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Healthy Diet: सही खान-पान और व्यायाम से टाइप-2 डायबिटीज में एक तिहाई सुधार; नई स्टडी ने दी राहत की उम्मीद
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली।
Published by: शिवम गर्ग
Updated Tue, 28 Oct 2025 04:39 AM IST
सार
भारत में टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत की खबर है। एक नई भारतीय स्टडी में पाया गया है कि पौधे आधारित आहार, नियमित व्यायाम और मानसिक अनुशासन अपनाने से टाइप-2 डायबिटीज में एक तिहाई तक सुधार संभव है।
भारत में टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे मरीजों के लिए राहत की खबर है। एक नई भारतीय स्टडी में पाया गया है कि पौधे आधारित आहार, नियमित व्यायाम और मानसिक अनुशासन अपनाने से टाइप-2 डायबिटीज में एक तिहाई तक सुधार संभव है।
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सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : Freepik.com
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विस्तार
भारत में टाइप-2 डायबिटीज से जूझ रहे लाखों लोगों के लिए उम्मीद की नई किरण सामने आई है। हालिया भारतीय अध्ययन ने यह प्रमाणित किया है कि यदि मरीज पौधे आधारित भोजन, नियमित व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श जैसी गहन जीवनशैली में बदलाव अपनाते हैं तो बीमारी में एक तिहाई सुधार ला सकते हैं और दवा पर निर्भरता समाप्त कर सकते हैं।
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फ्रीडम फ्रॉम डायबिटीज क्लिनिक एंड डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन शोध में खुलासा किया गया है कि गहन जीवनशैली कार्यक्रम टाइप-2 डायबिटीज में रीमिशन यानी रोग-सुधार ला सकता है। देश में फिलहाल लगभग 7.2 करोड़ लोग टाइप-2 डायबिटीज से प्रभावित हैं। यह सिर्फ दवा-आधारित बीमारी नहीं, बल्कि जीवनशैली से जुड़ी गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है, अगर सही खान-पान, नियमित व्यायाम और मानसिक अनुशासन अपनाया जाए, तो टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित करने के साथ कई मामलों में पूरी तरह सुधारा भी जा सकता है।
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इस अध्ययन में 2,384 वयस्क टाइप-2 डायबिटीज मरीजों को शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने इस कार्यक्रम को भारतीय भोजन-संस्कृति और दैनिक आदतों के अनुरूप तैयार किया। अध्ययन का एक बड़ा निष्कर्ष यह भी रहा कि ऑनलाइन मॉडल न सिर्फ शहरी बल्कि दूरदराज के ग्रामीण मरीजों के लिए भी समान रूप से प्रभावी साबित हुआ। इससे यह संकेत मिलता है कि डिजिटल स्वास्थ्य-प्लेटफार्म भारत में डायबिटीज-प्रबंधन की नई दिशा बन सकते हैं। यह अध्ययन भारत में पहला ऐसा व्यवस्थित और बड़े पैमाने का प्रमाण है जिसने यह दिखाया कि संरचित जीवनशैली बदलाव, वैज्ञानिक निगरानी और मानसिक स्वास्थ्य सहयोग, इन तीनों के संयोजन से टाइप-2 डायबिटीज में उल्लेखनीय सुधार संभव है।
यह पारंपरिक सिर्फ दवा-केंद्रित दृष्टिकोण को चुनौती देता है और नीति-निर्माताओं को संकेत देता है कि भारत जैसे देश में कम लागत, उच्च प्रभाव वाले जीवनशैली कार्यक्रमों को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया जा सकता है।
मांसाहारियों में भी सुधार की गुंजाइश
जो लोग नॉनवेज भोजन करते हैं, वे भी टाइप-2 डायबिटीज नियंत्रण के लिए अपनी डाइट को संतुलित बना सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लो-फैट और हाई-फाइबर नॉनवेज विकल्प चुनना अधिक व्यावहारिक है। उदाहरण के लिए मछली, अंडे का सफेद भाग, बिना त्वचा वाला चिकन और उबला या ग्रिल्ड मीट बेहतर विकल्प हैं। लाल मांस (रेड मीट), प्रोसेस्ड मीट और तले हुए नॉनवेज व्यंजनों से बचना चाहिए।
सीमाएं और सावधानियां...
हालांकि परिणाम उत्साहजनक हैं, लेकिन शोधकर्ताओं ने यह भी स्वीकार किया कि अध्ययन पिछले आंकड़ों पर आधारित था और इसमें कंट्रोल ग्रुप नहीं था। इसके अतिरिक्त केवल उन्हीं प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जिनका फॉलो-अप डेटा उपलब्ध था, जिससे चयन-पूर्वाग्रह की संभावना बनी रहती है। नतीजों को सभी टाइप-2 डायबिटीज मरीजों पर सीधे लागू करना फिलहाल संभव नहीं है। इसके बावजूद अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि यदि सही तरीके से जीवनशैली में बदलाव किया जाए तो लगभग हर तीन में से एक भारतीय मरीज में टाइप-2 डायबिटीज की स्थिति पूरी तरह सुधर सकती है।