 24 घंटे में ही 378 नए मामले रिपोर्ट किए गए हैं, जबकि 6 लोगों की कोरोना से मौत हुई है। इसमें से अकेले केरल में ही 144 लोगों को संक्रमित पाया गया है, गुजरात में 105 और पश्चिम बंगाल में 71 लोग एक दिन के भीतर ही संक्रमण की चपेट में आए हैं।
साझा किए गए डेटा से पता चलता है कोरोना संक्रमण से मरने वाले अधिकतर लोग 50 से अधिक उम्र के हैं और पहले से किसी न किसी प्रकार के गंभीर या क्रॉनिक बीमारियों का शिकार रहे हैं।
संक्रमण का शिकार कम उम्र के लोग भी हो रहे हैं हालांकि अच्छी बात है कि ऐसे लोगों में गंभीर रोग विकसित होने का खतरा कम देखा जा रहा है। देशभर में बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को बचाव के निरंतर उपाय करते रहने की सलाह दी है।
(दो साल में पहली बार एक्टिव केस 5000 से ऊपर, डॉक्टरों ने कहा इसे हल्के में लेने की न करें भूल)

कोरोना के इन आंकड़ों पर डालिए नजर
इस साल के आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि 1 जनवरी से अब तक कोरोना से 6237 लोग संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, पिछले 24 घंटे में ही 753 लोग संक्रमण से उबर चुके हैं। वहीं इस साल अब तक कोरोना के कारण 65 लोगों की मौत हुई है।
इस बीच नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) ने देश में कोरोनावायरस से हुई मौतों का आधिकारिक आंकड़ा जारी किया है। सीआरएस के मुताबिक, देश में 2021 में सबसे अधिक लोग कोविड से मारे गए थे, जबकि 2019 में कोविड से सबसे कम मौतें हुई थीं।
- भारत में कोविड से 2021 के मुकाबले 2022 में कोविड संक्रमण से लगभग 86.5 लाख मौतें दर्ज की गईं।
- यह मौतें 2021 में हुई 1.02 करोड़ मौतों से 15 फीसदी से भी अधिक कम हैं।
- सीआरएस के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में देश भर में 1.02 करोड़ लोगों की मौतों के साथ मृतक संख्या में तेज उछाल दर्ज किया गया था।
- यह आंकड़ा 2020 में 81.1 लाख, 2019 में 76.4 लाख और 2018 में 69.5 लाख था।
(ये भी पढ़िए- कोरोना ने हृदय रोगों का बढ़ाया खतरा, हल्के स्तर का संक्रमण भी खतरनाक; अध्ययन में खुलासा)

क्या कहते हैं डॉक्टर?
अमर उजाला से बातचीत में दिल्ली स्थित अस्पताल में इंटेंसिव केयर के डॉ विक्रमजीत सिंह बताते हैं, कोविड-19 मामलों में लगातार हो रही वृद्धि चिंता का विषय जरूर है और इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह वैरिएंट ओमिक्रॉन स्ट्रेन फैमिली का ही है, जिसके लक्षण अधिकतर लोगों में हल्के, कुछ लोगों में एसिम्टोमेटिक और आम जनता के लिए काफी हद तक हानिरहित है।
ये वायरस भी अन्य मौसमी श्वसन संक्रमणों की तरह व्यवहार कर रहा है, लोग आसानी से ठीक हो रहे हैं इसलिए आंकड़ों से बहुत ज्यादा डरने या चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

सर्दी या खांसी जैसे लक्षणों को अनदेखा न करें
दिल्ली के अस्पतालों में स्थिति का जिक्र करते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जो लोग कोरोना पॉजिटिव आ रहे हैं उनमें से अधिकतर आसानी से घर पर ही ठीक हो रहे हैं। चूंकि संक्रमण के मामलों में उछाल देखा जा रहा है इसलिए फ्लू, सर्दी या खांसी जैसे लक्षणों को अनदेखा न करें, इसका सही से इलाज कराएं। अगर 4-5 दिनों में लक्षणों से राहत न मिले तो डॉक्टर की सलाह पर कोविड का टेस्ट करा सकते हैं।
संक्रमित हो जाएं तो क्या करें?
अगर आप संक्रमित हो भी जाते हैं तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। मास्क पहनें और घर में आइसोलेशन के साथ लक्षणों को कम करने वाली सामान्य दवाएं डॉक्टर की सलाह पर लेते रहें। हमारे देश ने टीकाकरण और पहले से मौजूद संक्रमणों के जरिए मजबूत प्रतिरक्षा विकसित की है, इसलिए कोरोना अब उतना गंभीर और प्रभावी नहीं रहा है।
जिन लोगों को पहले से कोई क्रॉनिक बीमारी जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोग है उन्हें कोरोना से बचाव और संक्रमण की स्थिति में इलाज या अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है। हालांकि ऐसे मामले भी ज्यादा नहीं हैं।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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