Covid-19: देश में कोरोना के दो नहीं बल्कि चार वैरिएंट्स एक्टिव, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी महत्वपूर्ण जानकारी
- 22 मई को देश में कोरोना के कुल एक्टिव केस 257 थे जो 15 जून तक बढ़कर 7400 पहुंच गए।
- हालांकि राहत की खबर ये है कि बीते तीन-चार दिनों से संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है।
- हालिया रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने बताया है कि देश में ओमिक्रॉन के सिर्फ दो नहीं, बल्कि चार सब-वैरिएंट्स सक्रिय हैं।

विस्तार
Covid 19 Latest News: देशभर में पिछले करीब एक महीने से कोरोनावायरस संक्रमण के मामलों में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। 22 मई को कोरोना के कुल एक्टिव केस 257 थे जो 15 जून तक बढ़कर 7400 पहुंच गए थे। हालांकि राहत की खबर ये है कि बीते तीन-चार दिनों से संक्रमण के मामलों में गिरावट देखी जा रही है। 20 मई तक एक्टिव केस घटकर 5608 रह गए हैं।

कोविड डैशबोर्ड पर साझा की गई जानकारियों के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना से देश में चार लोगों की मौत हुई है। इसमें एक मामला दिल्ली से भी है, जहां लंग्स कैंसर के साथ कोविड का शिकार हुए एक 75 वर्षीय पुरुष की मौत हुई है। बाकी तीन मौतें केरल, पंजाब और महाराष्ट्र में रिपोर्ट की गई हैं, सभी की उम्र 65 से अधिक है।
हाल के दिनों में वैश्विक स्तर पर देखे गए कोरोना के जोखिमों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने और संक्रमण से बचाव के उपाय करने की सलाह दी है।

देश में ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स एक्टिव
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, देश में ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स के मामले देखे जा रहे हैं। कोरोना के दो वैरिएंट्स निंबस (Nimbus) और स्ट्राटस (Stratus) यहां सबसे ज्यादा प्रभावी रूप में देखे जा रहे हैं। एनबी.1.8.1 को अनौपचारिक रूप से “निंबस” उपनाम दिया गया है, वहीं एक्सएफजी को स्ट्राटस कहा जा रहा है।
पर हालिया रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने बताया है कि देश में ओमिक्रॉन के सिर्फ दो नहीं, बल्कि चार सब-वैरिएंट्स सक्रिय हैं।
(ये भी पढ़िए- सही साबित हुई महामारी विशेषज्ञ की बात, कम होने लगे एक्टिव केस; पर अब भी इस बात का जरूर रखिए ध्यान)

दो नहीं, चार वैरिएंट्स हैं देश में सक्रिय
आईसीएमआर-एनआईवी पुणे के निदेशक डॉ नवीन कुमार ने बताया कि पिछले कुछ समय से देश में कोरोना के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। जिन सब-वैरिएंट्स के इसके लिए प्रमुख पाया गया है उनमें JN.1, LF.7, XFG और NB.1.8.1 हैं। डॉ नवीन कुमार ने कहा, अभी तक ये वैरिएंट्स इतने गंभीर नहीं दिखे हैं। हम सभी मौजूदा स्ट्रेन को अलग कर रहे हैं।
इसके अलावा हाल ही में, न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ राजीव बहल ने कहा कि सरकार ट्रांसमिशन, निगरानी और तैयारियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, लेकिन वर्तमान में प्रसारित हो रहे वैरिएंट के लक्षण भी ओमिक्रॉन के पिछले वैरिएंट्स जैसे हल्के ही हैं।

इन तीन बातों पर सरकार की नजर
डॉ बहल ने कहा, सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां कोविड-19 मामलों पर कड़ी निगरानी रख रही हैं और आवश्यक कदम उठा रही हैं। वर्तमान में, सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आई है और अधिकांश मामले दक्षिणी और पश्चिमी भारत तक सीमित हैं। सरकार तीन प्रमुख कारकों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
- संक्रमण की दर क्या है?
- तेजी से बढ़ते मामले
- क्या वायरस हमारी प्राकृतिक और वैक्सीन-प्रेरित प्रतिरक्षा को चकमा दे रहा है?
(कोरोना संक्रमितों में देखी गई 'रेजर ब्लेड थ्रोट' की दिक्कत, विशेषज्ञों से जानिए क्या है ये समस्या)

'कोरोना हमेशा हमारे बीच ही है'
वहीं, डॉ नवीन कुमार ने कहा, हमें यह समझना होगा कि महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक कोरोना के मामले कभी भी 'शून्य' नहीं रहे हैं। भले ही देश में किसी समय संक्रमण के मामले न के बराबर होते हैं पर हमें ये समझना होगा कि कोरोना हमारे आसपास ही है।
हाल के महीनों में सिंगापुर और अन्य पड़ोसी देशों में मामलों की संख्या में वृद्धि के बाद, हमने यह भी देखा कि जो स्ट्रेन सिंगापुर में प्रसारित हो रहा है, वह 5-6 हफ्तों में यहां भी आ गया है। इसलिए हमने अपनी निगरानी और परीक्षण भी बढ़ा दिए। कोरोना की इस प्रकृति के देखते हुए सभी लोगों को संक्रमण से बचाव को लेकर निरंतर सावधानी और सतर्कता बरतते रहना जरूरी है।
------------
स्रोत
Currently circulating COVID-19 Variants under Monitoring
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।