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कहीं आपकी नजर को नजर न लगा दें ये कॉस्मेटिक्स

नई दिल्ली/इंटरनेट डेस्क Updated Mon, 24 Dec 2012 10:12 AM IST
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side effects of eye makeup
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काजल, आइ लाइनर, मस्कारा, आइशैडो जैसे कई कॉस्मेटिक्स हैं, जिनका इस्तेमाल हम आंखों की खूबसूरती बढ़ाने के लिए करते हैं। आजकल तो आर्टिफिशियल आइ लैशेज और कलर्ड आइ लेंसेज का भी फैशन चल पड़ा है। लेकिन आंखों पर कुछ भी नया आजमाने से पहले आई कॉस्मेटिक्स से संबंधित जरूरी बातें भी जानें, ताकि आंखों को कोई नुकसान न हो। आइए जानें सीनियर कंसल्टेंट (नेत्र रोग) डॉ. संजय तेवतिया से बातचीत के आधार पर आंखों के कॉस्मेटिक्स से संबंधित जरूरी बातें।

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काजल   
काजल में कुछ कार्बन पार्टिकल्स पाए जाते हैं जो आंखों के लिए हानिकारक होते हैं। इससे आंखों में कंजेक्टिवाइटिस (आइ फ्लू ) और कॉर्नियल अल्सर (आंख की पुतली पर घाव) होने की आशंका रहती है। उचित उपचार न मिलने पर कॉर्नियल अल्सर के कारण आंख में फूला या माडा होने एवं नेत्र ज्योति जाने की आशंका रहती है। इसलिए आंखों पर काजल लगाते समय विशेष सावधानी बरतें। काजल पेंसिल को ज्यादा नुकीला नहीं रखें।
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मस्कारा

मस्कारा को ब्रश की मदद से पलकों की जड़ों से किनारे की ओर लगाया जाता है। इससे पलकें घनी दिखती हैं। मस्कारा में इस्तेमाल कुछ खास प्रकार के केमिकल्स आंखों में एलर्जी पैदा करते हैं। इसलिए मस्कारा लगाते समय ध्यान रखें कि मस्कारा आंख के अंदर न जाने पाए।

अगर गलती से आंखों में मस्कारा चला भी जाए, तो ऐसी स्थिति में आंखों को साफ पानी से धोना चाहिए। मस्कारा लगाने से पलकों पर खुजली हो या कोई अन्य परेशानी, तो इस स्थिति में मस्कारा का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें। एक बात और एक ही मस्कारा को अधिक दिनों तक इस्तेमाल करने से आंखों में संक्रमण हो सकता है। इसलिए मस्कारा को 2-4 महीने के बाद ही बदल दें।

आइ लाइनर  
आइ लाइनर लिक्विड के रूप में इस्तेमाल करें या पेंसिल के रूप में, आंखों पर लाइनर अप्लाई करते समय विशेष सावधानी रखें। गलत तरीके से लगाए गए आई-लाइनर से कंजेक्टिवाइटिस होने या कोर्निया इन्जरी होने की आशंका रहती है।

आइ शैडो
आइ शैडो भौंहों और पलकों के बीच की त्वचा पर लगाई जाती है। आईशैडोज में भी विभिन्न प्रकार के केमिकल्स पाए जाते हैं। इनके इस्तेमाल से कई बार ऊपरी पलक पर एलर्जी, डर्मेटाईटिस होने की आशंका रहती है। ऐसा होने पर आईशैडो का इस्तेमाल बंद कर दें।
 
आई लैशेज

आंखों का अट्रैक्टिव दिखाने के लिए आर्टिफिशियल आई लैशेज का इस्तेमाल भी इन दिनों लड़कियां खूब करने लगी हैं। आर्टिफिशियल आई लैशेज को लगाते या निकालते समय आंखें चोटिल हो सकती हैं। विशेष रूप से कोर्निया।

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