{"_id":"68c6951c11fe44e75d08fb99","slug":"what-are-the-warning-signs-of-prediabetes-how-to-reduce-diabetes-risk-factors-2025-09-14","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"Diabetes: शरीर में दिखें ये संकेत तो हो जाएं सतर्क, समय रहते दे लिया ध्यान तो डायबिटीज से हो सकता है बचाव","category":{"title":"Health & Fitness","title_hn":"हेल्थ एंड फिटनेस","slug":"fitness"}}
Diabetes: शरीर में दिखें ये संकेत तो हो जाएं सतर्क, समय रहते दे लिया ध्यान तो डायबिटीज से हो सकता है बचाव
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अभिलाष श्रीवास्तव
Updated Sun, 14 Sep 2025 05:41 PM IST
सार
प्री-डायबिटीज को अक्सर लोग गंभीरता से नहीं लेते, क्योंकि इसके लक्षण स्पष्ट नहीं दिखाई देते हैं। इसपर ध्यान दे लिया जाए और समय रहते लाइफस्टाइल को ठीक कर लें तो डायबिटीज के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
विज्ञापन
1 of 5
प्री-डायबिटीज का खतरा
- फोटो : Adobe stock
Link Copied
Diabetes Risk: विज्ञान ने खूब तरक्की कर ली है, लेकिन आज भी कई बीमारियां ऐसी हैं, जिनका इलाज पूरी तरह संभव नहीं है, डायबिटीज भी इन्हीं में से एक है। अंतरराष्ट्रीय मधुमेह महासंघ (आईडीएफ) के अनुसार, दुनियाभर में 82.8 करोड़ महिला-पुरुष डायबिटीज से पीड़ित हैं, जिनमें से एक चौथाई से अधिक भारत में हैं। इसके अलावा लगभग 25 मिलियन लोग प्री-डायबिटीज से पीड़ित हैं, यानी उनमें भविष्य में डायबिटीज होने का अधिक जोखिम है। लेकिन आप इसे रोक सकती हैं।
डॉक्टर कहते हैं, जब शरीर में इंसुलिन हार्मोन की कार्यप्रणाली कमजोर पड़ जाती है तो ग्लूकोज सही तरीके से कोशिकाओं में नहीं पहुंच पाता। इससे रक्त में शर्करा का स्तर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। यही स्थिति प्री-डायबिटीज कहलाती है। हालांकि प्री-डायबिटीज को अक्सर लोग गंभीरता से नहीं लेते, क्योंकि इसके लक्षण स्पष्ट नहीं दिखाई देते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इसपर ध्यान दे लिया जाए और समय रहते लाइफस्टाइल को ठीक कर लें तो डायबिटीज के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
Trending Videos
2 of 5
डायबिटीज का बढ़ता खतरा
- फोटो : Freepik.com
प्री-डायबिटीज पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत
प्री-डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, जो यदि समय पर नियंत्रित न की जाए तो यह मोटापा, उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी रोग और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है। इसमें ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक, लेकिन डायबिटीज से कम होता है। चिकित्सकों का कहना है कि समय पर पहचान और प्रबंधन से हम बड़े खतरे को टाल सकते हैं।
हालांकि यहां ध्यान देना जरूरी है कि प्री-डायबिटीज के लक्षण साफ तौर पर नहीं दिखते, लेकिन कुछ संकेतों से इसे पहचाना जा सकता है, जैसे- बार-बार प्यास या भूख लगना, जल्दी थकान महसूस होना, अचानक वजन बढ़ना या घटना। पेट के आस-पास चर्बी जमा होना और परिवार में डायबिटीज का इतिहास होना भी जोखिम को बढ़ाते हैं। ऐसे में आप संकेतों को नजरअंदाज न करें।
विज्ञापन
विज्ञापन
3 of 5
डायबिटीज का न हो जाएं शिकार
- फोटो : Freepik.com
किन लोगों को खतरा अधिक?
प्री-डायबिटीज का सबसे अधिक खतरा उन लोगों को होता है, जो अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, जिनकी शारीरिक गतिविधियां कम होती हैं और जो असंतुलित आहार लेते हैं। वहीं जिनके परिवार में डायबिटीज का इतिहास है या जिन्हें उच्च रक्तचाप और हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है, उनमें भी इसका जोखिम अधिक होता है। 45 वर्ष से अधिक आयु के लोग, खासकर पेट के आस-पास चर्बी वाले व्यक्ति, प्री-डायबिटीज के लिए अधिक संवेदनशील माने जाते हैं।
4 of 5
डायबिटीज में कौन से फल खाएं
- फोटो : Freepik.com
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
सीनियर फिजिशियन डॉ. अनिल बंसल कहते हैं, जिन परिवारों में डायबिटीज के मरीज हैं, उन्हें ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। इसलिए हर 6 महीने में फास्टिंग ब्लड शुगर और एचबीए1सी (ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन) जांच कराना जरूरी है। आहार में फाइबर बढ़ाएं, जैस- साबुत अनाज, दालें, फल और सब्जियां। मीठे पेय, तली चीजें और जंक फूड से बचें। दिन में 4–5 बार थोड़ा-थोड़ा खाएं।
वजन नियंत्रित रखें, खासकर पेट की चर्बी घटाएं। शरीर का 5-7 प्रतिशत वजन कम करने से डायबिटीज का खतरा 50 प्रतिशत तक घटता है। रोज 30-45 मिनट तेज चलना, योग या तैराकी करें। हफ्ते में 150 मिनट शारीरिक गतिविधि जरूरी है। नींद और तनाव का प्रबंधन करें। रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें, ध्यान और प्राणायाम करें।
विज्ञापन
5 of 5
डायबिटीज से बचाव के तरीके
- फोटो : Adobe stock
समय रहते दे लिया ध्यान तो बन जाएगा काम
चिकित्सकों का मानना है कि प्री-डायबिटीज कोई ऐसी बीमारी नहीं है, जिसे रोका न जा सके। सही समय पर पहचान कर और स्वस्थ जीवन-शैली अपनाने से इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। इसके लिए संतुलित आहार लें, जिसमें हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और दालें शामिल हों। तली-भुनी, मीठी चीजों और फास्ट फूड से बचें। नियमित रूप से कम से कम 30 मिनट पैदल चलें या योग करें। मोटापा नियंत्रित रखें और ब्लड शुगर की सालाना जांच कराती रहें।
----------------------------
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
सबसे विश्वसनीयहिंदी न्यूज़वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ेंलाइफ़ स्टाइल से संबंधित समाचार (Lifestyle News in Hindi), लाइफ़स्टाइल जगत (Lifestyle section) की अन्य खबरें जैसेहेल्थ एंड फिटनेस न्यूज़ (Health and fitness news), लाइवफैशन न्यूज़, (live fashion news) लेटेस्टफूड न्यूज़इन हिंदी, (latest food news) रिलेशनशिप न्यूज़ (relationship news in Hindi) औरयात्रा (travel news in Hindi) आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़ (Hindi News)।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।